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Monday 7 August 2023 01:30:20 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर अत्याधुनिक सार्वजनिक परिवहन के प्रावधान पर जोर देते हैं और यह देखते हुएकि रेल देशभर के लोगों केलिए परिवहन का पसंदीदा साधन है, उन्होंने रेलवे स्टेशनों पर विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के महत्व पर बल दिया है। उन्होंने बतायाकि देश के लगभग 1300 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को अब आधुनिकता केसाथ 'अमृत भारत स्टेशन' के रूपमें पुनर्विकसित किया जाएगा और उन्हें नया जीवन मिलेगा। प्रधानमंत्री ने बतायाकि 1300 रेलवे स्टेशनों में से लगभग 25000 करोड़ रुपये की लागत से 508 अमृत भारत स्टेशनों की आधारशिला रखी गई है, यह परियोजना रेलवे केसाथ आम नागरिकों केलिए भी देश में बुनियादी ढांचे के विकास केलिए एक बड़ा अभियान होगा। प्रधानमंत्री ने रेल मंत्रालय की प्रशंसा की और इस ऐतिहासिक परियोजना केलिए नागरिकों को भी बधाई दी। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहाकि नया भारत विकसित भारत के लक्ष्य की ओर तेजीसे बढ़ रहा है और यह पहल भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उल्लेख कियाकि उत्तर प्रदेश में लगभग 4000 करोड़ रुपये की लागत से 55 अमृत स्टेशन विकसित किए जाएंगे और राजस्थान में भी 55 स्टेशन अमृत स्टेशन बनाएं जाएंगे, मध्य प्रदेश में लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत से 34 स्टेशन, महाराष्ट्र में 1500 करोड़ रुपये की लागत से 44 स्टेशन, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में प्रमुख रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने विश्व में भारत के बढ़ते कद और भारत में बढ़ती वैश्विक रुचि को रेखांकित किया। उन्होंने इसके लिए दो प्रमुख कारकों को श्रेय दिया, पहला-भारत के लोगों द्वारा एक स्थिर पूर्ण बहुमत वाली सरकार का चुनाव और दूसरा-सरकार ने महत्वाकांक्षी निर्णय लिए तथा लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप उनके विकास केलिए निरंतर कार्य किया। उन्होंने कहाकि भारतीय रेल भी इसका प्रतीक है। उन्होंने अपनी बातों को स्पष्ट करने केलिए रेल सेक्टर के विस्तार के तथ्य प्रस्तुत किए। उन्होंने कहाकि 9 वर्ष में देश में बिछाई गई पटरियों की लंबाई दक्षिण अफ्रीका, यूक्रेन, पोलैंड, ब्रिटेन और स्वीडन में संयुक्त रेलवे नेटवर्क से अधिक है। प्रधानमंत्री ने कहाकि केवल पिछले एक वर्ष में ही भारत ने दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के संयुक्त रेलवे नेटवर्क की तुलना में अधिक रेलवे ट्रैक बिछाए।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि सरकार रेल यात्रा को सुगम बनाने केसाथ सुखद बनाने का भी काम कर रही है। उन्होंने कहाकि हमारा प्रयास रेलगाड़ी से स्टेशन तक सर्वोत्तम संभव अनुभव प्रदान करना है। उन्होंने प्लेटफार्मों पर बैठने की बेहतर जगह, उन्नत प्रतीक्षालयों और हजारों स्टेशनों पर नि:शुल्क वाईफाई का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने रेलवे के दर्जे को देश की जीवनरेखा बताते हुए कहाकि इसके साथही शहरों की पहचान उन रेलवे स्टेशनों से भी जुड़ी है, जो समय व्यतीत होने के साथ शहरों की केंद्रस्थली बन गए हैं, इससे स्टेशनों को आधुनिक स्वरूप प्रदान करना अनिवार्य हो गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि इतने सारे स्टेशनों के आधुनिकीकरण से देश में विकास केलिए एक नया वातावरण बनेगा, क्योंकि वे आगंतुकों केबीच एक अच्छी प्रथम छाप छोड़ेंगे। अपग्रेड किए गए स्टेशनों से न केवल पर्यटन बढ़ेगा, बल्कि आस-पास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहाकि 'वन स्टेशन वन प्रोडक्ट' योजना कारीगरों की मदद करेगी और जिले की ब्रांडिंग में सहायता करेगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि देश ने आजादी के अमृतकाल में अपनी विरासत पर गर्व करने का भी संकल्प लिया है, ये अमृत रेलवे स्टेशन अपनी विरासत पर गर्व करने और प्रत्येक नागरिक में गौरव की भावना भरने के प्रतीक होंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि अमृत स्टेशन भारत की सांस्कृतिक और स्थानीय विरासत की झलक प्रस्तुत करेंगे।
प्रधानमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहाकि जयपुर रेलवे स्टेशनों पर राजस्थान के हवा महल और आमेर किले की झलक देखने को मिलेगी, जम्मू-कश्मीर का जम्मू तवी रेलवे स्टेशन प्रसिद्ध रघुनाथ मंदिर से प्रेरित होगा और नगालैंड का दीमापुर स्टेशन क्षेत्र की 16 विभिन्न जनजातियों की स्थानीय वास्तुकला को प्रदर्शित करेगा। उन्होंने कहाकि प्रत्येक रेलवे स्टेशन प्राचीन विरासत केसाथ देश की आधुनिक आकांक्षाओं का प्रतीक होगा। प्रधानमंत्री ने भारत गौरव यात्रा को सुदृढ़ बनाने का उल्लेख किया, जो ऐतिहासिक प्रासंगिकता के स्थानों और तीर्थस्थलों को जोड़ती है। देश के आर्थिक विकास को गति देने में रेलवे की भूमिका को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि रेलवे में रिकॉर्ड निवेश हुआ है, इस वर्ष रेलवे को 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट मिला, जो 2014 की तुलना में पांच गुना अधिक है। उन्होंने कहाकि समग्र दृष्टिकोण केसाथ रेलवे के पूर्ण विकास केलिए काम किया जा रहा है। पूर्वोत्तर में रेल विस्तार के बारेमें प्रधानमंत्री ने कहाकि लाइनों के दोहरीकरण, गेज परिवर्तन, विद्युतीकरण और नए मार्गों पर तेजी से काम चल रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि शीघ्र ही पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियां रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाएंगी। उन्होंने बतायाकि नगालैंड को 100 वर्ष बाद अपना दूसरा स्टेशन मिला है।
नरेंद्र मोदी ने बतायाकि इन 9 वर्ष में 2200 किलोमीटर से अधिक समर्पित फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया गया है, इससे यात्रा समय में कमी आई है, अब दिल्ली एनसीआर से पश्चिमी पत्तनों पर 24 घंटे में माल पहुंच जाता है, जिसमें पहले 72 घंटे लगते थे, अन्य मार्गों पर भी समय में 40 प्रतिशत की कमी देखी जा रही है, जिससे उद्यमियों, उद्योगपतियों और किसानों को अत्यधिक लाभ हो रहा है। रेलवे पुलों की कमी के कारण आने वाली कठिनाइयों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने बतायाकि 2014 से पहले 6000 से भी कम रेलवे ओवरब्रिज और अंडरब्रिज थे, लेकिन आज यह संख्या 10000 से अधिक हो गई है। उन्होंने उल्लेख कियाकि बड़ी लाइनों पर मानवरहित लेवल क्रॉसिंग की संख्या अब शून्य हो गई है। यात्रियों की सुविधा के बारेमें चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों की आवश्यकताओं पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहाकि हमारा जोर भारतीय रेल को आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर है, 100 प्रतिशत रेल लाइन विद्युतीकरण बहुत जल्द हासिलकर लिया जाएगा, इसके परिणामस्वरूप भारत में सभी रेलगाड़ियां केवल बिजली से चलेंगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि सरकार का लक्ष्य निकट भविष्य में प्रत्येक रेलवे स्टेशन से हरित ऊर्जा का उत्पादन करना है। उन्होंने रेखांकित कियाकि सभी अमृत स्टेशन हरित भवनों के मानकों को पूरा करने केलिए बनाए जाएंगे। उन्होंने कहाकि 2030 तक भारत एक ऐसा देश होगा, जिसका रेलवे नेटवर्क शुद्ध शून्य उत्सर्जन पर चलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहाकि नए संसद भवन, कर्तव्य पथ, युद्ध स्मारक और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी जैसी परियोजनाओं का विरोध किए जाने पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि नकारात्मक राजनीति से दूर हमने देश के विकास के कार्य को एक मिशन के रूपमें लिया है और वोट बैंक तथा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। यह रेखांकित करते हुएकि रेलवे ने अकेले 1.5 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार प्रदान किया है प्रधानमंत्री ने कहाकि बुनियादी ढांचे पर लाखों करोड़ रुपये का निवेश करके रोज़गार भी पैदा किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि वर्तमान में केंद्र सरकार भी रोज़गार मेले के माध्यम से 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का अभियान चला रही है। उन्होंने कहाकि यह विकास युवाओं केलिए नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त कर रहा है और युवा देश के विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस अवसर की इस कार्यक्रम में कई स्वतंत्रता सेनानियों और पद्म पुरस्कार विजेताओं की उपस्थिति का उल्लेख किया। प्रत्येक भारतीय केलिए अगस्त महीने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि यह क्रांति, कृतज्ञता और कर्तव्य का महीना है और कई ऐतिहासिक अवसरों से परिपूर्ण है, जिसने भारत के इतिहास को एक नई दिशा दी। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उल्लेख किया, जो 7 अगस्त को मनाया जाता है और स्वदेशी आंदोलन को समर्पित है। उन्होंने कहकि यह तिथि हर भारतीय केलिए वोकल फॉर लोकल होने के संकल्प को दोहराने का दिन है। उन्होंने गणेश चतुर्थी के पवित्र त्योहार का भी उल्लेख किया और पर्यावरण अनुकूल गणेश चतुर्थी मनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने पर्यावरण के अनुकूल सामग्री से बनी मूर्तियों को आजमाने का सुझाव दिया। उन्होंने स्थानीय कारीगरों, हस्तशिल्पियों और छोटे उद्यमियों द्वारा बनाए गए उत्पादों को खरीदने का भी सुझाव दिया। प्रधानमंत्री ने 9 अगस्त की चर्चा करते हुए कहाकि यह ऐतिहासिक तिथि थी, जब भारत छोड़ो आंदोलन आरंभ हुआ और इससे स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष में नई ऊर्जा उत्पन्न हुई। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज पूरा देश हर बुराई, भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण के लिए भारत छोड़ो आंदोलन कर रहा है। प्रधानमंत्री ने आगामी विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का उल्लेख किया और कहाकि हम उन अनगिनत लोगों का स्मरण करते हैं, जिन्होंने विभाजन की भारी कीमत चुकाई। उन्होंने उन लोगों के योगदान को स्वीकार किया, जिन्होंने इस बड़े आघात केबाद खुदको संभाला और अब देश के विकास में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहाकि यह दिन हमें अपनी एकता को अक्षुण्ण रखने की जिम्मेदारी देता है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारा स्वतंत्रता दिवस हमारे तिरंगे और हमारे राष्ट्र की प्रगति केप्रति हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने का समय है, पिछले वर्ष की भांति इसबार भी हमें हर घर पर तिरंगा फहराना है। उन्होंने सोशल मीडिया पर और फ्लैग मार्च में लोगों के उत्साह का उल्लेख किया और सभीसे इस अभियान में जुड़ने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने कहाकि सरकार ने इस धारणा को बदल दिया हैकि नागरिकों द्वारा चुकाए गए कर को भ्रष्टाचार में बर्बाद कर दिया जाता है, आज लोग महसूस करते हैंकि उनके पैसे का उपयोग राष्ट्र निर्माण में किया जा रहा है। उन्होंने कहाकि बढ़ती सुविधाओं और जीवन यापन में सुगमता के कारण करों का भुगतान करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने उस समय का उल्लेख किया जब देश में दो लाख रुपये की आय पर कर लगता था, जबकि आज सात लाख रुपये तक की आय पर आज कर नहीं लगता। प्रधानमंत्री ने कहाकि इसके बावजूद देश में एकत्र आयकर की राशि बढ़ रही है और यह स्पष्ट संदेश जा रहा हैकि देश में मध्यम वर्ग का दायरा लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो सरकार में विश्वास बढ़ने और देश में हो रहे नवोन्मेषण को दर्शाता है। लोग देख रहे हैं कि किस प्रकार देश में रेलवे का कायाकल्प हो रहा है, मेट्रो का विस्तार हो रहा है। उन्होंने नए एक्सप्रेसवे और हवाई अड्डों के विकास का उल्लेख किया और कहाकि इस तरह के बदलाव करदाताओं के पैसे से विकसित होने वाले नए भारत की भावना को प्रोत्साहित करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि इन 508 रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण भी इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है और देश को विश्वास दिलायाकि अमृत भारत स्टेशन भारतीय रेलवे के इस बदलाव को एक नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।
अमृत भारत स्टेशन शहर के दोनों किनारों के उचित एकीकरण केसाथ 'सिटी सेंटर' के रूपमें विकसित करना मास्टर प्लान है। यह एकीकृत दृष्टिकोण रेलवे स्टेशन के आसपास केंद्रित शहर के समग्र शहरी विकास की समग्र दृष्टि से प्रेरित है। इनमें उत्तर प्रदेश में 55, राजस्थान में 55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात में 21, तेलंगाना में 21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश में 18, तमिलनाडु में 18, हरियाणा में 15 और कर्नाटक में 13 स्टेशन शामिल हैं। यह पुनर्विकास बेहतर तरह से डिजाइन किए गए ट्रैफिक सर्कुलेशन, इंटरमोडल एकीकरण और यात्रियों के मार्गदर्शन केलिए दिशा-निर्देश सुनिश्चित करने केसाथ आधुनिक यात्री सुविधाएं प्रदान करेगा। स्टेशन भवनों के डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होंगे। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए देशभर के 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। ये 508 स्टेशन 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फैले हुए हैं, इनमें उत्तर प्रदेश में 55, राजस्थान में 55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात में 21, तेलंगाना में 21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश में 18, तमिलनाडु में 18, हरियाणा में 15 और कर्नाटक में 13 स्टेशन शामिल हैं।