स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 15 June 2023 06:28:51 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने मोदी सरकार के नौ वर्ष पूरे होने पर अपने वक्तव्य में कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों के कारण आज एक सशक्त भारत केसाथ हरित भारत का भी निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहाकि मोदी सरकार के नौ वर्ष उपलब्धियों से भरे हुए हैं और उनके दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत बनाना है, इस दृष्टि को साकार करने में विनिर्माण क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण है। डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने कहाकि सरकार पहले ही मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत योजनाओं के माध्यम से विनिर्माण क्षेत्र के महत्व को उजागर कर चुकी है। उन्होंने कहाकि भारी उद्योग मंत्रालय आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में तेजी से काम कर रहा है और इसके सकारात्मक परिणाम भी दिखने लगे हैं, देश में अब ऐसी वस्तुओं का भी निर्माण शुरू होने लगा है जिसके लिए हम दूसरे देशों पर निर्भर थे, साथही इससे कई क्षेत्रों में रोज़गार के नए अवसर भी सृजित हो रहे हैं।
भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने कहाकि भारी उद्योग मंत्रालय ने 25938 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता केसाथ ऑटोमोबिल, ऑटो कंपोनेंट्स और उन्नत मोटर वाहन प्रौद्योगिकी उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने केलिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की शुरुआत की है। उन्होंने बतायाकि भारत सनरूफ, स्वचालित ब्रेक, प्रदूषण चेतावनी प्रणाली और टायर दबाव निगरानी प्रणाली जैसे कलपुर्जों केलिए पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर है, लेकिन इस योजना से अब हमारे देश में ही इनका उत्पादन शुरू हो सकेगा, साथही इस पीएलआई योजना से पांच वर्ष में 1.48 लाख रोज़गार सृजित होंगे। डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने कहाकि भारत सरकार की नीतियों के चलते भारत में कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आई है और लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन के रूपमें पर्यावरण अनुकूल परिवहन की सुविधा मिल रही है। उन्होंने कहाकि 2019 में शुरू की गई फास्टर अडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स योजना के दूसरे चरण के तहत 5.80 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया, 74063 इलेक्ट्रिक तिपहिया, 6784 इलेक्ट्रिक चार पहिया और 3738 इलेक्ट्रिक बसें बेची गई हैं।
डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने कहाकि इलेक्ट्रिक वाहनों की वजह से प्रतिदिन 1398184 किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन में कमी आ रही है, जबकि 34 करोड़ लीटर पेट्रोल और डीजल की भी बचत हुई, इस तरह मोदी सरकार की विशेष पहल से देश में कार्बन उत्सर्जन में 49 करोड़ किलोग्राम की कमी देखी गई है। केंद्रीय मंत्री ने कहाकि राजमार्गों पर पेट्रोल पंपों पर इलेक्ट्रिक वाहनों केलिए 7432 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने केलिए तीन तेल विपणन कंपनियों से करार हुए हैं और इसके लिए 800 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इलेक्ट्रिक वाहन चालकों को चार्जिंग में कम समय लगे इसके लिए एआरएआई का डिजाइन और विकसित किया गया 100 किलोवाट डीसी फास्ट चार्जर लॉंच किया जा चुका है। भारी उद्योग मंत्री ने कहाकि भारत को आत्मनिर्भर बनाना है, इसके लिए जरूरी हैकि आयात कम हो और देश में ही सामानों का उत्पादन बढ़ाया जाए, इसी सोच केसाथ एमएचआई ने हर क्षेत्र के विकास पर ध्यान केंद्रित किया, इसी वजह से आज किसी एक क्षेत्र में नहीं, बल्कि सभी क्षेत्रों में विकास हो रहा है और रोज़गार के अवसर पैदा हो रहे हैं।
भारी उद्योग मंत्री ने बतायाकि चाय उद्योग में भारत सरकार के एक मात्र सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम एवाईसीएल की प्रगति इस बात को रेखांकित कर रही है, एंड्रयू यूल एंड कंपनी लिमिटेड ने पिछले वर्ष की तुलना में चाय के निर्यात में 431 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है, जो अबतक का सर्वाधिक है। डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने कहाकि इसी तरह भारतीय नौसेना के विध्वंसक पोतों पर सबसे आगे लगने वाली सुपर रैपिड तोपें रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहे भारत का संकेत हैं। हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड की निर्मित स्मार्ट एम्युनेशन से लैस ये तोपें अपने लक्ष्य को आसानी से भेद सकती हैं। पहले की तोपें 16 से 18 किलोमीटर दूर के लक्ष्य को ही भेद सकती थीं, जबकि अब बन रही उन्नत किस्म की सुपर रैपिड गन माउंट्स 32 से 36 किलोमीटर दूर स्थित लक्ष्य को भी भेद सकेंगी। बीएचईएल भारतीय नौसेना को इन खूबियों वाली 44 तोपें अभी तक दे चुका है, 54 और तोपें देने की योजना है।
डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने बतायाकि भारतीय रेलवे को 80 स्लीपर क्लास वंदे भारत ट्रेनों की आपूर्ति का ऑर्डर बीएचईएल को मिला है, इन ट्रेनों में जितने भी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लगेंगे, वह बीएचईएल बनाएगा, जनवरी 2022 में भारत के पहले बीएचईएल निर्मित कोयले से मेथनॉल प्रायोगिक संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया गया था। केंद्रीय मंत्री ने कहाकि साझा प्रौद्योगिकी विकास और सेवा अवसंरचना को सहायता प्रदान करने केलिए 25 जनवरी 2022 को भारी उद्योग मंत्रालय ने भारतीय पूंजीगत वस्तु क्षेत्र चरण-II में प्रतिस्पर्धा वृद्धि स्कीम अधिसूचित की है, इसमें 975 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता और 232 करोड़ रुपये के उद्योग योगदान सहित कुल वित्तीय परिव्यय 1207 करोड़ रुपये का है। डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने कहाकि भारतीय पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मकता वृद्धि स्कीम के चरण-II के तहत 909.38 करोड़ रुपये की परियोजना लागत वाली अबतक कुल 27 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है और वित्तीय वर्ष 2022-23 में अनुमोदित परियोजनाओं केलिए 197.50 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं।