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नेहरू म्यूजियम प्रधानमंत्री संग्रहालय कहलाएगा

'संस्थागत स्मृतियों का सही मायने में लोकतंत्रीकरण किया जा रहा'

रक्षामंत्री की अध्यक्षता में लिया गया है नाम परिवर्तन का निर्णय

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 16 June 2023 03:49:43 PM

nehru museum will be called prime minister's museum

नई दिल्ली। नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी सोसाइटी रख दिया गया है। नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी की एक विशेष बैठक में इसका नाम बदलने का निर्णय लिया गया, जिसकी अध्यक्षता रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की, जो सोसायटी के उपाध्यक्ष भी हैं। गौरतलब हैकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में तीन मूर्ति परिसर नई दिल्ली में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने का विचार रखा था। एनएमएमएल की कार्यकारी परिषद ने 25 नवंबर 2016 को अपनी 162वीं बैठक में तीन मूर्ति एस्टेट में देश के सभी प्रधानमंत्रियों के संग्रहालय के निर्माण परियोजना के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
तीन मूर्ति एस्टेट में सभी प्रधानमंत्रियों के संग्रहालय के निर्माण की परियोजना पूरी हो गई और जिसको 21 अप्रैल 2022 से आम जनता केलिए खोला भी जा चुका है। एनएमएमएल की कार्यकारी परिषद ने महसूस कियाकि संस्थान के नाम में वर्तमान गतिविधियों को प्रतिबिंबित होना चाहिए, जहां अब एक ऐसा संग्रहालय भी शामिल है, जो स्वतंत्र भारत में लोकतंत्र की सामूहिक यात्रा को दर्शाता है और प्रत्येक प्रधानमंत्री के राष्ट्र निर्माण में योगदान को प्रदर्शित करता है। संग्रहालय पुनर्निर्मित और नवीनीकृत नेहरू संग्रहालय भवन से शुरू होता है और भारत के पहले प्रधानमंत्री रहे जवाहरलाल नेहरू के जीवन और योगदान को अद्यतन तकनीक केसाथ उन्नत रूपसे प्रदर्शित करता है। नए भवन में यह संग्रहालय दर्शाता हैकि कैसे हमारे प्रधानमंत्रियों ने विभिन्न चुनौतियों केबीच में से देश को निकालते हुए देश के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित किया है। यह सभी प्रधानमंत्रियों को मान्यता देता है, जिससे सही मायनों में संस्थागत स्मृतियों का लोकतंत्रीकरण हुआ है।
कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने इस अवसर पर नाम परिवर्तन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहाकि प्रधानमंत्री संग्रहालय लोकतंत्र केप्रति राष्ट्र की गहरी प्रतिबद्धता को व्यक्त करता है और इसलिए संस्थान का नाम इसके नए रूप को प्रतिबिंबित करना चाहिए। रक्षामंत्री और सोसाइटी के उपाध्यक्ष राजनाथ सिंह ने नाम परिवर्तन के प्रस्ताव का स्वागत किया, क्योंकि अपने नए रूपमें यह संस्थान जवाहरलाल नेहरू से नरेंद्र मोदी तक सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान और उनके सामने आनेवाली विभिन्न चुनौतियों से निपटने की उनकी रणनीति को प्रदर्शित करता है। प्रधानमंत्री पद को एक संस्था बताते हुए और विभिन्न प्रधानमंत्रियों की यात्रा की तुलना इंद्रधनुष के विभिन्न रंगों से करते हुए राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दियाकि एक इंद्रधनुष को सुंदर बनाने केलिए उसमें सभी रंगों का आनुपातिक रूपसे प्रतिनिधित्व किया जाना चाहिए, इस प्रकार हमारे सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों को सम्मान देने केलिए इस प्रस्ताव से इसे नया नाम दिया गया है और यह लोकतांत्रिक भी है।

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