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Saturday 17 June 2023 05:48:09 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सभी नागरिकों से जल संरक्षण को अपने दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाने की अपील की है, ताकि इसे जन आंदोलन की भावना के माध्यम से जल आंदोलन के रूपमें गति दी जा सके। विज्ञान भवन नई दिल्ली में आज चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान करने के अवसर पर अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने देश की पारंपरिक जल संचयन संरचनाओं जैसेकि जोहड़ों (तालाबों) को तीन आर अर्थात कम उपयोग, पुन: उपयोग और पुन: चक्रण के माध्यम से नए सिरे से प्रतिबद्धता केसाथ पुनर्जीवित करने का आह्वान किया। उपराष्ट्रपति ने कहाकि वेद कहता हैकि जल में अमृत है, जल में औषधि है और इस अवसर पर रहीम के दोहे की पंक्तियों को याद करते हुए कहाकि रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून।
जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य करने वालों को बधाई देते हुए उपराष्ट्रपति ने पंचायत, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सभी जनप्रतिनिधियों से जल संरक्षण को प्राथमिकता देने और इस क्षेत्र में उदाहरण प्रस्तुत करने का आह्वान किया। उपराष्ट्रपति ने राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों और मौलिक कर्तव्यों जैसे संवैधानिक प्रावधानों पर ध्यान आकर्षित करने केसाथ-साथ जल और पर्यावरण के संरक्षण पर जोर देते हुए इसके परिवर्तनकारी प्रभावों का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि जल जीवन मिशन जैसी सरकारी पहलों का आम लोगों के जीवन पर महत्वपूर्ण रूपसे प्रभाव पड़ रहा है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि जल संरक्षण हमेशा से भारत की सभ्यतागत प्रकृति का एक अभिन्न पहलू रहा है और यह प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी हैकि वह प्रकृति के उपहारों का बुद्धिमता से उपयोग सुनिश्चित करे।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहाकि प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग हमारी इष्टतम आवश्यकता के अनुरूप होना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने एक प्रतीकात्मक जल कलश समारोह के रूपमें उद्घाटन किए गए चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में 11 श्रेणियों में 41 विजेताओं को सम्मानित किया। उपराष्ट्रपति ने जल संरक्षण के संदेश को फैलाने केलिए राष्ट्रीय जल मिशन के शुभंकर एनिमेटेड चरित्र पीकू की दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाली एक लघु फिल्म का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जल शक्ति और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल, जल शक्ति और जनजातीय कार्य राज्यमंत्री बिश्वेश्वर टुडू, जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग के सचिव पंकज कुमार और जल शक्ति मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।