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Thursday 6 July 2023 06:16:59 PM
नई दिल्ली/ पेरिस। फ्रांस के राष्ट्रपति के राजनयिक सलाहकार इमैनुएल बोन ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली में मुलाकात की। इमैनुएल बोन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी आगामी फ्रांस यात्रा के संदर्भ में द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति की जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इमैनुएल बोन के साथ बातचीत में 14 जुलाई को फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस यानी बैस्टिल दिवस समारोह में सम्मानित अतिथि के रूपमें भाग लेने के निमंत्रण केलिए राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के प्रति आभार व्यक्त किया। हिरोशिमा में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों केसाथ अपनी हालिया मुलाकात को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि वह पेरिस में अपनी बातचीत जारी रखने केलिए उत्सुक हैं, जो भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को और ज्यादा मजबूत करेगी।
फ्रांस और भारत केलिए यह साल बहुत खास है, क्योंकि यह दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ है। इसी केतहत भारतीय त्रि-सेवा दल भी आज फ्रांस की राष्ट्रीय दिवस परेड में शामिल होने केलिए रवाना हो चुका है। बैस्टिल डे 14 जुलाई 1789 में फ्रांसीसी क्रांति के दौरान बैस्टिल पर हुए हमले की सालगिरह के रूपमें मनाया जाता है। परेड में भारतीय सशस्त्र बलों की 269 सदस्यीय त्रि-सेवा टुकड़ी अपने फ्रांसीसी समकक्षों केसाथ मार्च करते हुए दिखाई देगी। भारतीय सेना की टुकड़ी में 77 मार्चिंग कर्मी और बैंड के 38 सदस्य शामिल हैं, जिसका नेतृत्व कैप्टन अमन जगताप कर रहे हैं। भारतीय नौसेना दल का नेतृत्व कमांडर व्रत बघेल और वायुसेना दल का नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी कर रहे हैं। भारतीय वायुसेना के राफेल लड़ाकू विमान भी परेड के दौरान फ्लाई पास्ट का हिस्सा बनेंगे। सेना की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व पंजाब रेजिमेंट कर रहा है, जो भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजिमेंटों में से एक है। रेजिमेंट के सैनिकों ने दोनों विश्वयुद्धों के साथ-साथ स्वतंत्रता केबाद के ऑपरेशनों में भी भाग लिया है। बीते कुछ वर्षों में भारत और फ्रांस विश्वसनीय रक्षा भागीदार बन गए हैं।
भारतीय वीर सैनिकों ने मेसोपोटामिया, गैलीपोली, फिलिस्तीन, मिस्र, चीन, हांगकांग, दमिश्क और फ्रांस में लड़ाई लड़ी। फ़्रांस में उन्होंने सितंबर 1915 में न्यूवे चैपल केपास एक आक्रामक हमले में भाग लिया। दल केसाथ राजपूताना राइफल्स रेजिमेंट बैंड भी है। भारतीय और फ्रांसीसी सेनाओं का जुड़ाव प्रथम विश्व युद्ध से है, लगभग 1.3 मिलियन से अधिक भारतीय सैनिकों ने युद्ध में भाग लिया था और उनमें से लगभग 74000 सैनिक कीचड़ भरी खाइयों में लड़े और फिर कभी वापस नहीं लौटे, जबकि अन्य 67000 घायल हो गए। भारतीय सैनिक फ्रांस की धरती पर भी वीरतापूर्वक लड़े, उनके साहस, वीरता और सर्वोच्च बलिदान ने न केवल दुश्मन को विफल कर दिया, बल्कि युद्ध जीतने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। बादमें द्वितीय विश्व युद्ध में 25 लाख भारतीय सैनिकों ने एशिया से लेकर अफ्रीका और यूरोप तक युद्ध के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया, इसमें फ्रांस के युद्धक्षेत्र भी शामिल थे, इन युद्धों में भारतीय सैनिकों ने अपनी वीरता स्थापित की। इस साल दोनों देश रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, दोनों देशों की सेनाएं संयुक्त अभ्यास में हिस्सा ले रही हैं और अपने अनुभव साझा कर रही हैं।