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स्थानीय भाषाओं को सम्मान दें-गृहमंत्री

'विरासत का सम्मान भाषा के सम्मान के बिना अधूरा'

'भाषाओं ने हमारे देश को जोड़ने का काम किया है'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 4 August 2023 05:58:03 PM

give respect to local languages as well–home minister

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आज संसदीय राजभाषा समिति की 38वीं बैठक में संसदीय राजभाषा समिति के प्रतिवेदन के बारहवें खंड को भी अनुमोदित यानी स्वीकृत कर लिया गया है, जिसे भारत की राष्ट्रपति को प्रस्तुत किया जाएगा। अमित शाह ने इस अवसर पर उल्लेख कियाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में देश के सामने पांच प्रण रखे हैं, जिनमें से दो प्रण हैं-विरासत का सम्मान और गुलामी के चिन्हों को मिटाना है। उन्होंने कहाकि इन दोनों प्रण के शत-प्रतिशत क्रियांवयन केलिए सभी भारतीय भाषाओं और राजभाषा को अपनी शक्ति दिखानी होगी। उन्होंने कहाकि विरासत का सम्मान भाषा के सम्मान के बिना अधूरा है और राजभाषा की स्वीकृति तभी आएगी, जब हम स्थानीय भाषाओं को सम्मान देंगे।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि हिंदी की स्पर्धा स्थानीय भाषाओं से नहीं है, सभी भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने से ही राष्ट्र सशक्त होगा। उन्होंने कहाकि बिना किसी प्रकार के विरोध के राजभाषा की स्वीकृति की आवश्यकता है, चाहे इसकी गति धीमी रहे। गृहमंत्री ने कहाकि इंजीनियरिंग और मेडिकल के पाठ्यक्रमों को 10 भाषाओं में शुरू कर दिया गया है और जल्दही ये सभी भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होंगे, वह क्षण स्थानीय भाषाओं और राजभाषा के उदय की शुरूआत का क्षण होगा। उन्होंने कहाकि भारतीय भाषाओं के प्रसार केलिए इससे अनुकूल समय कोई और नहीं हो सकता, जब देश के प्रधानमंत्री हर वैश्विक मंच पर हिंदी सहित अन्य भारतीय भाषाओं को गर्व से रखते हैं। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में एक भी भाषण अंग्रेजी में नहीं देते और सरकार के मंत्री भी भारतीय भाषाओं में भाषण देने का प्रयास करते हैं, इससे अलग-अलग भाषाओं को जोड़ने के आंदोलन को बहुत गति मिलती है।
अमित शाह ने कहाकि राजभाषा की स्वीकृति कानून या सर्कुलर से नहीं, बल्कि सद्भावना, प्रेरणा और प्रयास से आती है। उन्होंने कहाकि गुलामी के कालखंड के बादभी भारतीय भाषाएं और उनके शब्दकोष अक्षुण्ण रहे, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। अमित शाह ने कहाकि भाषाओं ने हमारे देश को जोड़ने का काम किया है। गृहमंत्री ने कहाकि आज़ादी केबाद से 2014 तक संसदीय राजभाषा समिति के प्रतिवेदन के 9 खंड प्रस्तुत किए गए और 2019 से अबतक तीन खंडों को अनुमोदित किया जा चुका है। उन्होंने कहाकि इन खंडों को विषयवार तैयार किया गया है और इस 12वें खंड का मुख्य विषय सरलीकरण है। अमित शाह ने संसदीय राजभाषा समिति के सदस्यों का आभार प्रकट किया और विश्वास व्यक्त कियाकि समिति आगे भी इसी प्रकार राजभाषा के संवर्धन और प्रसार केलिए काम करती रहेगी। बैठक में संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष भर्तृहरि महताब, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा, निशिथ प्रमाणिक और संसदीय राजभाषा समिति के सदस्य उपस्थित थे।

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