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Friday 21 April 2023 12:58:30 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शांत और समृद्ध पूर्वोत्तर के विजन को साकार करने की दिशा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में नई दिल्ली में असम और अरुणाचल प्रदेश केबीच वर्षों से लंबित अंतर्राज्यीय सीमा विवाद के निपटारे केलिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। नॉर्थईस्ट में पूरी तरह शांति स्थापित करने के मोदी सरकार के एक और अहम कदम केतहत इस महत्वपूर्ण समझौते पर असम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने हस्ताक्षर किए। गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि हमसब उत्तरपूर्व और भारत के एक ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने हैं, जब असम और अरुणाचल प्रदेश केबीच दशकों से चला आ रहा सीमा विवाद पूरी तरह से समाप्त हो गया है। उन्होंने कहाकि इस विवाद पर लोकल कमीशन की रिपोर्ट दशकों तक इधर-उधर घूमती रही, जिसे दोनों राज्यों ने स्वीकार कर लिया है। अमित शाह ने कहाकि ये समझौता विकसित, शांत और विवादरहित नॉर्थईस्ट के स्वप्न को साकार करने की दिशामें एक मील का पत्थर साबित होगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि 2018 से भारत सरकार ने पूर्वोत्तर में शांति की स्थापना और हिंसा खत्म करने केलिए ब्रू, एनएलएफटी, कार्बी आंगलोंग, आदिवासी शांति समझौते किए हैं, इन समझौतों के परिणामस्वरूप पूरे पूर्वोत्तर में शांति की एक नई पहल शुरू हुई है और अबतक 8000 से अधिक हथियारबंद युवा हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। अमित शाह ने कहाकि 2014 की तुलना में उत्तरपूर्व में हिंसा की घटनाओं में 67 प्रतिशत, सुरक्षाबलों की मृत्यु की संख्या में 60 प्रतिशत और नागरिकों की मृत्यु की संख्या में 83 प्रतिशत की कमी आई है, जो नरेंद्र मोदी सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहाकि पूर्वोत्तर के कई स्थानों से अफस्पा को हटा लिया गया है, असम में 70 प्रतिशत, मणिपुर के 6 ज़िलों के 15 पुलिस स्टेशन, अरूणाचल में 3 ज़िले छोड़कर सभी ज़िले, नागालैंड में 7 ज़िले और त्रिपुरा व मेघालय पूर्णतया अफस्पा से मुक्त हो चुके हैं। अमित शाह ने कहाकि मोदी सरकार के प्रयासों से आज नॉर्थईस्ट में हर क्षेत्रमें चौतरफा विकास होता दिख रहा है और ये पूरा क्षेत्र प्रगति के रास्ते पर चल रहा है।
अमित शाह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं 50 से अधिक बार इस क्षेत्र की यात्रा की है और हमेशा यहां की भाषा, संस्कृति, साहित्य, वेशभूषा, खान-पान को बढ़ावा दिया है, हालही में असम में बिहू उत्सव के दौरान गिनीज वुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने वाले स्थानीय बिहू नृत्य का साक्षी बनकर उन्होंने इसे विश्वप्रसिद्ध बनाने का काम किया। अमित शाह ने मोदी सरकार की ओऱ से दोनों राज्यों की जनता को बधाई देते हुए कहाकि ये समझौता दोनों राज्यों केलिए शुभांकर साबित होगा और विकास के नए द्वार खोलेगा। अमित शाह ने काफी समय से लंबित इस सीमा विवाद को सुलझाने में असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहाकि दोनों राज्यों ने विवाद के निपटारे केलिए क्षेत्रीय समिति बनाई, आम लोगों से बात की और सभी को इस प्रयास में समाहित करने का काम किया है। दोनों राज्यों केबीच अंतर्राज्यीय सीमा से सटे 123 गांवों से संबंधित इस विवाद की समाप्ति केलिए समझौता ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, जनसांख्यिकीय प्रोफाइल, प्रशासनिक सुविधा, सीमा से निकटता और निवासियों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
असम-अरुणाचल प्रदेश केबीच हुए इस समझौते केतहत दोनों राज्य सरकारों में इस बात पर सहमति बन गई हैकि 700 किलोमीटर से अधिक की दोनों राज्यों केबीच की सीमा के संबंध में यह समझौता पूर्ण और अंतिम होगा और दोनों पक्षों द्वारा भविष्य में किसी भी क्षेत्र या गांव से संबंधित कोई नया दावा पेश नहीं किया जाएगा। समझौते केबाद सर्वे ऑफ इंडिया ने दोनों राज्यों की सीमाओं के सटीक निर्धारण केलिए दोनों राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में विस्तृत सर्वेक्षण किया जाएगा। गौरतलब हैकि मोदी सरकार हमेशा से आपसी सहयोग और समझ की भावना केसाथ संबंधित राज्य सरकारों के सक्रिय सहयोग से अंतर्राज्यीय सीमा विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान केलिए एक सूत्रधार के रूपमें कार्य कर रही है। मोदी सरकार के प्रयासों से असम और अरूणाचल प्रदेश केबीच हुआ ये अहम समझौता सहकारी संघवाद का एक सफल उदाहरण है और ये अन्य राज्यों केबीच सीमा विवादों के समाधान केलिए एक रोडमैप प्रदान करेगा। इस अवसर पर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू, केंद्रीय गृह सचिव, केंद्र और दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।