स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 23 June 2023 05:12:22 PM
वॉशिंगटन डीसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राज्य अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी, सीनेट में बहुमत के नेता चार्ल्स शूमर, सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी के नेता मिच मैककोनेल और सदन में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हकीम जेफ्रीस की पहल और उनके निमंत्रण पर अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने भारत और अमरीका में शक्तिशाली लोकतंत्र पर गर्व करते हुए आतंकवाद से रणनीतिक रूपसे निपटने के लिए और ज्यादा प्रयास की आवश्यकता बताई। इस अवसर पर संयुक्त राज्य अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी उपस्थित थीं। कैपिटल हिल पहुंचने पर कांग्रेस के नेताओं ने प्रधानमंत्री का औपचारिक रूपसे स्वागत किया, इसके बाद प्रधानमंत्री ने सदन के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी और कांग्रेस के विभिन्न नेताओं केसाथ अलग-अलग बैठकें कीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और अमेरिका केबीच संबंधों को मजबूत करने केलिए अमेरिकी कांग्रेस में लंबे समय से चले आ रहे और मजबूत द्विदलीय समर्थन की सराहना की। प्रधानमंत्री ने भारत और अमेरिका केबीच द्विपक्षीय संबंधों में हुई तेज प्रगति के बारेमें बात की तथा द्विपक्षीय संबंधों को और ऊपर उठाने से संबंधित अपने दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने भारत की व्यापक प्रगति और दुनिया केलिए उसके द्वारा पेश किए जाने वाले अवसरों को भी रेखांकित किया। अध्यक्ष मैक्कार्थी ने प्रधानमंत्री के सम्मान में एक स्वागत समारोह का आयोजन किया। अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक में प्रधानमंत्री का यह दूसरा संबोधन था। उन्होंने इससे पहले सितंबर 2016 में अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया था। नरेंद्र मोदी ने कहाकि अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करना हमेशा एक बड़ा सम्मान होता है, ऐसा अवसर दो बार प्राप्त करना एक असाधारण विशेषाधिकार है, इस सम्मान केलिए भारत की 1.4 अरब जनता की ओर से हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहाकि लोकतंत्र हमारे पवित्र और साझा मूल्यों में से एक है, यह लंबे समय में विकसित हुआ है और इसने विभिन्न रूप और व्यवस्थाओं को अपनाया हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि लोकतंत्र वह भावना है, जो समानता और सम्मान का समर्थन करती है, लोकतंत्र वह विचार है, जो परिचर्चा और संवाद का स्वागत करता है, लोकतंत्र वह संस्कृति है, जो विचार और अभिव्यक्ति को पंख देती है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत को अनादिकाल से ऐसे मूल्यों का सौभाग्य प्राप्त है, लोकतांत्रिक भावना के विकास में भारत लोकतंत्र की जननी है। उन्होंने कहाकि अमेरिका सबसे पुराना और भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है, हमारी साझेदारी लोकतंत्र के भविष्य केलिए शुभ संकेत है, हमसब मिलकर दुनिया को बेहतर भविष्य देंगे और भविष्य को बेहतर दुनिया देंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि पिछले वर्ष भारत ने अपनी आजादी के 75 साल पूरे किए, प्रत्येक मील का पत्थर महत्वपूर्ण है, लेकिन यह विशेष था, हमने किसी न किसी रूपमें एक हजार वर्षों के विदेशी शासन केबाद आजादी की 75 वर्ष से अधिक की उल्लेखनीय यात्रा का महोत्सव मनाया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि यह सिर्फ लोकतंत्र का ही नहीं, बल्कि विविधता, संविधान, उसकी सामाजिक सशक्तिकरण की भावना के साथ-साथ न केवल हमारे प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद, बल्कि हमारी आवश्यक एकता और अखंडता का भी उत्सव था।
प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे पास दो हजार पांच सौ से अधिक राजनीतिक दल हैं, भारत के विभिन्न राज्यों में लगभग बीस अलग-अलग पार्टियां शासन करती हैं, हमारी बाइस आधिकारिक भाषाएं और हजारों बोलियां हैं और फिरभी हम एक स्वर में बात करते हैं, हर सौ मील पर हमारा भोजन बदल जाता है, डोसा से लेकर आलू पराठा तक और श्रीखंड से लेकर संदेश तक हम इन सबका आनंद लेते हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि हम दुनिया के सभी धर्मों का घर हैं और हम उन सभी का उत्सव भी मनाते हैं, भारत में विविधता जीवन जीने का एक स्वाभाविक तरीका है। उन्होंने कहाकि आज दुनिया भारत के बारेमें ज्यादा से ज्यादा जानना चाहती है, पिछले दशक में भारत में अमेरिकी कांग्रेस के सौ से अधिक सदस्यों का स्वागत करके हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं, हर कोई भारत के विकास, लोकतंत्र और विविधता को समझना चाहता है, हर कोई जानना चाहता हैकि भारत क्या सही कर रहा है और कैसे। नरेंद्र मोदी ने कहाकि जब उन्होंने प्रधानमंत्री के रूपमें पहलीबार अमेरिका का दौरा किया तो भारत दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी, आज भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और भारत जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हम न केवल विकसित हो रहे हैं, बल्कि तेजीसे बढ़ भी रहे हैं, जब भारत बढ़ता है तो पूरी दुनिया बढ़ती है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि आख़िरकार हम दुनिया की आबादी का छठा हिस्सा हैं, पिछली शताब्दी में जब भारत ने अपनी स्वतंत्रता हासिल की तो इसने कई अन्य देशों को औपनिवेशिक शासन से खुदको मुक्त करने केलिए प्रेरित किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि इस सदी में जब भारत विकास के मानक स्थापित करेगा तो यह कई अन्य देशों कोभी ऐसा करने केलिए प्रेरित करेगा, हमारा दृष्टिकोण सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास है, इसका अभिप्राय है, सबका विकास, सबके विश्वास और सबके प्रयासों से साथ मिलकर आगे बढ़ना है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हम बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, हमने सवा सौ करोड़ से अधिक लोगों को आश्रय प्रदान करने केलिए लगभग चालीस मिलियन घर दिए हैं, यह ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या का लगभग छह गुना है, हम एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम चलाते हैं, जो लगभग पांच सौ मिलियन लोगों केलिए मुफ्त चिकित्सा उपचार सुनिश्चित करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि यह दक्षिण अमेरिका की जनसंख्या से भी अधिक है, हमने दुनिया के सबसे बड़े वित्तीय समावेशन अभियान केसाथ बैंकिंग को उन लोगों तक पहुंचाया, जिनके पास बैंकिंग सुविधा नहीं थी, लगभग पांच सौ मिलियन लोगों को इसका लाभ हुआ। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह उत्तरी अमेरिका की जनसंख्या के करीब है, हमने डिजिटल इंडिया बनाने पर काम किया है, आज देश में आठ सौ पचास करोड़ से अधिक स्मार्ट फोन और इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, यह यूरोप की जनसंख्या से भी अधिक है, हमने अपने लोगों को भारत में निर्मित कोविड टीकों की दो दशमलव दो अरब खुराकें देकर सुरक्षित किया, और वह भी निःशुल्क। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत युवा आबादी वाला एक प्राचीन राष्ट्र है, भारत अपनी परंपराओं केलिए जाना जाता है, लेकिन युवा पीढ़ी इसे टेक्नोलॉजी का हब भी बना रही है, चाहे वह इंस्टा पर क्रिएटिव रील्स हो या रियल टाइम पेमेंट, कोडिंग या क्वांटम कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग या मोबाइल ऐप, फिनटेक या डेटा साइंस। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत में प्रौद्योगिकी न केवल नवाचार से जुड़ी है, बल्कि समावेशन के संबंध में भी है।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज डिजिटल प्लेटफॉर्म निजता की रक्षा करते हुए लोगों के अधिकारों और सम्मान को सशक्त बना रहे हैं, नौ वर्ष में एक अरब से अधिक लोगों को उनके बैंक खातों और मोबाइल फोन से जुड़ी एक अद्वितीय डिजिटल बायोमेट्रिक पहचान मिली है, यह डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा हमें वित्तीय सहायता केसाथ नागरिकों तक सेकंडों में पहुंचने में मदद करता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि यदि आप भारत का दौरा करें, तो आप देखेंगेकि हर कोई भुगतान केलिए फोन का उपयोग कर रहा है, जिसमें एक सड़क विक्रेता भी शामिल हैं। उन्होंने कहाकि पिछले वर्ष दुनिया में हर 100 रियल टाइम डिजिटल भुगतान में से 46 भारत में हुए, लगभग चार लाख मील ऑप्टिकल फाइबर केबल और सस्ते डेटा ने अवसरों की क्रांति ला दी है, किसान मौसम संबंधी अपडेट देखते हैं, बुजुर्गों को सामाजिक सुरक्षा भुगतान मिलती है, छात्रों को छात्रवृत्ति मिलती है, डॉक्टर टेली-मेडिसिन देते हैं, मछुआरे मछली पकड़ने की संभावनाओं की मदद लेते हैं और छोटे व्यवसायों को अपने फोन पर सिर्फ एक टैप से ऋण मिलता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि लोकतंत्र, समावेश और स्थिरता की भावना हमें परिभाषित करती है, यह दुनिया केप्रति हमारे दृष्टिकोण को भी आकार देता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारतीय संस्कृति पर्यावरण और हमारे ग्रह का हदय से सम्मान करती है, सबसे तेजीसे बढ़ती अर्थव्यवस्था बनते हुए हमने अपनी सौर क्षमता में दो हजार तीन सौ प्रतिशत की वृद्धि की है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हम अपनी पेरिस प्रतिबद्धता को पूरा करने वाले एकमात्र जी20 देश बन गए हैं, हमने 2030 के लक्ष्य से नौ साल पहले नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को हमारे ऊर्जा स्रोतों का चालीस प्रतिशत से अधिक हिस्सा बना लिया, लेकिन हम यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहाकि ग्लासगो शिखर सम्मेलन में पर्यावरण केलिए मिशन लाइफ-लाइफस्टाइल का प्रस्ताव रखा था, यह स्थिरता को एक सच्चा जन आंदोलन बनाने का एक तरीका है, इसे केवल सरकारों के काम पर ही न छोड़ें। प्रधानमंत्री ने कहाकि चुनाव करते समय सचेत रहकर प्रत्येक व्यक्ति सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, स्थिरता को एक जनआंदोलन बनाने से दुनिया को नेट ज़ीरो लक्ष्य तक तेजीसे पहुंचने में मदद मिलेगी। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हम वसुधैव कुटुंबकम के आदर्श वाक्य केसाथ जीते हैं, दुनिया केसाथ हमारा जुड़ाव हर किसी के लाभ केलिए है, वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड दुनिया को स्वच्छ ऊर्जा से जोड़ने में हम सभीको शामिल करना चाहते हैं, वन अर्थ, वन हेल्थ पशुओं और पौधों सहित सभी केलिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल लाने केलिए वैश्विक कार्रवाई का एक दृष्टिकोण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि जब हम जी20 की अध्यक्षता करते हैं तो इसकी थीम में भी यही भावना देखी जाती है-एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य। उन्होंने कहाकि हम योग के माध्यम से भी एकता की भावना को आगे बढ़ाते हैं, दुनिया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने केलिए एकसाथ एक मंच पर आई, सभी देश शांति सैनिकों के सम्मान में एक स्मारक दीवार बनाने केलिए संयुक्त राष्ट्र में हमारे प्रस्ताव में शामिल हुए, इस वर्ष दुनिया सतत कृषि और पोषण को समान रूपसे बढ़ावा देने केलिए अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष मना रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि कोविड के दौरान हमने एक सौ पचास से अधिक देशों में टीके और दवाएं पहुंचाईं, हम आपदाओं के दौरान पहले प्रतिक्रियाकर्ता के रूपमें दूसरों तक पहुंचते हैं, जैसाकि हम अपने लिए करते हैं, हम अपने मामूली संसाधनों को उन लोगों केसाथ साझा करते हैं, जिन्हें उनकी सबसे अधिक आवश्यकता है, हम क्षमताओं का निर्माण करते हैं, निर्भरता का नहीं। प्रधानमंत्री ने कहाकि जब मैं दुनिया केप्रति भारत के दृष्टिकोण केबारे में बात करता हूं तो अमेरिका एक विशेष स्थान रखता है, जब भारत में रक्षा और एयरोस्पेस बढ़ता है तो वाशिंगटन, एरिज़ोना, जॉर्जिया, अलबामा, दक्षिण कैरोलिना और पेंसिल्वेनिया राज्यों में उद्योग बढ़ते हैं, जब अमेरिकी कंपनियां बढ़ती हैं तो भारत में उनके अनुसंधान और विकास केंद्र भी फलते-फूलते हैं, जब भारतीय अधिक उड़ान भरते हैं तो विमानों का एकमात्र ऑर्डर अमेरिका के चवालिस राज्यों में दस लाख से अधिक रोज़गारों का सृजन करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि जब कोई अमेरिकी फोन निर्माता भारत में निवेश करता है तो यह दोनों देशों में रोज़गारों और अवसरों का एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र बनाता है, जब भारत और अमेरिका सेमी-कंडक्टर और महत्वपूर्ण खनिजों पर एकसाथ काम करते हैं तो यह दुनिया को आपूर्ति श्रृंखलाओं को अधिक विविध, लचीला और विश्वसनीय बनाने में मदद करता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि अमेरिका हमारे सबसे महत्वपूर्ण रक्षा भागीदारों में से एक है, भारत और अमेरिका अंतरिक्ष, समुद्र, विज्ञान, सेमी-कंडक्टर, स्टार्ट-अप, स्थिरता, तकनीक, व्यापार, खेती, वित्त, कला और कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ऊर्जा और शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और मानवीय प्रयासों में एकसाथ काम कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि इन सबमें भारतीय अमेरिकियों ने बड़ी भूमिका निभाई है, वे सिर्फ स्पेलिंग बी में ही नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में प्रतिभाशाली हैं, अपने दिल और दिमाग, प्रतिभा और कौशल तथा अमेरिका और भारत केप्रति अपने प्यार से उन्होंने हमें जोड़ा है, उन्होंने दरवाजे खोल दिए हैं, उन्होंने हमारी साझेदारी की क्षमता दिखाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि अतीत के प्रत्येक भारतीय प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति ने हमारे संबंधों को आगे बढ़ाया है, लेकिन हमारी पीढ़ी को इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने का गौरव प्राप्त है, मैं राष्ट्रपति बाइडेन से सहमत हूंकि यह इस सदी की एक निर्णायक साझेदारी है, क्योंकि यह एक बड़े उद्देश्य की पूर्ति करती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हम आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने, विकेंद्रीकरण और लोकतंत्रीकरण करने केलिए मिलकर काम करेंगे, प्रौद्योगिकी इक्कीसवीं सदी में सुरक्षा, समृद्धि और नेतृत्व का निर्धारण करेगी, इसीलिए हमारे दोनों देशों ने एक नई महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों केलिए पहल की स्थापना की है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारी ज्ञान साझेदारी मानवता की सेवा करेगी और जलवायु परिवर्तन, भूख और स्वास्थ्य की वैश्विक चुनौतियों का समाधान तलाशेगी। उन्होंने कहाकि पिछले कुछ वर्ष गंभीर विघटनकारी विकास के साक्षी रहे हैं, यूक्रेन संघर्ष केसाथ युद्ध यूरोप में लौट आया है, इससे क्षेत्र में भारी पीड़ा हो रही है, चूंकि इसमें प्रमुख शक्तियां शामिल हैं, परिणाम गंभीर होंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि ग्लोबल साउथ के देश विशेष रूपसे प्रभावित हुए हैं, वैश्विक व्यवस्था संयुक्तराष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के सम्मान, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर आधारित है। प्रधानमंत्री ने कहाकि जैसाकि मैंने प्रत्यक्ष और सार्वजनिक रूपसे कहा हैकि यह युद्ध का युग नहीं, लेकिन यह संवाद और कूटनीति में से एक का युग है और हम सभी को रक्तपात और मानवीय पीड़ा को रोकने केलिए वह सब करना चाहिए, जो हम कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हम एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी इंडो पैसिफिक का दृष्टिकोण साझा करते हैं, जो सुरक्षित समुद्रों से जुड़ा हो, अंतर्राष्ट्रीय कानून से परिभाषित हो, प्रभुत्व से मुक्त हो और आसियान केंद्रीयता में स्थित हो एक ऐसा क्षेत्र जहां सभी राष्ट्र, छोटे और बड़े, अपनी पसंद में स्वतंत्र और निडर हैं, जहां प्रगति ऋण के असंभव बोझ से नहीं दबती है, जहां रणनीतिक उद्देश्यों केलिए कनेक्टिविटी का लाभ नहीं उठाया जाता है, जहां सभी राष्ट्र साझा समृद्धि के उच्च भावना से ऊपर रहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारा दृष्टिकोण रोकने या बहिष्कृत करने का नहीं, बल्कि शांति और समृद्धि का एक सहयोगी क्षेत्र बनाने का है, हम क्षेत्रीय संस्थानों और क्षेत्र के भीतर और बाहर के अपने भागीदारों केसाथ काम करते हैं, इसमें से क्वाड क्षेत्र की भलाई की एक बड़ी शक्ति बनकर उभरा है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि 9/11 के बाद के दो दशक से भी अधिक समय और मुंबई में 26/11 के एक दशक से भी अधिक समय के बादभी कट्टरपंथ और आतंकवाद पूरी दुनिया केलिए एक गंभीर ख़तरा बना हुआ है। प्रधानमंत्री ने सावधान करते हुए कहाकि ये विचारधाराएं नई-नई पहचान और रूप लेती रहती हैं, लेकिन उनके इरादे वही रहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इससे निपटने में कोई किंतु-परंतु नहीं हो सकता, हमें आतंकवाद को प्रायोजित और फैलाने वाली ऐसी सभी ताकतों पर काबू पाना होगा। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमें बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करना चाहिए और बेहतर संसाधनों और प्रतिनिधित्व केसाथ बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार करना चाहिए, यह शासन की हमारी सभी वैश्विक संस्थाओं, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र पर लागू होता है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि जब दुनिया बदल गई है तो हमारी संस्थाएं भी बदलनी चाहिए अथवा नियमों के बिना प्रतिद्वंद्विता की दुनिया द्वारा प्रतिस्थापित होने का जोखिम रहता है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि अंतर्राष्ट्रीय कानून पर आधारित एक नई विश्व व्यवस्था केलिए काम करने में हमारे दोनों देश भागीदार के रूपमें सबसे आगे रहेंगे, हम अलग-अलग परिस्थितियों और इतिहास से आते हैं, लेकिन हम एक समान दृष्टिकोण और एक समान नियति से से एकजुट हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि यही हमारी साझेदारी का मिशन है, इस सदी केलिए यही हमारा आह्वान है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि जब मैं 2016 में यहां आया था तो मैंने कहा थाकि हमारा रिश्ता एक महत्वपूर्ण भविष्य केलिए तैयार है, वह भविष्य आज है, इस सम्मान केलिए एकबार फिर उपराष्ट्रपति और विशिष्ट सदस्यों को धन्यवाद।