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Thursday 3 August 2023 01:58:46 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार ने भारतीय चिकित्सा प्रणालियों से उपचार चाहने वाले विदेशी नागरिकों केलिए आयुष वीजा की एक नई श्रेणी बनाई है। गौरतलब हैकि विदेशियों में भारतीय चिकित्सा प्रणालियों से सफल चिकित्सा के कारण उनपर भरोसा बढ़ रहा है, इससे भारतीय पारंपरिक चिकित्सा को वैश्विक स्तरपर ले जाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को मजबूती मिलेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भारतीय चिकित्सा प्रणालियों से उपचार कराने के उद्देश्य से भारत आने वाले विदेशी नागरिकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनके लिए आयुष वीजा की नई श्रेणी को अधिसूचित कर दिया है। आयुष वीज़ा विशेष वीज़ा योजना शुरू करने के प्रस्ताव को पूरा करती है, जिसमें चैप्टर 11-मेडिकल वीजा ऑफ द वीजा मैनुअल के बाद एक नया चैप्टर यानी चैप्टर 11ए-आयुष वीजा शामिल किया गया है, तद्नुसार वीज़ा मैनुअल 2019 के विभिन्न चैप्टर में आवश्यक संशोधन किए गए हैं। आयुष मंत्रालय राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर उपचार की आयुष प्रणाली को बढ़ावा देने केलिए कई मोर्चों पर काम कर रहा है। हाल ही में उसने भारत पर्यटन विकास निगम केसाथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बताया हैकि भारतीय आयुष चिकित्सा प्रणालियों से इलाज चाहनेवाले विदेशी नागरिकों केलिए आयुष वीजा की नई श्रेणी का बनना एक महत्वपूर्ण कदम है, इससे भारत में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहाकि दुनिया भारतीय चिकित्सा प्रणालियों से सफल इलाज के कारण इस ओर तेजी से आकर्षित हो रही है। उन्होंने कहाकि आयुर्वेद चिकित्सा करोड़ों वर्ष पुरानी चिकित्सा पद्धति है, जिससे असाध्य रोगों की सफल चिकित्सा होने के प्रमाण हैं, जैसे संजीवनी बूटी एक बड़ा चिकित्सा प्रमाण है, जो मृत्यु पर भी विजय पाने की क्षमता रखती है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारतीय पारंपरिक चिकित्सा विजन को वैश्विक बनाने केलिए उनका आभार जताया। उन्होंने एक विशेष आयुष वीजा श्रेणी बनाने केलिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी धन्यवाद दिया। ज्ञातव्य हैकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2022 में गांधीनगर गुजरात में वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार शिखर सम्मेलन में आयुष चिकित्सा की तलाश में रहने वाले विदेशी नागरिकों को भारत की यात्रा सुविधाजनक बनाने केलिए विशेष आयुष वीजा श्रेणी बनाने की घोषणा की थी।
आयुष वीजा श्रेणी भारत सरकार की हील इन इंडिया पहल केलिए भारत के रोडमैप का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत को एक चिकित्सा के लिहाज से आकर्षक यात्रा गंतव्य के रूपमें बढ़ावा देना है। आयुष मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत को दुनिया के मेडिकल पर्यटन स्थल के रूपमें बढ़ावा देने केलिए वन स्टॉप हील इन इंडिया पोर्टल विकसित करने केलिए मिलकर काम कर रहे हैं। हाल के वर्षों में भारत में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल में खासी बढ़ोतरी देखने को मिली है। ग्लोबल वेलनेस इंस्टीट्यूट की 'द ग्लोबल वेलनेस इकोनॉमीः लुकिंग बियॉन्ड कोविड' रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल वेलनेस यानी वैश्विक कल्याण से संबंधित अर्थव्यवस्था सालाना 9.9 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। आयुष आधारित स्वास्थ्य देखभाल और कल्याण अर्थव्यवस्था के वर्ष 2025 तक बढ़कर 70 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है।