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Saturday 6 May 2023 03:01:44 PM
बारीपदा (ओडिशा)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज बारीपदा ओडिशा में महाराजा श्रीरामचंद्र भांजा देव विश्वविद्यालय के 12वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया और उसे संबोधित किया। राष्ट्रपति ने कहाकि महाराजा श्रीरामचंद्र भांजा देव विश्वविद्यालय ने अपने इतिहास के बहुत कम समय में उच्चशिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्रमें एक विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने आदिवासी प्रथाओं और सांस्कृतिक परंपराओं के आधार को संरक्षित करने के उद्देश्य से अपने परिसर में 'पवित्र उपवन' की स्थापना केलिए विश्वविद्यालय की सराहना की। उन्होंने कहाकि 'सेक्रेड ग्रोव' पर्यावरण और स्थानीय जैव विविधता के संरक्षण केलिए महत्वपूर्ण है, यह प्राकृतिक संसाधनों के समुदाय आधारित प्रबंधन के सर्वोत्तम उदाहरणों में से एक है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि दुनिया ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है, भारत ने प्रकृति के अनुकूल जीवनशैली अपनाने केलिए दुनिया के सामने एक मिसाल कायम की है, जिसे लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट या लाइफ कहा जाता है। राष्ट्रपति ने कहाकि हमारी परंपरा में माना जाता हैकि पेड़-पौधे, पहाड़, नदियां सभी में जीवन है और केवल मनुष्य ही नहीं, बल्कि सभी जीवजंतु भी प्रकृति की संतान हैं, इसलिए प्रकृति केसाथ तालमेल बनाकर रहना सबका कर्तव्य है। उन्होंने कहाकि इस क्षेत्र में स्थित सिमिलिपाल राष्ट्रीय उद्यान जैव विविधता की दृष्टि से विश्वस्तर पर महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि विश्वविद्यालय के छात्र और शिक्षक अपने अनुसंधान और नवाचार के माध्यम से जैव विविधता की रक्षा का रास्ता खोज लेंगे। दीक्षांत समारोह में उन्होंने मेधावी छात्र-छात्राओं को मानद उपाधियां भी प्रदान कीं।
महाराजा श्रीरामचंद्र भांजा देव विश्वविद्यालय के स्नातक छात्रों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहाकि डिग्री प्राप्त करने का मतलब यह नहीं हैकि शिक्षा प्रक्रिया पूरी हो गई है, शिक्षा एक सतत प्रक्रिया है। उन्होंने कहाकि उच्चशिक्षा प्राप्त करने केबाद उनमें से कुछ नौकरी करेंगे, कुछ व्यवसाय करेंगे और कुछ शोध भी करेंगे, लेकिन नौकरी करने की सोचने से बेहतर नौकरी देने की सोच है। उन्हें यह जानकर खुशी हुईकि इस विश्वविद्यालय ने एक इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किया है और छात्रों, पूर्व छात्रों और आम लोगों को स्टार्टअप स्थापित करने में सहायता प्रदान करता है। राष्ट्रपति ने कहाकि प्रतिस्पर्धा जीवन का अनिवार्य पक्ष है, जीवन के हर क्षेत्रमें प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। उन्होंने इस अवसर पर महाराजा श्रीरामचंद्र भांजा देव विश्वविद्यालय में ओडिशा के विशेष रूपसे कमजोर जनजातीय समूहों केसाथ बातचीत भी की।
राष्ट्रपति ने कहाकि छात्रों को हमेशा प्रतियोगिता में सफल होने का प्रयास करते रहना चाहिए, इसके लिए उन्हें उच्च कौशल प्राप्त करते रहना चाहिए और अधिक दक्षता की ओर बढ़ना चाहिए, ये अपनी इच्छा शक्ति से असंभव को भी संभव में बदल सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि प्रतिस्पर्धा जीवन का स्वाभाविक पक्ष है, लेकिन सहयोग जीवन का सुंदर पक्ष है। उन्होंने छात्राओं से कहाकि जीवन में आगे बढ़ते हुए जब वे पीछे मुड़कर देखेंगे तो पाएंगेकि समाज के कुछ लोग उनका मुकाबला करने के काबिल नहीं हैं। उन्होंने छात्रों को वंचितों का हाथ पकड़कर आगे लाने की सलाह दी। उन्होंने कहाकि उदारता और सहयोग से स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने छात्रों से न केवल अपने सुख और हित के बारेमें, बल्कि समाज और देश के कल्याण के बारेमें भी सोचने का आग्रह किया।