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Monday 17 July 2023 06:33:35 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की वर्चुअल उपस्थिति में आज नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के सभी राज्यों के एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने देश के विभिन्न हिस्सों में 2381 करोड़ रुपये मूल्य के 1 लाख 40 हज़ार किलोग्राम से अधिक मादक पदार्थों को नष्ट किया, जो एकदिन में सर्वाधिक ड्रग नष्ट करने का रिकॉर्ड भी है। नई दिल्ली में 'ड्रग तस्करी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा' पर क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि भारत जैसे देश में मादक पदार्थों की तस्करी और उपयोग से ना सिर्फ आनेवाली नस्लें बरबाद होती हैं, बल्कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा भी प्रभावित होती है। उन्होंने कहाकि गृह मंत्रालय क्षेत्रीय सम्मेलनों की बैठकों के जरिए निरंतर अभियान चला रहा है और उनकी समीक्षा एवं फीडबैक पर हमारी नीतियों में समयानुकूल परिवर्तन करने केलिए ये बैठकें हो रही हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री ने एक उल्लेख में कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव के दौरान देश के सामने लक्ष्य रखा हैकि जब देश की आज़ादी की शताब्दी मनाई जाए, तबतक भारत और इसके युवा नशामुक्त हो जाएं। उन्होंने कहाकि देश के एकभी युवा में नशे की आदत ना हो, ऐसे भारत का सृजन करना मोदी सरकार का लक्ष्य है और इसकी प्राप्ति केलिए राज्य और केंद्र सरकार दोनों को मिलकर काम करना ज़रूरी है। अमित शाह ने बतायाकि एनसीबी के अमृतसर ज़ोनल कार्यालय केलिए 12 करोड़ रुपये की लागत से एक नए भवन का निर्माण, भुवनेश्वर कार्यालय का उद्घाटन और दिल्ली में एक नए कार्यालय का भूमिपूजन हुआ है। उन्होंने एनसीबी कार्यालयों केलिए भूमि देकर एनसीबी और भारत सरकार का सहयोग करने केलिए ओडिशा सरकार और पंजाब सरकार को धन्यवाद दिया। अमित शाह ने नशामुक्त भारत पर एक सार संग्रह का विमोचन किया और कहाकि ड्रग्स के खिलाफ इस लड़ाई में हम जितनी जानकारी जिला तंत्र, गैर सरकारी संगठनों और स्कूलों तक पहुंचाएंगे, यह लड़ाई उतनी मजबूत होगी।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि ये सिर्फ नशे पर नकेल कसने या संपूर्ण विजय प्राप्त करने की लड़ाई नहीं है, बल्कि इसमें सबसे बड़ी विजय प्राप्त करने का रास्ता जागरुकता पैदा करना है। उन्होंने कहाकि जबतक हम देश के युवाओं और अभिभावकों के मन में नशे के खिलाफ जागरुकता पैदा नहीं करते, तबतक ये लड़ाई हम नहीं जीत सकते। अमित शाह ने कहाकि डिटेक्शन, डिस्ट्रक्शन और डिटेंशन के क्षेत्रों में हमने बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन जबतक रिहेबिलिटेशन पर हम ध्यान नहीं देंगे, तबतक हमारी ये लड़ाई सफल नहीं होगी। अमित शाह ने कहाकि 'संपूर्ण सरकार' अप्रोच केसाथ स्वास्थ्य, समाज कल्याण विभाग, कैमिकल एवं ड्रग विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायतीराज विभाग और राज्यों के गृह विभागों को एकही मंच पर आकर काम करना होगा, तभी नशामुक्त भारत की कल्पना को हम साकार कर सकेंगे। उन्होंने कहाकि इसके लिए सहयोग, समन्वय केसाथ सभी विभागों को 'संपूर्ण सरकार' अप्रोच केसाथ बढ़ना होगा।
अमित शाह ने कहाकि अब हमने न केवल भारत, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गोल्डन ट्रायंगल और गोल्डन क्रिसेंट की जगह डेथ ट्रांयगल और डेथ क्रिसेंट नाम को प्रतिस्थापित किया है। उन्होंने कहाकि गोल्डन ट्रायंगल नाम ड्रग के कारोबारियों केलिए हो सकता है, लेकिन जो ड्रग पर कंट्रोल करने के पक्ष में हैं, उनके लिए तो ये डेथ ट्रांयगल और डेथ क्रिसेंट है। उन्होंने कहाकि यह अप्रोच सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि यह लड़ाई की तीव्रता और दिशा को दर्शाती है। उन्होंने कहाकि नशीली दवाओं के उन्मूलन केलिए निरंतर सजगता की आवश्यकता है, इसलिए बेहतर सामंजस्य एवं तालमेल केलिए राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में होने वाली एनसीओआरडी की बैठकों की निरंतरता जरूरी है। गृहमंत्री ने कहाकि मोदी सरकार ने 2019 में एनसीओआरडी की स्थापना की थी, जिसमें चार स्तरीय एनसीओआरडी की बैठक होती है, ज़िलास्तरीय एनसीओआरडी बैठक सबसे परिणामदायी बैठक होती है। उन्होंने कहाकि फाइनेंशियल इंवेस्टिगेशन पर राज्यों को प्रवर्तन निदेशालय का सहयोग करना चाहिए और मामलों को ईडी केपास भेजना चाहिए।
अमित शाह ने कहाकि जबतक ड्रग कारोबारियों की फाइनेंशियल इंवेस्टिगेशन करके हम इनकी इंटरेस्ट चेन को नहीं तोड़ते हैं, तबतक हमारा अभियान सफल नहीं होगा। उन्होंने कहाकि हमारा अप्रोच होना चाहिएकि जोभी ड्रग का सेवन करता है, वह पीड़ित है और जो इसका व्यापार करते हैं वह गुनहगार हैं। उन्होंने कहाकि हमारे सिस्टम में उन्हें वापस लाने का प्रयास होना चाहिए, नाकि उन्हें परमानेंट नशेड़ी बनाने का। अमित शाह ने कहाकि हमने एक एसआईएमएसई पोर्टल भी बनाया है, जिसका उपयोग करना चाहिए, पोर्टल की जानकारी थानों तकको होनी चाहिए। उन्होंने कहाकि गिरफ्तार नार्को अपराधियों पर राष्ट्रीय एकीकृत डेटाबेस नामका एकीकृत डेटाबेस और राष्ट्रीय स्वचालित फ़िंगरप्रिंट पहचान प्रणाली एक फिंगरप्रिंट केलिए डेटाबेस है, इन दोनों का उपयोग अधिक से अधिक करना चाहिए। अमित शाह ने उल्लेख कियाकि 35 राज्यों ने डेडीकेटेड एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन कर दिया है। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय नारकोटिक्स K9 पूल की स्थापना भी हमने की है और अगर राज्य इस दिशा में बढ़ते हैं तो एनसीबी उन्हें ट्रेनिंग में मदद कर सकता है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाकि राज्यों को ड्रग के खिलाफ विशिष्ट अदालतें बनानी चाहिएं और इसके प्रॉसीक्यूशन को फास्ट ट्रैक मोड में किया जाए। उन्होंने कहाकि सजा जितनी ज्यादा होगी, इसकी रोकथाम में उतना ही फायदा होगा, क्योंकि इससे एक कठोर संदेश जाता है। अमित शाह ने कहाकि नशीले पदार्थों के व्यापार में संलिप्त लोगों की संपत्ति जब्ती के मामले भी बढ़ाने चाहिएं, इन लोगों के सार्वजनिक बहिष्कार से ही बाकी लोग इस व्यापार से जुड़ने से रुकेंगे। उन्होंने कहाकि यह इनिशिएटिव का सवाल है, नाकि संसाधनों का। इसी प्रकार से अवैध खेती के विनिष्टीकरण केलिए भी विशेषकर उत्तरी क्षेत्र में इस क्षेत्र के मुख्यमंत्रियों को विशेष ध्यान देना चाहिए। गृहमंत्री ने कहाकि नशे के खिलाफ हमारा अभियान देश की आनेवाली नस्लों को बचाने का पुण्य अभियान है, देश को सुरक्षित रखने का अभियान है और ये हम सबकी प्राथमिकता होना चाहिए। सम्मेलन में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक, केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के उपराज्यपाल, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी सम्मेलन में ऑनलाइन शामिल हुए। ओडिशा के गृह राज्यमंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, एनसीबी के महानिदेशक और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों व भारत सरकार के संबद्ध मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी सम्मेलन में उपस्थित थे।