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Thursday 3 August 2023 01:54:49 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राजधानी नई दिल्ली में नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा हैकि दिव्यांगजनों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करना पूरे समाज का दायित्व है। राष्ट्रपति ने कहाकि हमें यह सुनिश्चित करना होगाकि उन्हें उचित शिक्षा, रोज़गार के अवसर, सुलभ सार्वजनिक स्थल और एक सुरक्षित एवं बेहतर जीवन मिले। उन्होंने कहाकि दृष्टिबाधित लोगों को अपनी प्रतिभा को दर्शाने केलिए किसीकी दया या करुणा की आवश्यकता नहीं, बल्कि समान अवसर, शिक्षा, उचित प्रशिक्षण और रोज़गार की जरूरत होती है। राष्ट्रपति ने दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों से अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखने की अपील की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि भारतीय संस्कृति में दिव्यांगता को कभी भी ज्ञान प्राप्त करने और उत्कृष्टता हासिल करने में बाधा नहीं माना गया है। उन्होंने ऋषि अष्टावक्र और महान कवि सूरदास का उदाहरण देते हुए कहाकि दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि है, दृष्टिबाधित होते हुए भी जिस तरह सूरदास ने राधा-कृष्ण के जीवनचरित का सजीव चित्रण और वर्णन किया है, वह किसी नेत्र वाले व्यक्ति केलिए भी करना अत्यंत कठिन है। राष्ट्रपति ने बीते 50 वर्ष में दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने केलिए नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड की सराहना की। उन्होंने कहाकि फेडरेशन ने दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों के समक्ष आनेवाली चुनौतियों के बारेमें समाज में जागरुकता बढ़ाई है, जिससे समाज अधिक समावेशी बना है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि सरकार विभिन्न पहलों के माध्यम से दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण केलिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहाकि भारत में दृष्टिबाधित लोगों सहित दिव्यांगजनों की काफी बड़ी संख्या है एवं हमारे इन भाइयों और बहनों को गरिमापूर्ण जीवन देने की जिम्मेदारी सरकार के साथ-साथ पूरे समाज की है। उन्होंने विश्वास जतायाकि नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों के समग्र विकास और सशक्तिकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में सरकार और समाज केसाथ मिलकर अपना प्रयास जारी रखेगा।