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सीमा हैदर के हिंदू धर्म से बौखलाए मुसलमान!

इस्लाम में सीमा हैदर को सजा-ए-मौत तो इनके लिए क्या सजा है?

टीवी चैनलों और यूट्यूबरों में सीमा व सचिन पर टीआरपी की होड़

Friday 14 July 2023 06:36:45 PM

दिनेश शर्मा

दिनेश शर्मा

seema haider and sachin

प्यार में पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते चार बच्चों संग भारत आई सीमा हैदर और उसकी भारत के सचिन मीणा से शादी एवं हिंदू धर्म अपनाने के मुद्दे पर बहस न केवल भारत और पाकिस्तान में अपने चरम पर है, अपितु यह दोनों मुल्कों के मुसलमानों में एक बौखलाहट की तरफ भी बढ़ती दिख रही है। इसमें हम यह समझने की कोशिश कर रहे हैंकि सीमा हैदर का इस्लाम से हिंदू धर्म अपनाना इस्लाम की तौहीन कैसे है और उसकी भारत के सचिन मीणा से शादी कितनी क़ानूनी ग़ैर क़ानूनी और स्वीकार्य है? सरहदें तोड़ देने वाले इस सामाजिक मुद्दे का व्यावहारिक दृष्टिकोण क्या है और भारत सरकार को इस मामले में क्या कदम उठाने चाहिएं? क्या सीमा हैदर को भारत में शरण देने की उसकी अपील ठुकराकर उसे सरहद के कानून के अनुसार पाकिस्तान को सौंप देना चाहिए? यह मुद्दा जितना दिलचस्प है, उतना पेंचीदा भी है, क्योंकि यह कानून से ऊपर जाकर तमाम भारतवासियों केलिए भावनाप्रधान भी बन चुका है।
हिंदुस्तान और सनातन धर्म की रीत हैकि दया करो, जियो और जीने दो। सनातन धर्म में रिश्ते-नातों नारियों और जीवों तक के सम्मान, दूसरों केलिए त्याग एवं संरक्षण का इतिहास अनुकरणीय और पूजनीय है। सीमा हैदर और सचिन मीणा का व्यावहारिक पक्ष भी यही हैकि इन्होंने एक-दूसरे से पबजी पर प्यार किया, जो इस हदतक परवान चढ़ाकि उन्होंने दो देशों की सीमाएं तोड़कर कानून और किसी भी धर्म जाति की परवाह किए बिना शादी भी कर ली है। निम्नवर्गीय सचिन मीणा एक ग़रीब परिवार से है, उसके माता-पिता और परिजनों ने सीमा हैदर को घर की बहू स्वीकार कर लिया है, यह भलीभांति जानने के बावजूद कि भारत का कड़ा सरहद कानून सीमा हैदर के पक्ष में नहीं हैं उसके लिए भारत में रहना बहुत मुश्किल है। फिलहाल नोएडा के रबुपुरा गांव एवं उसके आस-पास इस शादी के जश्न का माहौल है और लोग उसके घर जाकर दोनों को आशीर्वाद और 'बहू' को मुंहदिखाई में पैसा और उपहार भी दे रहे हैं। भारतीय सनातनियों में रस्म अदायगी बहुत सारी मान्यताओं से समृद्धशाली है, यही सनातनियों की आध्यात्मिक शक्ति भी कहलाती है। कहते हैं न कि जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता भी बसते हैं, इसलिए यहां जाति-भेद और सीमा का कोई भेद नहीं दिखाई दे रहा। मीडिया दिखा रहा है कि इस रिश्ते को आर्शीवाद देने केलिए रबूपुरा गांव में सचिन के घर लोगों का मेला लगा है। कस्बे में मुसलमान भी हैं, लेकिन अधिकांश में इस शादी पर सन्नाटा पसरा है। सड़क किनारे केले बेच रहे एक सहाफी ने तो एक चैनल से यहां तक कह दिया कि हम सीमा हैदर को बद्दुआ दे रहे हैंकि उसने अपना धर्म भी बदल लिया।
सीमा हैदर ने भारत देश का सीमा कानून तोड़ा है तो उसके विरुद्ध एफआईआर और गिरफ्तारी की कार्रवाई भी हो चुकी है और सभी जांच एजेंसियों की उसके बारे में हर एंगल से सम्पूर्ण जांच भी प्रचलित है। अदालत सचिन और सीमा हैदर को कुछ बंदिशों के साथ जमानत पर रिहा कर चुकी है। सीमा हैदर का पाकिस्तानी पति गुलाम हैदर बलोच सऊदी अरब में बैठा है और वहां से समाचार चैनलों के माध्यम से भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से कभी विनती कर रहा हैकि उसे उसकी पत्नी और बच्चे वापस कराओ, और कभी धमकियां भी दे रहा है, लेकिन सीमा हैदर सवाल जवाब में बार-बार कह रही है कि गुलाम हैदर तो उसको कभी का तलाक दे चुका है, जिस कारण वह उसकी पत्नी ही नहीं रही है। सीमा हैदर का कहना हैकि वह सिंध से तीन साल से भारत में सचिन के संपर्क में थी, तभी दोनों शादी का फैसला कर चुके थे, जोकि हो भी चुकी है, उसने हिंदू धर्म अपनाकर नेपाल में पशुपतिनाथ मंदिर में सचिन मीणा से सनातन धर्म के अनुसार विधिवत सिंदूर भराकर शादी करली है, इस शादी की अब केवल भारतीय कोर्ट में रजिस्टर्ड कराने की औपचारिकता ही बची है। वह इस प्रक्रिया को पूरी कर ही रहे थेकि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जेल से रिहा होने के बाद सीमा हैदर भी भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से अपील कर रही हैकि उसको पाकिस्तान न भेज दिया जाए, नहीं तो वहां उसकी हत्या कर दी जाएगी। उसका पूर्व पति गुलाम हैदर भलेही कह रहा हैकि वह पाकिस्तान आ जाए उसे कुछ नहीं होगा, मगर यह बात पाकिस्तान में खुलेआम कही जा रही हैकि वह पाकिस्तान आई तो उसको इस्लाम की तौहीन में काला मुंह करके कत्ल कर दिया जाएगा।
सीमा और सचिन के मामले का कठिन कानूनी पक्ष यह भी हैकि वैध वीजा के बिना कोई भी व्यक्ति पाकिस्तान से भारत में प्रवेश नहीं कर सकता और यदि वह ऐसा करते हुए पाया जाएगा तो उसे तत्काल गिरफ्तारकर उसके भारत में प्रवेश का कारण जानकर उसपर कानून सम्मत आवश्यकतानुसार कार्रवाई करके पहले जेल में डाला जाएगा, फिर उसे उसके वतन पाकिस्तान को सौंप दिया जाएगा। भारत के कानून के हवाले से कहा जा रहा हैकि सीमा हैदर के भारत में अवैध रूपसे आने की पूरी जांच पड़ताल केबाद उसे पाकिस्तान को सौंप दिया जाएगा अथवा कोई ठोस कारण से उसे राजनीतिक शरण देकर ही भारत में रहने दिया जा सकता है। भारत में राजनीतिक शरण देने का कानून भी सख्त है। सीमा हैदर को जहां तक भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रश्न है तो फिलहाल तो यह उसके लिए दूर की कौड़ी है। भारत और पाकिस्तान के टीवी चैनलों, सोशल मीडिया और यूट्यूब पर उसके खिलाफ नाम बेनाम से एक सुनियोजित अभियान शुरू हो चुका है। उसके लिए ऐसी बातें कही जा रही हैं कि जैसे वह भारत के खिलाफ किसी साजिश से आई है। सीमा हैदर दृढ़ता से मीडिया के हर सवाल का जवाब भी दे रही है, जिससे यह लगता हैकि कम से कम वह जासूस या कोई साजिशकर्ता तो नहीं है, बल्कि यह सिर्फ सीमा हैदर और सचिन में प्रेम का ही मामला है। सीमा हैदर का इतना मीडिया ट्रायल हो चुका हैकि वह व्यवहार में सामान्य है और मीडिया के अनाप-शनाप सवालों एवं आरोपों से रत्तीभर भी विचलित नहीं है। भारतीय मीडिया में कुछ आधे-अधूरे ज्ञानी उसके भारत में रहने के खिलाफ बड़े बेहूदा तर्क दे रहे हैं, सुनी-सुनाई ख़बरें गढ़ रहे हैं। इसमें उनकी जरूरी टीआरपी और टाइमपास का काम चल रहा है।
हर पाकिस्तानी या हर मुसलमान पर शक करना भी मुनासिब नहीं है। जानकार कहते हैंकि यह धर्मांध राजनीति और निम्न स्तर के सोच की ही मार हैकि दोनों मुल्क एक दूसरे के दुश्मन हैं। सीमा हैदर पर इस हद तक कहर नहीं बरपा देना चाहिए कि कोई कह रहा हैकि वह जासूस है, कोई कह रहा हैकि यह हनी ट्रैप का मामला है और कोई इसके हिंदू बनने पर इसे इस्लाम धर्म की तौहीन बता रहा है, जिसकी सजा इस्लाम में सजा-ए-मौत है। इस सवाल का जरा जवाब दीजिए कि पाकिस्तान बांग्लादेश और भारत में जो मुसलमान हैं उनके पूर्वज हिंदू थे कि नहीं? और उन्होंने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म कुबूल किया कि नहीं और ऐसा करने केलिए उनपर किसका दबाव था? इतिहास बताता हैकि इन तीनों देशों के आज के मुसलमान हिंदू ही थे तो हिंदू से मुसलमान बनने का गुनाह तो इन मुसलमानों ने भी किया हुआ है तो ये भी अपने हिंदू धर्म के गद्दार और काफिर हुए कि नहीं? जब इस्लाम में धर्म परिवर्तन सजा-ए-मौत है तो जो हिंदू धर्म से मुसलमान बने हैं, उनके लिए सजा क्या होनी चाहिए? क्या इन्होंने अपने हिंदू धर्म से गद्दारी नहीं की? क्या उनका मुसलमान हो जाना गुनाह नहीं है? इन्हें हिंदू धर्म से इस्लाम धर्म में आने केलिए हिंदू धर्म का गद्दार नहीं कहा जाए तो क्या कहा जाए? क्या ये मुसलमान उस कथित जन्नत के हकदार हैं? ये सवाल तो इनपर हैकि जब ये अपने हिंदू धर्म के नहीं हुए तो इस्लाम धर्म के क्या होंगे, जिसका वजूद ही कुछ वर्षों पुराना है, इसलिए पाकिस्तानी सीमा हैदर पर इस्लाम धर्म छोड़कर अपने पूर्व हिंदू धर्म में लौटने के लिए सजा-ए-मौत का फतवा एक हत्या का गुनाह नहीं है? जिसकी इस्लाम में सजा खून के बदले खून है।
सीमा हैदर की हिंदू सनातन धर्म में वापसी ने फिर गड़े मुर्दे उखाड़ दिए हैं और उनपर भी बहस शुरू हो गई है। बहस यह हैकि भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश के जो मुसलमान अपने को सच्चा मुसलमान कहते हैं, उन्हें अरब समुदाय मुसलमान मानता ही नहीं है। अरब समुदाय का कहना हैकि इस्लाम वास्तव में अरब देशों का ही मूल धर्म है, भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुसलमानों का नहीं। अरब इस्लामिक समुदाय अनेकबार कह चुका हैकि वह भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुसलमानों को मुसलमान नहीं मानता, उसकी नज़र में यहां के मुसलमान हिंदू हैं काफिर हैं, इसलिए अरब में इन देशों के मुसलमानों केलिए उनकी अरब स्त्रियों, लड़कियों से शादियों की सख़्त मनाही है और उन्हें देखने या छेड़छाड़ करने पर उनका सर कलम करने की सजा है। कौन नहीं जानताकि भारत पाकिस्तान बांग्लादेश के मुसलमानों केलिए मक्का में हज की नमाज़ की लाइन भी कई इस्लामिक देशों के पीछे होती है। हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम कबूल करने वालों केलिए इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म में वापस आने पर उनकी सजा-ए-मौत का फतवा क्या इस्लाम की ही तौहीन नहीं है? सीमा हैदर ने तो हिंदू धर्म में आकर घर वापसी की है। भारत पाकिस्तान के अनेक मुसलमान विद्वान और इतिहासकार भी मानते हैंकि उनके पूर्वज पहले हिंदू ही थे, इसलिए किसी को किसी मुसलमान के हिंदू धर्म में वापस होने पर उंगली उठाने का क्या हक है? सीमा हैदर अपने प्यार में पाकिस्तान से नेपाल होते हुए भारत क्या आ गई, मानो यह भी कुफ्र हो गया?
तकनीकी दृष्टि से देखा जाए तो पाकिस्तान की सीमा हैदर का भारत में अवैध रूपसे प्रवेश करना अनुचित है, मगर जानकार कहते हैं कि सीमा हैदर, भारत-पाकिस्तान का नहीं, बल्कि पहले भारत और नेपाल का मुख्य मुद्दा है, क्योंकि सीमा हैदर ने पाकिस्तान की नहीं, बल्कि अवैध रूपसे भारत नेपाल की सीमा पारकर भारत में प्रवेश किया है। उसका नेपाल से भारत आना ही अवैध है, जबकि उसका दुबई से नेपाल तक का आगमन पूरी तरह से कानून सम्मत है। भारत नेपाल के बीच आगमन पर कोई सख्त कानून नहीं है, कोई भी भारत-नेपाल आ जा सकता है। भारत-पाकिस्तान के बीच जरूर कड़ी कानूनी बंदिशें हैं, जिनके अनुपालन में सीमा हैदर को अगर भारत से निकाला जाना है तो उसे नेपाल के सुपुर्द करना चाहिए ना कि पाकिस्तान के। उसके बाद नेपाल उसका चाहे जो करे। एक सवाल यह भी हैकि सीमा हैदर ने नेपाल आकर पशुपतिनाथ मंदिर में जब सचिन मीणा से शादी की तो उसे वहां नेपाल प्रशासन ने क्यों नहीं गिरफ्तार किया, उसने क्यों नहीं पड़ताल कीकि सीमा हैदर मुसलमान है, पाकिस्तान की है और वह पशुपतिनाथ मंदिर में एक हिंदू से शादी कर गैरकानूनी काम कर रही है। जिस समय वह भारत में प्रवेश कर रही थी, तबभी उसकी प्रारंभिक पड़ताल पहले नेपाल प्रशासन को ही करनी थी, जो उसने नहीं की। सीमा हैदर अपने बच्चों सहित भारत के नोयडा शहर में आकर अपने नए पति सचिन मीणा के साथ रहने लगी। ये दोनों अपनी कोर्ट में शादी की तैयारी कर रहे थेकि पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद जो हुआ, वह सब देख रहे हैं।
सीमा हैदर के गुनाह पर गौर कीजिएगा! उसने क्या गुनाह किया जो भारत और पाकिस्तान के मुसलमान मिलकर सोशल मीडिया पर उसे जमकर गरिया रहे हैं? सीमा हैदर कह रही है कि गुलाम हैदर उसे तलाक दे चुका है, चार बच्चे पैदा करने के बाद से वह उसके साथ रहता ही नहीं था, वह मोबाइल पर बातचीत में उसपर शक गाली-गलौज और अभद्रता ही करता था, तीन साल से तो वह अरब में ही था तो शरिया कानून के अनुसार भी वह उसकी बीवी कहां रही? और फिर वह सचिन के संपर्क में आकर हिंदू बन चुकी है, इसलिए इस्लाम धर्म के कायदे कानून उसके ऊपर लागू नहीं होते। वह कह रही हैकि रही गुलाम हैदर से पैदा हुए उसके बच्चों की बात तो वह बच्चे यदि अपने पिता के पास पाकिस्तान जाना चाहते हैं तो वह उन्हें रोकेगी नहीं। सवाल है कि ये बच्चे गुलाम हैदर को भारत नेपाल या पाकिस्तान कहां सौंपे जाने चाहिएं? सीमा हैदर ने नेपाल तक तो कोई आगमन कानून नहीं तोड़ा। उसके कानून तोड़ने का विवाद तो नेपाल भारत सीमा से शुरू होता है, इसलिए इसमें क्या नेपाल सरकार का महत्वपूर्ण रोल नहीं है? भारत और पाकिस्तान के मुसलमानों की यह चिंता सामने आई हैकि सीमा हैदर भारत सरकार के सुरक्षा प्रबंधों के बीच नेपाल से भारत में कैसे प्रवेश कर गई? मुसलमानों के जाने-माने हिमायती ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को सबसे ज्यादा आपत्ति और चिंता यह हुई हैकि भारत नेपाल सीमा पर भारत की सुरक्षा एजेंसियां मुस्तैद हैं, तबभी सीमा हैदर अपने बच्चों के साथ भारत में घुसपैंठ कर गई? इस सवाल का जवाब हैकि अपवाद को छोड़कर चोरी-छिपे भारत आए पाकिस्तानी बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान भारत के अधिकांश मुसलमानों के घरों में रह रहे हैं यहां भारत विरोधी विघटनकारी और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देते हुए पकड़े जा रहे हैं और भारत के मुसलमान पाकिस्तानी मुसलमानों के सबसे बड़े हिमायती बने हुए हैं, क्या नहीं हैं?
क्षमा कीजिएगा! अधिकांश भारतीय मुसलमानों की भारत से कोई भी सहानुभूति नहीं है, इसलिए सीमा हैदर जिसने अब हिंदू धर्म में घर वापसी कर ली है तो उसके धर्म परिवर्तन पर उंगली उठाने से पहले यहां के मुसलमानों को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए! मगर अब तो यह भी शुरू हो गया है कि बहुत से मुसलमान यह मान और जानकर भाजपा में शामिल होकर यह सिद्ध करने में लगे हैं कि वह भारत के प्रति वफादार हैं। ऐसा इसलिए भी है कि वह जानते हैंकि उनके समर्थन के बिना ही भारत और भारत के राज्यों में भाजपा की सरकारें बनती आ रही हैं, इसलिए अपनी भलाई केलिए उनका भाजपा के साथ होने का बढ़चढ़कर दिखावा करना जरूरी है, मगर वोट वो भाजपा के खिलाफ ही करते हैं। दूसरी तरफ कुछ टीवी चैनल, सोशल मीडिया और यूट्यूबर सीमा हैदर को पाकिस्तान की जासूस बताकर उसे शक की भट्टी में झोंक रहे हैं, जो उचित नहीं है। सब देख रहे हैंकि इन चैनलों और यूट्यूबरों के पास आजकल सीमा हैदर की ही ख़बर है, इसके अलावा इनके पास अभी सीमा हैदर से बड़ी और कोई ब्रेकिंग ख़बर नहीं आई है। मानाकि उसने भारत का कानून तोड़ा है। सीमा हैदर ने भारत सरकार से और उत्तर प्रदेश सरकार से अपील की है कि वह उसे पाकिस्तान को ना सौंपे, क्योंकि वहां उसकी हत्या कर दी जाएगी। भारत का यह धर्म भी है कि उसने सदैव शरण में आए दूसरों की रक्षा ही की है, भले ही उसने भारत की पीठ में छुरा घोंपा है, जिसके सैकड़ों उदाहरण हमारे सामने मौजूद हैं। सीमा हैदर को पाकिस्तान को सौंपने का फैसला जल्दबाजी में नहीं होना चाहिए। इस रेयरेस्ट मामले में सीमा हैदर की अपील पर भारत सरकार की नज़र और उसमें सुरक्षा राजनीतिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण भी जरूरी है। जांच में अगर सीमा हैदर के इरादे नेक पाए जाते हैं तो ऐसा रास्ता निकाला जाना चाहिए कि इसे भारत नहीं छोड़ना पड़े, मगर यह भी जरूरी हैकि सीमा हैदर की नजीर देकर आगे किसी दूसरे विदेशी को भारत में आने रहने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।

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