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Monday 10 July 2023 03:13:35 PM
नई दिल्ली। श्रीहरिकोटा से इसी सप्ताह लॉंच होनेवाला चंद्रयान-3 भारत को चंद्रमा की सतह पर अपना अंतरिक्षयान उतारने वाला चौथा देश बना देगा। प्रधानमंत्री कार्यालय और विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा हैकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयुक्तराष्ट्र अमेरिका के हालही के राजकीय दौरे को महत्वपूर्ण अंतरिक्ष संबंधित समझौतों के रूपमें चिन्हित किया गया है, जो यह दर्शाता हैकि जिन देशों ने भारत से बहुत पहले अपनी अंतरिक्ष यात्रा शुरू की थी, वे आज भारत को एक समान सहयोगी के रूपमें देख रहे हैं। उन्होंने कहाकि नरेंद्र मोदी के शासनकाल में अंतरिक्ष मामले में बड़ी विशेषज्ञता हासिल करने केबाद भारत चंद्रमा पर जाने केलिए और इंतजार नहीं कर सकता।
अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है, इसका उद्देश्य चांद अथवा चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग और रोविंग में भारत की क्षमता का प्रदर्शन करना है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि अंतरिक्षयान को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने केलिए आवश्यक जटिल मिशन प्रोफ़ाइल को बहुत सटीक तरीके से क्रियांवित किया गया है। उन्होंने बतायाकि चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग केबाद छह पहियों वाला रोवर बाहर आएगा और चंद्रमा पर 14 दिन तक कार्य कर सकेगा। उन्होंने कहाकि रोवर पर कई कैमरों के सहयोग से हम तस्वीरें प्राप्त कर सकेंगे। अंतरिक्ष कर्मियों केलिए एक सक्षम वातावरण प्रदान करने और सार्वजनिक निजी भागीदारी केलिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने जैसे अग्रणी निर्णय लेने केलिए प्रधानमंत्री को श्रेय देते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि विकास की वर्तमान गति के आधार पर आनेवाले वर्षों में हमारा अंतरिक्ष क्षेत्र एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि चंद्रयान-3 मिशन के तीन प्राथमिक उद्देश्य हैं-चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग का प्रदर्शन, चंद्रमा पर रोवर के घूमने का प्रदर्शन और इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन। डॉ जितेंद्र सिंह ने याद दिलायाकि चंद्रमा की सतह पर पानी की उपस्थिति की खोज करने का श्रेय चंद्रयान की श्रृंखला में प्रथम अर्थात चंद्रयान-1 को दिया जाता है, जो दुनिया और सबसे प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों केलिए एक नई खोज थी और यहां तककि संयुक्त राज्य अमेरिका का नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) इस खोज से आकर्षित हुआ और उन्होंने अपने आगे के प्रयोगों केलिए इस इनपुट का उपयोग किया। उन्होंने कहाकि चंद्रयान-3 अगले स्तर पर काम करेगा, अंतरिक्षयान अपने लॉंच केलिए इसरो के विकसित लॉंच व्हीकल मार्क-3 का उपयोग करेगा।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि चंद्रयान-3 के लॉंच को लेकर देशभर में जबरदस्त उत्साह है, क्योंकि 6 सितंबर 2019 को अंतरिक्ष यान के उतरने के लगभग 13 मिनट बाद हुई चूक के कारण चंद्रयान-2 मिशन अपेक्षित परिणाम नहीं दे सका था, इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी व्यक्तिगत रूपसे श्रीहरिकोटा में उपस्थित थे। उन्होंने कहाकि चंद्रयान-2 से उन्नत चंद्रयान-3 में लैंडर की मजबूती केलिए कुछ बदलाव किए गए हैं, ये सभी संशोधन टैस्ट बेड्स के माध्यम से विस्तृत जमीनी परीक्षणों और सिमुलेशन के अनुसार हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर मॉड्यूल भी पेलोड केसाथ कार्यरूप में हैं, जो वैज्ञानिक समुदाय को चंद्र मिट्टी और चट्टानों के रासायनिक एवं मौलिक संरचना सहित विभिन्न गुणों पर डेटा प्रदान करेगा।