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Tuesday 23 May 2023 11:54:59 AM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में जनगणना भवन का उद्घाटन करते हुए कहा हैकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को पूरी तरह सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशी रूपसे विकसित करने का आधार नई जनगणना होगी। अमित शाह ने कहाकि मोदी सरकार इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जनगणना कराएगी, जिसमें हर व्यक्ति को डेटा भरने का अधिकार होगा, उसका सत्यापन एवं ऑडिट होगा और इसमें सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति के 35 से अधिक पैरामीटर्स को शामिल किया गया है। उन्होंने कहाकि पहले जनगणना और विकास की योजना बनाने वाले लोगों केबीच कोई कड़ी भी नहीं थी, पहले की जनगणनाओं में विकास केलिए जो डेटा उपलब्ध होना चाहिए, वो नहीं था और ना ही उसके विश्लेषण की व्यवस्था थी। गृहमंत्री ने कहाकि काफी साल तक हमारे देश का विकास मांग आधारित और टुकड़ों में होता रहा, इतने बड़े भौगोलिक विविधता वाले देश में अगर सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशक विकास करना है तो ये बहुत ज़रूरी हैकि विकास की प्लानिंग डेटा के आधार पर हो और डेटा केलिए हमारे पास जनगणना के सिवा और कोई साधन नहीं है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि आज़ादी के लगभग 70 साल बाद योजना बनीकि हर गांव में बिजली पहुंचनी चाहिए, हर व्यक्ति को घर, नल से स्वच्छ पीने का पानी, स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें और हर घर में शौचालय बन जाए। गृहमंत्री ने कहाकि आजादी के लगभग 70 साल बाद तक पानी, बिजली, घर, स्वास्थ्य आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं, क्योंकि इनके लिए आवश्यक बजट उपलब्धता किसी को नहीं पता थी, योजनाएं बनती रहीं, लक्ष्य तय होते रहे, सबको घर देने का लक्ष्य तय करने का साहस नहीं था, क्योंकि किसी को नहीं पता थाकि इसके लिए कितना बजट चाहिए, लेकिन मोदी सरकार डेटा का उचित विश्लेषण करके गरीबों तक सुविधाएं पहुंचा रही है और आगे भी पहुंचाएगी। उन्होंने कहाकि जनगणना का उपयोग सटीकता, ऑनलाइन उपलब्धता, प्लानिंग और जनगणना केबीच सेतु के अभाव में ये सब पहले नहीं हो सका, मोदी सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही हैकि जैसेही एक व्यक्ति 18 वर्ष का होता है, चुनाव आयोग उससे सूचना लेकर उसका वोटर कार्ड बना देगा, इसी प्रकार किसीकी मृत्यु होने पर जनगणना रजिस्ट्रार से चुनाव आयोग केपास इसकी सूचना जाएगी और फिर प्रक्रियानुसार उसका नाम मतदाता सूची से हटा लिया जाएगा।
गृहमंत्री ने कहाकि इस प्रकार की जनगणना के प्रयास से जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन और जनगणना कम्प्लीट हो सकेगी, जिससे देश को बहुआयामी फायदे होंगे। उन्होंने कहाकि जनगणना का डेटा विकास की मूल योजना बनाने और वंचितों, शोषितों को आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने में सहायक होता है। अमित शाह ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण केलिए वेबपोर्टल, जियोफेंसिंग केसाथ अपग्रेडेड एसआरएस मोबाइल एप्लीकेशन और जनगणना प्रकाशनों की ऑनलाइन बिक्री के वेबपोर्टल का भी शुभारंभ किया। अमित शाह ने कहाकि जन्म और मृत्यु का पंजीकरण किसीभी देश केलिए बहुत महत्वपूर्ण है और ये दो जनगणनाओं केबीच विकास की योजनाओं को बनाने में मदद करता है, अब मोदी सरकार इस प्रक्रिया को ऑनलाइन करके आसान बना रही है। गृहमंत्री ने जनगणना संग्रह 1981 से आगामी जनगणना का भी विमोचन किया। उन्होंने कहाकि आज 1981 से अभी तककी सभी जनगणनाओं के इतिहास को एक पुस्तक में संकलित करके प्रकाशित किया गया है। उन्होंने कहाकि जबतक ज़िम्मेदारी तय नहीं होती है, तबतक उसका निर्वहन करना मुश्किल होता है और जियोफेंसिंग केसाथ अपग्रेडेड एसआरएस मोबाइल एप्लीकेशन निचले स्तरतक के कर्मचारी को रिस्पॉंसिबल बनाएगा।
अमित शाह ने कहाकि जनगणना देश के विकास को रेखांकित करने वाली प्रक्रिया है और इसके लिए ये ज़रूरी हैकि जियोफेंसिंग केसाथ एसआरएस अपग्रेडेड मोबाइल एप्लीकेशन एक ऐसा अलर्ट सिस्टम बनाए, जिससे जनगणना करने वाले आवंटित क्षेत्र से बाहर ना जा सकें। उन्होंने कहाकि देश में कई संस्थाएं बन रही हैं, जो राज्यों, ज़िलों और तहसीलों को विकास में विश्लेषण केसाथ प्रोफेशनल सलाह देने की कुव्वत रखती हैं और इन सबकी प्रोफेशनल कम्पीटेंस का उपयोग देश के विकास में होना चाहिए, इसके लिए उन्हें विश्लेषण केलिए जनगणना का सारा साहित्य उपलब्ध होना चाहिए और आजसे जनगणना के सारे प्रकाशनों की ऑनलाइन बिक्री शुरू हो गई है, जिससे प्लानिंग और शोध करने वालों को सबसे बड़ा फायदा होगा। इस अवसर पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, अजय कुमार मिश्रा, केंद्रीय गृह सचिव और वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।