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Thursday 8 June 2023 05:04:45 PM
बेलग्रेड/ नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दो देशों की अपनी आधिकारिक यात्रा के अंतिम चरण में सर्बिया पहुंचीं। गौरतलब हैकि सर्बिया जाने वाली पहली भारतीय राष्ट्रपति हैं द्रौपदी मुर्मू यानी यह भारत के किसीभी राष्ट्रपति की सर्बिया की पहली यात्रा है। सर्बिया के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वुकिक ने विशेष सम्मान प्रदर्शित करते हुए सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड के निकोला टेस्ला हवाईअड्डे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की गर्मजोशी से अगवानी की और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। हवाईअड्डे से राष्ट्रपति ने गांधीजीवा स्ट्रीट की यात्रा की और महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति सर्बिया में भारत के राजदूत संजीव कोहली के बेलग्रेड में आयोजित सामुदायिक स्वागत समारोह में प्रवासी भारतीय समुदाय और भारत के शुभचिंतकों से भी मिलीं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहाकि भारत और सर्बिया प्राचीन देश हैं, आधुनिक युग में सर्बिया केसाथ भारत के संबंध विशेष रूपसे गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संदर्भ में परिभाषित किए गए थे। उन्होंने कहाकि बेलग्रेड में महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमाएं और नई दिल्ली में जोसिप ब्रोज़ टीटो स्ट्रीट और जोधपुर में टीटो चौराहे उस ऐतिहासिक संपर्क के गवाह हैं। द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि भारत और सर्बिया ने हमेशा से एक-दूसरे के मूल हितों की समझ साझा की है। उन्होंने कहाकि इस द्विपक्षीय नींव के आधार पर वह अपनी सर्बिया यात्रा के दौरान सर्बियाई नेतृत्व केसाथ बातचीत करने केलिए उत्सुक हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि सर्बिया भारत के स्थायी विकास सहयोग कार्यक्रमों में एक महत्वपूर्ण भागीदार रहा है। द्रौपदी मुर्मू ने उल्लेख कियाकि भारत को वैश्विक मंच पर एक जिम्मेदार विकास भागीदार, प्राथमिक उत्तरदाता और ग्लोबल साउथ की अभिव्यक्ति के रूपमें पहचाना जाता है।
राष्ट्रपति ने कहाकि इनमें से प्रत्येक पहलू एक अग्रणी शक्ति बनने की हमारी खोज को दर्शाता है। उन्होंने जलवायु कार्रवाई, आतंकवाद का मुकाबला करने, कनेक्टिविटी, समुद्री सुरक्षा, वित्तीय समावेशन और खाद्य सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर भारत की निभाई गई अग्रणी भूमिका का भी जिक्र किया। राष्ट्रपति ने भारत के सर्बियाई हितैषियों की भारत केप्रति स्नेह एवं प्रेम रखने केलिए सराहना की। उन्होंने कहाकि भारत और सर्बिया केबीच मित्रता व समझ को सशक्त करने में उनकी भूमिका अमूल्य है। राष्ट्रपति ने भारत की सरकार और जनता की ओर से सभी का हार्दिक अभिवादन करते हुए कहाकि स्मरणीय इतिहास से पूर्ण देश सर्बिया और खूबसूरत बेलग्रेड में आकर बहुत खुश हूं और यह मेरी यूरोप की पहली राजकीय यात्रा है, इस दौरे पर मेरे साथ राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, सांसद रमा देवी और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी आए हुए हैं। द्रौपदी मुर्मू ने बतायाकि बिजनेस चेम्बर्स एसोचैम, सीआईआई और फिक्की का एक उच्चस्तरीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी बेलग्रेड आया हुआ है।
राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें यकीन हैकि हमारे व्यापार प्रतिनिधि अपने समकक्षों केसाथ जो आदान-प्रदान करेंगे, उससे कृषि, रक्षा, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, ऑटोमोबाइल, खाद्य प्रसंस्करण, फार्मेसी और आईसीटी क्षेत्रों में व्यापार और निवेश में वृद्धि होगी। उन्होंने कहाकि भारत के सतत विकास सहयोग कार्यक्रमों में सर्बिया एक महत्वपूर्ण भागीदार है, आईसीटी, प्रबंधन, वित्त, कपड़ा, ग्रामीण विकास, पर्यावरण, लोकतंत्र, योगा और आयुर्वेद के क्षेत्रों में हमारे आईटीईसी क्षमता निर्माण कार्यक्रम केतहत कई सर्बियाई नागरिक प्रशिक्षण प्राप्त करके लाभांवित हुए हैं। द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि भारतीय फिल्में सर्बिया में लोकप्रिय रही हैं और सर्बिया भारतीय फिल्म निर्माताओं केलिए एक नए 'फिल्म डेस्टिनेशन' के रूपमें उभरकर आया है। उन्होंने कहाकि कई सर्बियाई लोगों का योगा सहित भारत की आध्यात्मिक विरासत के प्रति गहरा लगाव है, आयुर्वेद को यहां इलाज के रूपमें मान्यता प्राप्त है। राष्ट्रपति ने कहाकि हमारे यहां नोवाक जोकोविच को लाखों लोग एक प्रेरणास्रोत और प्रेरणा के रूपमें देखते हैं, सर्बिया के कई खेल प्रशिक्षक भारतीय एथलीट और खिलाड़ियों को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद कर रहे हैं।
द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि भारत तेजीसे एक अभूतपूर्व बदलाव और परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, भारत विश्व की सबसे तेजीसे बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और हमारी जीडीपी 3.5 ट्रिलियन डॉलर के करीब है एवं इस दशक के समाप्त होने से पहले भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत अपनी स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 तक एक विकसित देश बनने की अपनी आकांक्षा को लेकर पूरे आत्मविश्वास केसाथ बढ़ा रहा है। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत एक सभ्यता के रूपमें वसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास रखता है, जिसका अर्थ हैकि विश्व एक परिवार है, वर्ष 2023 में भारत की जी-20 प्रेसीडेंसी, जो 'वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर' थीम पर आधारित है, हमारे इसी सदियों पुराने सिद्धांत की ओर इंगित करती है।