स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 20 July 2023 01:52:26 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के मानसून सत्र-2023 शुरू होने से पूर्व मीडिया को दिए अपने वक्तव्य में मणिपुर की मर्मभेदी एवं शर्मसार करने वाली घटना का संज्ञान लेते हुए कहा हैकि मणिपुर की बेटियों केसाथ जो हुआ है, इसको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहाकि उनका ह्दय पीड़ा और क्रोध से भरा हुआ है, मणिपुर की जो घटना सामने आई है, किसीभी सभ्य समाज एवं मानवता केलिए ये शर्मसार करने वाली घटना है। उन्होंने कहाकि पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं, कौन हैं, वो अपनी जगह पर हैं, लेकिन बेज्जती देशभर की हो रही है, 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करते हुए कहाकि वो अपने राज्य में कानून व्यवस्थाओं को और मजबूत करें, खास करके हमारी माताओं, बहनों की रक्षा केलिए कठोर से कठोर कदम उठाएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि घटना चाहे राजस्थान, छत्तीसगढ़, चाहे मणिपुर की हो, हिंदुस्तान के किसीभी कोने में, किसीकी भी राज्य सरकार में राजनीतिक वाद-विवाद से ऊपर उठ करके कानून व्यवस्था का महात्मय एवं नारी का सम्मान बहुत जरूरी है। उन्होंने देशवासियों को विश्वास दिलायाकि मणिपुर की हृदय विदारक घटना में शामिल किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा, कानून अपनी पूरी शक्ति, सख्ती से एकके बाद एक सख़्त कदम उठाएगा। गौरतलब हैकि मणिपुर में बीते दो महीने से भयावह हिंसा हो रही है और इस बीच वहां भीड़ द्वारा दो महिलाओं केसाथ अश्लील हरकतें करते हुए उन्हें निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाए जाने का भयावह वीडियो सोशल मीडिया के जरिए सामने आया है, जो एक महिला केप्रति इंसानियत और उसके सम्मान एवं आत्मा तकको झकझोर देने वाला है। मणिपुर में तीन प्रमुख समुदाय हैं-मैतेई, नगा और कुकी। मैतेई और कुकी समुदाय केबीच हिंसा की मुख्य वजह हाईकोर्ट का एक आदेश है, जिसमें मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य के मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा देने की सिफारिश की थी, इस आदेश के विरोध में कुकी समुदाय ने 3 मई को एक मार्च बुलाया था, इसी मार्च केसाथ राज्य में हिंसा की शुरुआत हुई थी।
प्रधानमंत्री ने मानसून सत्र के शुभारंभ पर कहाकि उन्हें विश्वास हैकि सभी सांसद मिल करके इस सत्र का जनहित में सर्वाधिक उपयोग करेंगे। उन्होंने कहाकि संसद और संसद में हर सांसद की जो जिम्मेवारी है, ऐसे अनेक कानूनों का बनाना, इसकी विस्तार से चर्चा करना बहुत ही आवश्यक है और चर्चा जितनी ज्यादा होती है, चर्चा जितनी ज्यादा पैनी होती है, उतना जनहित में दूरगामी परिणाम देने वाले अच्छे निर्णय होते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि सदन में जो माननीय सांसद आते हैं, वो ज़मीन से जुड़े हुए होते हैं, जनता के दुखदर्द को समझने वाले होते हैं, इसलिए जब चर्चा होती है तो उनकी तरफ से जो विचार आते हैं, वो जड़ों से जुड़े हुए होते हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि चर्चा तो समृद्ध होती है, निर्णय भी सशक्त होते हैं, परिणामकारी होते हैं, इसलिए सभी राजनीतिक दल और सांसद इस सत्र का भरपूर उपयोग करके जनहित के कामों को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने जिक्र कियाकि सावन का पवित्र मास चल रहा है और इसबार तो डबल सावन है, सावन मास पवित्र संकल्प, पवित्र कार्यों केलिए बहुत ही उत्तम माना जाता है और लोकतंत्र के मंदिर में ऐसे अनेक पवित्र कार्य करने केलिए इससे बड़ा उत्तम अवसर नहीं हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि ये सत्र अनेक रूपसे महत्व का भी है, क्योंकि इस सत्र में जो बिल लाए जा रहे हैं, वो सीधे-सीधे जनता के हितों से जुड़े हुए हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारी युवा पीढ़ी जो पूरी तरह डिजिटल वर्ल्ड केसाथ एक प्रकार से नेतृत्व कर रही है, इस समय डेटा संरक्षण विधेयक देश के हर नागरिक को एक नया विश्वास देने वाला बिल है और विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला बिल है। उन्होंने बतायाकि इसी प्रकार से राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन नई शिक्षा नीति के संदर्भ में एक बहुत बड़ा अहम कदम है और इसका उपयोग अनुसंधान को बल देना, नवाचार एवं खोज को बल देना और हमारी युवा पीढ़ी जो विश्व के अंदर नए उपक्रमों के जरिए विश्व का नेतृत्व करने का सामर्थ्य रखती है, उनके लिए बड़ा अवसर ले करके आ रही है। उन्होंने कहाकि जनविश्वास भी सामान्य मानवी केप्रति भरोसा करना अनेक कानूनों को अपराधमुक्त करना इस मुहिम को आगे बढ़ाने वाला बिल है, इसी प्रकार से जो पुराने कानून हैं, उनको खत्म करने केलिए भी एक बिल में प्रावधान किया जा रहा है।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारे यहां सदियों से एक परंपरा रही हैकि जब विवाद हो तो संवाद से सुलझाया जाए, मध्यस्थता की परंपरा हमारे देश की बहुत सदियों पुरानी है, उसको अब कानूनी आधार देते हुए मध्यस्थता विधेयक लाने की दिशा में इस सत्र का बहुत बड़ा उपयोग है, जो अनेक विवादों से सामान्य से सामान्य मानवी से लेकर के असामान्य संजोगों को भी मिल बैठ करके सुलझाने की एक मजबूत नींव बनाएगा। इसी प्रकार से डेंटल मिशन बिल, जो हमारे डेंटल कॉलेज को लेकर मेडिकल के छात्रों केलिए एक नई व्यवस्था को आकार देगा। उन्होंने उल्लेख कियाकि ऐसे अनेक महत्वपूर्ण बिल इसबार मानसून सत्र में संसद में आ रहे हैं, ये जनहित, युवा हित और भारत के उज्जवल भविष्य केलिए हैं। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि सदन में गंभीरतापूर्वक इन बिलों पर चर्चा करके हम बहुत तेजीसे राष्ट्रहित के महत्वपूर्ण कदमों को आगे बढ़ाएंगे।