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Thursday 27 July 2023 05:11:46 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी सह सम्मेलन केंद्र परिसर भारत मंडपम का समारोहपूर्वक उद्घाटन किया और जी-20 सिक्के एवं जी-20 टिकट का भी अनावरण किया। प्रधानमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से कन्वेंशन सेंटर के नामकरण समारोह और प्रदर्शित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देखे। प्रधानमंत्री की परिकल्पना से करीब 2700 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय परियोजना के तौरपर विकसित यह आईईसीसी परिसर भारत को एक प्रमुख वैश्विक व्यापार गंतव्य स्थापित करने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने उत्साहित करने वाली एक कविता केसाथ अपने उद्घाटन भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहाकि भारत मंडपम भारत के सामर्थ्य और देश की नई ऊर्जा का आह्वान है, यह भारत की भव्यता और इच्छाशक्ति का दर्शन है। प्रधानमंत्री ने भारत मंडपम में श्रमिकों को सम्मानित किए जाने को याद करते हुए कहाकि उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण को देखकर पूरा देश प्रभावित है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम के लिए दिल्लीवासियों के साथ-साथ हर भारतीय को बधाई दी। कारगिल विजय दिवस के ऐतिहासिक अवसर को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने देश की ओर से कारगिल युद्ध में भारत पर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने विस्तार से बताया कि 'भारत मंडपम' नाम के पीछे की प्रेरणा भगवान बशवेश्वर का 'अनुभव मंडपम' है। उन्होंने कहा कि अनुभव मंडपम परिचर्चा एवं अभिव्यक्ति की परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने याद दिलाया कि भारत लोकतंत्र की जननी के रूपमें स्वीकार किया जाता है। उन्होंने इस संबंध में कई ऐतिहासिक और पुरातात्विक उदाहरणों का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि भारत मंडपम भारतीयों को भारत के लोकतंत्र केलिए एक सुंदर उपहार है, क्योंकि हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। उन्होंने कहाकि जब कुछ ही हफ्तों में यहां जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा तो पूरी दुनिया भारत के बढ़ते हुए कदम और भारत का बढ़ता हुआ कद देखेगी। दिल्ली में एक विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर की आवश्यकता पर विस्तार से प्रधानमंत्री ने कहाकि हमें 21वीं सदी के भारत में 21वीं सदी की आवश्यकताओं को पूरा करने वाला निर्माण करना ही होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेखांकित कियाकि भारत मंडपम दुनियाभर के प्रदर्शकों की मदद करेगा और भारत में कॉन्फ्रेंस पर्यटन का एक माध्यम बनेगा। उन्होंने कहाकि भारत मंडपम देश के स्टार्टअप की क्षमताओं को प्रदर्शित करने केलिए एक प्लेटफॉर्म के रूपमें काम करेगा, साथही यह कलाकारों एवं अभिनेताओं के प्रदर्शन का गवाह बनेगा और हस्तशिल्प कारीगरों के प्रयासों को प्रदर्शित करने केलिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत मंडपम आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल अभियान का प्रतिबिंब बनेगा, यह कन्वेंशन सेंटर अर्थव्यवस्था से पारिस्थितिकी और व्यापार से प्रौद्योगिकी तक हर क्षेत्र केलिए एक मंच के रूपमें उभरेगा। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत मंडपम जैसे बुनियादी ढांचे का विकास तो दशकों पहले ही हो जाना चाहिए था। उन्होंने भविष्य में निहित स्वार्थों के कारण विरोध के बावजूद बुनियादी ढांचे का निर्माण जारी रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहाकि कोई भी समाज खंडित तरीके से काम करते हुए प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने कहाकि भारत मंडपम दूरदर्शी समग्र कार्यशैली का उदाहरण है। उन्होंने 160 से अधिक देशों केलिए ई-कॉन्फ्रेंस वीजा सुविधा जैसे कदमों की जानकारी देकर इसे समझाया। उन्होंने उल्लेख कियाकि दिल्ली हवाई अड्डे की क्षमता 2014 में सालाना 5 करोड़ से बढ़कर आज 7.5 करोड़ हो चुकी है और जेवर हवाई अड्डे के चालू होने के बाद यह आंकड़ा कहीं और भी बेहतर होगा।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि दिल्ली एनसीआर में आतिथ्य सेवा उद्योग का भी काफी विस्तार हुआ। उन्होंने कहा कि इससे सम्मेलन पर्यटन केलिए एक संपूर्ण परिवेश तैयार करने के दृष्टिकोण का संकेत मिलता है। राजधानी दिल्ली में पिछले कुछ वर्षों के दौरान बुनियादी ढांचे के विकास पर प्रधानमंत्री ने हाल में उद्घाटन किए गए नए संसद भवन का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि यह हर भारतीय को गौरवांवित करता है। उन्होंने नेशनल वार मेमोरियल, पुलिस मेमोरियल और बाबा साहेब अम्बेडकर मेमोरियल जैसे स्मारकों का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने दोहराया कि कर्तव्य पथ के आसपास कार्यालय भवनों का विकास कार्य पूरे जोरों पर है, क्योंकि सरकार कार्य संस्कृति के साथ-साथ कार्य परिवेश को भी बदलने पर जोर दे रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री संग्रहालय का जिक्र किया जो भारत के अबतक के सभी प्रधानमंत्रियों के जीवन की एक झलक प्रस्तुत करता है। उन्होंने बताया कि नई दिल्ली में विश्व के सबसे बड़े संग्रहालय 'युगे युगीन भारत' का भी विकास तेजी से किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि विकसित होने केलिए हमें बड़ा सोचना होगा और बड़े लक्ष्य हासिल करने होंगे, इसलिए भारत 'बड़ा सोचो, बड़े सपने देखो, बड़े कार्य करो' के सिद्धांत केसाथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहाकि हम बड़ा, बेहतर और तेजीसे निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने भारत में दुनिया के सबसे बड़े सोलर विंड पार्क, सबसे ऊंचे रेल पुल, सबसे लंबी सुरंग, वाहनों केलिए सबसे ऊंची सड़क, सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम, दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति और एशिया के दूसरे सबसे बड़े रेल पुल का जिक्र किया। उन्होंने ग्रीन हाइड्रोजन में हुई प्रगति का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज हमारी सरकार के मौजूदा कार्यकाल और पिछले कार्यकाल के विकास कार्यों का पूरा देश गवाह है। उन्होंने आश्वस्त कियाकि भारत की विकास यात्रा अब रुकने वाली नहीं है, जब 2014 में उनकी सरकार सत्ता में आई थी, तब भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, मगर आज भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और उनके तीसरे कार्यकाल में भारत का नाम दुनिया की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाओं में होगा। उन्होंने कहाकि यह मोदी की गारंटी है। प्रधानमंत्री ने आश्वस्त किया कि तीसरे कार्यकाल में भारत की विकास यात्रा की गति कई गुना बढ़ जाएगी और नागरिक अपने सपनों को साकार होते देखेंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज भारत में नवर्निर्माण की क्रांति चल रही है, पिछले 9 वर्ष में बुनियादी ढांचे के निर्माण पर 34 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए, इस साल केलिए भी पूंजीगत व्यय 10 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। उन्होंने कहाकि पिछले 9 वर्ष में 40 हजार किलोमीटर रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण हुआ है, जबकि उससे पहले के 7 दशकों में महज 20 हजार किलोमीटर का विद्युतीकरण हुआ था, साल 2014 से पहले हर महीने 600 मीटर मेट्रो लाइन बिछाई जाती थी, मगर आज हर महीने 6 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन बिछाई जा रही है, देश में 7.25 लाख किलोमीटर लंबी ग्रामीण सड़कें हैं, जो 2014 में केवल 4 लाख किलोमीटर थीं, हवाई अड्डों की संख्या करीब 70 से बढ़कर लगभग 150 हो गई है, शहरी गैस वितरण का दायरा भी 2014 में केवल 60 शहरों के मुकाबले अब 600 शहरों तक बढ़ चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि नया भारत आगे बढ़ रहा है और रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को पार कर रहा है, सरकार समस्याओं का स्थायी समाधान तलाशने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। सामाजिक बुनियादी ढांचे के लिए गेम-चेंजर साबित होने वाले पीएम गतिशक्ति मास्टरप्लान का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि इसमें डेटा की 1,600 से अधिक परतें शामिल हैं और इसका उद्देश्य देश का समय और पैसा बचाना है। प्रधानमंत्री ने 1930 के दशक की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहाकि पिछली शताब्दी का तीसरा दशक भारत के स्वाधीनता संग्राम केलिए काफी महत्वपूर्ण रहा, जहां लक्ष्य स्वराज था। प्रधानमंत्री ने कहाकि उसी प्रकार इस सदी का तीसरा दशक भारत केलिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमारा लक्ष्य एक विकसित भारत है। प्रधानमंत्री ने दोहराया कि स्वराज आंदोलन का ही परिणाम थाकि भारत आजाद हो गया। प्रधानमंत्री ने कहाकि अब हमारा लक्ष्य अगले 25 वर्ष में 'विकसित भारत' है। उन्होंने हरेक स्वतंत्रता सेनानी के सपने को साकार करने केलिए नागरिकों को प्रेरित किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत एक विकसित देश बन सकता है, भारत गरीबी उन्मूलन कर सकता है। प्रधानमंत्री ने नीति आयोग की एक रिपोर्ट का उल्लेख देते हुए बताया कि भारत में महज 5 साल के दौरान 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकल चुके हैं। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत में अत्यधिक गरीबी खत्म हो रही है और इसका उल्लेख अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भी किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ नियत और सही नीतियों की जरूरत पर जोर देते हुए जी-20 का उदाहरण दिया। उन्होंने कहाकि हमने जी-20 को महज किसी एक शहर या एक ही जगह तक सीमित नहीं रखा, हम जी-20 की बैठकों को देश के 50 से अधिक शहरों में ले गए, हमने इसके जरिये भारत की विविधता को प्रदर्शित किया है, हमने दुनिया को दिखाया कि भारत की सांस्कृतिक शक्ति क्या है, भारत की विरासत क्या है। जी20 के अध्यक्ष के तौरतरीके पर विस्तार से प्रधानमंत्री ने कहाकि जी-20 बैठकों केलिए कई शहरों में नई सुविधाओं का निर्माण किया गया और पुरानी सुविधाओं का आधुनिकीकरण किया गया, इससे देश और देशवासियों का फायदा हुआ, यही तो सुशासन है, हम नेशन फर्स्ट, सिटीजन फर्स्ट की भावना पर चलते हुए ही भारत को विकसित भारत बनाने वाले हैं। इस अवसर पर केंद्रीय व्यापार एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के अलावा कई अन्य केंद्रीय मंत्री और उद्योग जगत के जानेमाने विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।