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Monday 12 June 2023 12:00:44 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रगति मैदान नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी और सम्मेलन केंद्र में प्रथम राष्ट्रीय प्रशिक्षण सम्मेलन का उद्घाटन किया और सम्मेलन को संबोधित करते हुए अपने समृद्ध राजनीतिक एवं प्रशासनिक अनुभव से निकले कई किस्सों और कहानियों को साझा किया। प्रधानमंत्री ने संबोधन में ऐसे कई उदाहरण देकर सरकारी कामकाज में सेवा उन्मुखता, आम आदमी की आकांक्षाओं को साकार करने में स्वामित्व की भावना, पदानुक्रम को तोड़ने एवं संगठन में हर व्यक्ति के अनुभव का उपयोग करने की जरूरत, जनभागीदारी के महत्व, प्रणाली में सुधार एवं नवाचार करने केप्रति उत्साह जैसे पहलुओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से कहाकि वे सरकार केप्रति लोगों का विश्वास और ज्यादा मजबूत करें एवं प्रशिक्षण मॉड्यूल को इस तरह उन्मुख और विकसित किया जाना चाहिए कि लोक सेवकों में इन पहलुओं का समावेश हो सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व में मुख्यमंत्री और बादमें प्रधानमंत्री के रूपमें कार्य करने के दौरान प्राप्त हुए अपने अनुभवों की चर्चा करते हुए इस तथ्य को रेखांकित कियाकि सरकार में कभीभी प्रतिभाशाली, समर्पित और प्रतिबद्ध अधिकारियों की कमी नहीं रही है। उन्होंने कहाकि जिस तरह सेना की संस्था ने जनता की नजरों में बेदाग विश्वसनीयता का निर्माण किया है, उसी तरह सरकारी तंत्र में लोगों के विश्वास को बढ़ावा देना सभी लोक सेवकों का दायित्व है। प्रधानमंत्री ने कहाकि प्रशिक्षण में संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण का समावेश होना चाहिए, लोक सेवकों की क्षमताओं को निखारने केलिए सभी प्रयास किए जाने चाहिएं। उन्होंने कहाकि प्रशिक्षण संस्थानों में पदस्थापन को सजा के रूपमें देखने का पुराना दृष्टिकोण अब बदल रहा है और प्रशिक्षण संस्थान सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक हैं, क्योंकि वे सरकार में कई दशकों तक काम करनेवाले कर्मियों की प्रतिभा को निखारते हैं।
प्रधानमंत्री ने अनुभवी उम्मीदवारों की तलाश करते हुए पदानुक्रम की बाधाओं को तोड़ने का आग्रह किया एवं याद दिलायाकि इस संबंध में पदानुक्रम पर कभी विचार नहीं किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दियाकि प्रशिक्षण से प्रत्येक सरकारी कर्मचारी के भीतर जनभागीदारी के महत्व का समावेश करना चाहिए। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन, आकांक्षी जिला कार्यक्रम, अमृत सरोवर और दुनिया के डिजिटल भुगतान में भारत की उल्लेखनीय हिस्सेदारी की सफलता का श्रेय जनभागीदारी को दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि प्रशिक्षण हर स्तर और सभी केलिए है, इस अर्थ में कर्मयोगी प्लेटफ़ॉर्म ने एक समान अवसर प्रदान किया है, क्योंकि यह सभीको प्रशिक्षण का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहाकि कर्मयोगी पर पंजीकरण का 10 लाख उपयोगकर्ताओं के आधार बिंदु को पार करना यह दर्शाता हैकि इस प्रणाली में लोग सीखने के इच्छुक हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि कर्मयोगी मिशन का उद्देश्य सरकारी कर्मियों के उन्मुखीकरण, मानसिकता और दृष्टिकोण में सुधार करना है, ताकि वे संतुष्ट और खुश महसूस करें एवं इस सुधार के उप-उत्पाद के रूपमें शासन प्रणाली में व्यवस्थित रूपसे सुधार होगा। उन्होंने सम्मेलन के सभी प्रतिभागियों को दिनभर चलने वाले विचार-विमर्श केलिए शुभकामनाएं दीं और उन्हें कार्यांवित किए जाने योग्य जानकारियों केसाथ आगे आने का सुझाव दिया, जो देश में प्रशिक्षण से जुड़े बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने में मददगार साबित हो सके। उन्होंने नियमित अंतराल पर ऐसे सम्मेलन आयोजित करने केलिए एक संस्थागत तंत्र बनाने का भी सुझाव दिया।