स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 15 August 2023 03:47:32 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपनी सरकार का रिर्पोट कार्ड और रोडमैप प्रस्तुत करते हुए भ्रष्टाचार परिवारवाद और तुष्टिकरण के खिलाफ लड़ाई तेज करने का ऐलान किया और कहाकि लोग मुझसे नाराज़ हो सकते हैं, लेकिन मुझे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाना है, जबकि परिवारवादी पार्टियां कभी भी लोकतंत्र को मजबूत नहीं कर सकतीं, इनका जीवन मंत्र ही परिवार का परिवार के द्वारा और परिवार केलिए जीना है, परिवारवाद ने देश का हक छीना है और तुष्टिकरण ने सामाजिक न्याय को मौत के घाट उतार दिया है। प्रधानमंत्री ने अपने भावनात्मक उद्बोधन में देश को अपना परिवार बताया और कहाकि मैं आपके बीच से हूं, आपके लिए हूं, आपके लिए पसीना बहाता हूं, मैं आपके सपनों को चूर-चूर होते नहीं देख सकता। उन्होंने कहाकि देश की आजादी के बलिदानियों का आर्शीवाद हमारे साथ है, मैं आपके लिए संकल्प लेकर चला हूं, जिसमें आने वाले पांच वर्ष देश के अभूतपूर्व विकास के हैं, विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था के हैं और हम 2047 में विकसित भारत को साकार करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को अपने संबोधन की शुरुआत 140 करोड़ नागरिकों को मेरे प्रिय परिवारजन कहकर की। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अब बहुत लोगों का अभिप्राय हैकि जनसंख्या की दृष्टि से भी हम विश्व में नंबर एक पर हैं। उन्होंने देश-दुनिया में भारत को प्यार करने वाले, भारत का सम्मान करने वाले, भारत का गौरव करने वाले कोटि-कोटि जनों को देश की आजादी के इस महान पवित्र पर्व की अनेक शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने सरदार भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू जैसे अनगिनत वीरों के देश की आजादी में योगदान और बलिदान को आदरपूर्वक नमन और अभिनंदन किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज 15 अगस्त महान क्रांतिकारी और अध्यात्म जीवन के रूचि तुल्य प्रणेता अरबिंदों की 150वीं जयंती पूर्ण हो रही है, ये वर्ष स्वामी दयानंद सरस्वती के 150वीं जयंती का वर्ष है, ये वर्ष रानी दुर्गावती के 500वीं जन्मशती का बहुत ही पवित्र अवसर है, जो पूरा देश बड़े धूमधाम से मनाने वाला है, ये वर्ष मीराबाई भक्ति योग की सिरमौर मीराबाई के 525 वर्ष का भी पावन पर्व है। उन्होंने कहाकि इसबार जब हम 26 जनवरी मनाएंगे तो वो हमारे गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ होगी और अनेक प्रकार से अनेक अवसर, संभावनाएं राष्ट्र निर्माण में जुटे रहने केलिए पल-पल नई प्रेरणा, नई चेतना, सपने, संकल्प शायद इससे बड़ा कोई अवसर नहीं हो सकता। उन्होंने कहाकि यह अमृतकाल का सबके लिए कर्तव्यकाल है, जो भारत का अगले एक हजार साल का स्वर्णिम इतिहास होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इसबार प्राकृतिक आपदा ने देश के अनेक हिस्सों में अकल्पनीय संकट पैदा किए, जिन परिवारों ने इस संकट को झेला है मैं उनके केप्रति संवेदना प्रकट करता हूं और विश्वास दिलाता हूंकि राज्य-केंद्र मिलकर उनको संकटों से मुक्त करके फिर तेजगति से आगे बढ़ेंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि हिंदुस्तान के कुछ भागों और विशेषकर मणिपुर में जो हिंसा का दौर चला, जिसमें कईयों को अपना जीवन खोना पड़ा, मां-बेटियों के सम्मान केसाथ खिलवाड़ हुआ, अब कुछ दिनों से शांति की खबरें आ रही हैं, देश मणिपुर के लोगों के साथ है, मणिपुर के लोगों ने पिछले कुछ दिन से जो शांति बनाए रखी है, उससे ही समाधान का रास्ता निकलेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमें याद है 1000-1200 साल पहले इस देश पर आक्रमण हुआ, लेकिन तब पता तक नहीं थाकि एक घटना भारत को हजार साल की गुलामी में फंसा देगी, हम गुलामी में जकड़ते गए, जो आया हमें लूटता गया, जिसका मन चाहा हमपर आकर सवार हो गया। प्रधानमंत्री ने कहाकि घटना छोटी क्यों न हो, लेकिन हजार साल तक प्रभाव छोड़ती रही है, मैं आज इस बात का जिक्र इसलिए कर रहा हूंकि भारत के वीरों ने इस कालखंड में कोई भूभाग ऐसा नहीं था, कोई समय ऐसा नहीं था, जब उन्होंने देश की आजादी की लौ को जलता ना रखा हो, बलिदान की परंपरा न बनाई हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि मैं हजार साल पहले की बात इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि मैं देख रहा हूं फिर एकबार देश के सामने एक मौका आया है, हम ऐसे कालखंड में जी रहे हैं, ऐसे कालखंड में हमने प्रवेश किया है और यह हमारा सौभाग्य हैकि भारत के ऐसे अमृतकाल में यह अमृतकाल का पहला वर्ष है या तो हम जवानी में जी रहे हैं या हम मां भारती की गोद में जन्म ले चुके हैं और मेरे शब्द लिखकर रख लीजिए कि इस कालखंड में जो हम करेंगे, जो कदम उठाएंगे, जितना त्याग करेंगे, तपस्या करेंगे, सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय, एक केबाद एक फैसले लेंगे उनसे आनेवाले एक हजार साल का देश का स्वर्णिम इतिहास होगा, इस कालखंड की घटनाएं आगामी एक हजार साल केलिए प्रभाव पैदा करने वाली हैं। उन्होंने कहाकि गुलामी की मानसिकता से बाहर निकला हुआ देश पंचप्राण को समर्पित हो करके एक नए आत्मविश्वास केसाथ बढ़ रहा है, नए संकल्पों को सिद्ध करने के लिए वो जी-जान से जुट रहा है। उन्होंने कहाकि यही कालखंड है जो पिछले 9-10 साल हमने अनुभव किया है, विश्वभर में भारत की चेतना केप्रति, सामर्थ्य केप्रति एक नया आकर्षण, नया विश्वास, नई आशा पैदा हुई है और ये प्रकाश पुंज जो भारत से उठा है उसमें विश्व को अपने लिए ज्योति नज़र आ रही है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि विश्व को भारत में भारतीयों में एक नया विश्वास पैदा हो रहा है, क्योंकि कुछ ऐसी चीजें हमारे पास हैं, जो हमारे पूर्वजों ने हमें विरासत में दी हैं और वर्तमान कालखंड ने गढ़ी हैं, जो विश्व केलिए अमूल्य हैं। उन्होंने कहाकि आज हमारे पास डेमोग्राफी है, डेमोक्रेसी है, डाइवर्सिटी है, ये त्रिवेणी भारत के हर सपने को साकार करने का सामर्थ्य रखती है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि आज विश्व में देशों की उम्र ढल रही है, ढलाव पर है तो भारत यौवन की तरफ ऊर्जावान होकर बढ़ रहा है, हम मन मस्तिष्क सपने और संकल्प से इच्छित परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहाकि वे देश के नौजवानों, बेटे-बेटियों से ये जरूर कहना चाहेंगेकि जो सौभाग्य आज भारत के युवाओं को मिला है, ऐसा सौभाग्य शायद ही किसी देश को नसीब होता है, इसलिए हमें ये गंवाना नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहाकि युवा शक्ति में मेरा भरोसा है, सामर्थ्य है और हमारी नीतियां और रीतियां भी उस युवा सामर्थ्य को और बल देने केलिए हैं। उन्होंने कहाकि मेरे युवाओं ने दुनिया के पहले तीन स्टार्टअप इकोनॉमी सिस्टम में भारत को स्थान दिला दिया है, विश्व के युवाओं को अचम्भा हो रहा है भारत के इस सामर्थ्य को लेकर, भारत की इस ताकत को देखकर। उन्होंने कहाकि आज दुनिया टेक्नोलॉजी ड्रिवेन है और आने वाला युग टेक्नोलॉजी से प्रभावित रहने वाला है, तब टेक्नोलॉजी में भारत का जो टेलेंट है, उसकी एक नई भूमिका रहने वाली है। प्रधानमंत्री ने कहाकि मैं पिछले दिनों जी-20 समिट में बाली गया था, हर कोई सवाल पूछता था और मैं उनको कहता थाकि भारत ने जो कमाल किया है, वो दिल्ली, मुंबई, चेन्नई तक सीमित नहीं है, मेरे टियर-2, टियर-3 सिटी के युवा मेरे देश का भाग्य गढ़ रहे हैं, हमारे छोटे-छोटे शहर, कस्बे आकार और आबादी में छोटे हो सकते हैं, लेकिन आशा और आकांक्षा, प्रयास और प्रभाव में वो किसी से कम नहीं हैं। उन्होंने कहाकि झुग्गी झोंपड़ी से निकले बच्चे आज खेलों में पराक्रम दिखा रहे हैं, छोटे-छोटे गांव, कस्बे के बेटे-बेटियां आज कमाल दिखा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि देश में सौ स्कूल ऐसे हैं, जहां के बच्चे सेटेलाइट बनाकर सेटेलाइट छोड़ने की तैयारियां कर रहे हैं, हजारों टिंकरिंग लैब नए वैज्ञानिकों का गर्भाधान कर रही हैं, हजारों टिंकरिंग लैब लाखों बच्चों को सांइस और टेक्नोलॉजी की राह पर चलने की प्रेरणा दे रही हैं। उन्होंने नौजवानों का आह्वान कियाकि अवसरों की कमी नहीं है, वे जितने अवसर चाहेंगे, ये देश आसमान से भी ज्यादा अवसर उनको देने का सामर्थ्य रखता है। प्रधानमंत्री ने देश के योगदान में माताओं बहनों बेटियों श्रमिकों किसानों के सामर्थ्य का अभिनंदन किया। उन्होंने कहाकि मेरे देश के श्रमिकों का बहुत बड़ा योगदान है, मैं रेहड़ी-पटरी वालों, फूल-सब्जी बेचने वालों का अभिवादन करता हूं, मेरे देश को आगे बढ़ाने में प्रोफेशनल्स की भूमिका बढ़ती जा रही है, चाहे साइंटिस्ट हों, इंजीनियर्स हों, डॉक्टर्स हों, नर्सेस हों, शिक्षक हों, आचार्य हों, यूनिवर्सिटीस हों, गुरूकुल हों हर कोई मां भारती का भविष्य उज्ज्वल बनाने केलिए अपनी पूरी ताकत से लगा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहाकि राष्ट्रीय चेतना वो एक ऐसा शब्द है, जो हमें चिंताओं से मुक्त कर रहा है, राष्ट्रीय चेतना यह सिद्ध कर रही हैकि भारत का सबसे बड़ा सामर्थ्य बना है। उन्होंने कहाकि देश में जी-20 समिट की मेहमान नवाजी का भारत को अवसर मिला है और पिछले एक साल से हिंदुस्तान के हर कोने में जिस प्रकार से जी-20 के अनेक आयोजन हुए हैं, अनेक कार्यक्रम हुए हैं, उसने देश के सामान्य मानव के सामर्थ्य को विश्व को परिचित करा दिया है। उन्होंने कहाकि मैं साफ-साफ देख रहा हूंकि कोरोना के बाद एक नया विश्व ऑर्डर, एक नया ग्लोबल ऑर्डर, एक नया जियो पॉलिटिकल इक्वेशन बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है, जियो पॉलिटिकल इक्वेशन की सारी व्याख्याएं बदल रही हैं, परिभाषाएं बदल रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज भारत ग्लोबल साउथ की आवाज़ बन रहा है, भारत की समृद्धि, विरासत आज दुनिया केलिए एक अवसर बन रही है। उन्होंने कहाकि देश की सरकार सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय में लगी है और हमारी सोच देश की उन ताकतों को बढ़ावा देने की है, जो आने वाले एक हजार साल की नींव को मजबूत करने वाले हैं। उन्होंने 10 साल का हिसाब देते हुए कहाकि 10 साल पहले राज्यों को 30 लाख करोड़ रूपये भारत सरकार की तरफ से जाते थे, पिछले 9 साल में ये आंकड़ा 100 लाख करोड़ पर पहुंचा है, पहले स्थानीय निकाय के विकास केलिए भारत सरकार के खजाने से 70 हजार करोड़ रूपया जाता था, आज वो 3 लाख करोड़ से भी ज्यादा जा रहा है, पहले गरीबों के घर बनाने के लिए 90 हजार करोड़ रूपया खर्च होता था, आज 4 गुना होकर 4 लाख करोड़ से भी ज्यादा खर्च गरीबों के घर बनाने में हो रहा है। उन्होंने कहाकि सरकार 10 लाख करोड़ रुपया किसानों को यूरिया में सब्सिडी दे रही है। मुद्रा योजना केतहत 20 लाख करोड़ रुपए और उससे भी ज्यादा देश के नौजवानों को स्वरोजगार केलिए दिए हैं, आठ करोड़ लोगों ने नया कारोबार शुरू किया है। उन्होंने कहाकि इन सारे प्रयासों का परिणाम है कि आज 5 साल के मेरे एक कार्यकाल में साढ़े 13 करोड़ गरीब गरीबी तोड़कर न्यू मिडिल क्लास केरूप में बाहर आए हैं, जीवन में इससे बड़ा कोई संतोष नहीं हो सकता। उन्होंने कहाकि हमारे सुनार, राजमिस्त्री, कपड़े धोने का काम करने वाले लोग, बाल काटने वाले ऐसे लोगों को एक नई ताकत देने केलिए आने वाले महीने में विश्वकर्मा जयंती पर 13-15 हजार करोड़ रुपये से विश्वकर्मा योजना प्रारंभ करेंगे। उन्होंने कहाकि हम देश में 10 हजार जनऔषधि केंद्र से बढ़ाकर 25 हजार जनऔषधि केंद्र करने वाले हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यम वर्गीय परिवार का भी घर का सपना पूरा करने की योजना की घोषणा की। उन्होंने कहाकि उनके लिए आने वाले कुछ सालों केलिए एक योजना लेकर आ रहे हैं, जिसमें सरकार ने उन्हें बैंक से लोन पर ब्याज के अंदर राहत देकर लाखों रुपयों की मदद करने का निर्णय किया है। उन्होंने कहाकि महंगाई को नियंत्रित रखने के भरसक प्रयास किए गए हैं, पिछले कालखंड की तुलना में कुछ सफलता भी मिली है, लेकिन इतने से संतोष नहीं मान सकते, महंगाई का बोझ कम से कम हो, इस दिशा में और भी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहाकि आज गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंच रहा है तो दूसरी तरफ जैविक खेती पर भी हम बल दे रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि मैं इन दिनों जो शिलान्यास कर रहा हूं उनका उद्घाटन भी आपने मेरे नसीब में ही छोड़ा हुआ है। उनका इशारा थाकि वे 2024 में फिर सत्ता में लौट रहे हैं, क्योंकि उनकी कार्य संस्कृति, बड़ा सोचना, दूर का सोचना, सर्वजन हिताय: सर्वजन सुखाय: कार्यशैली है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमने समय से पहले नई संसद बना दी, यह काम करने वाली सरकार है, निर्धारित लक्ष्यों को पार करने वाली सरकार है, यह नया भारत है, यह आत्मविश्वास से भरा हुआ भारत है, यह संकल्पों को चरितार्थ करने के लिए जी-जान से जुटा हुआ भारत है। उन्होंने कहाकि आज देश में आतंकी हमलों में भारी कमी आई है, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी बहुत बड़ा बदलाव आया है, आंतरिक सुरक्षा संभालने वाली यूनिफॉर्म फोर्सेस को भी मैं अनेक-अनेक बधाई देता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि दुनिया में जिन-जिन देशों ने प्रगति की है, जो-जो देश संकटों को पार करके निकले हैं, उनमें हर चीज के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण कैटेलिक एजेंट रहा है, वो राष्ट्रीय चरित्र रहा है और हमें राष्ट्रीय चरित्र केलिए और बल देते हुए हमें आगे बढ़ना होगा। उन्होंने महिलाओं को आगे बढ़ाने की योजना पर कहाकि आज भारत गर्व से कह सकता हैकि दुनिया में नागरिक उड्डयन में अगर किसी एक देश में सबसे ज्यादा महिला पायलट हैं तो वह भारत है, इसी प्रकार चंद्रयान की बात हो तो महिला वैज्ञानिक उसका नेतृत्व कर रही हैं। उन्होंने कहाकि आज 10 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों में जुड़ी हुई हैं और आप गांव में जाएंगे तो आपको बैंक वाली दीदी मिलेगी, आपको आंगनबाड़ी वाली दीदी मिलेगी, आपको दवाई देने वाली दीदी मिलेगी और अब मेरा सपना है गांवों में 2 करोड़ लखपति दीदी बनाना। उन्होंने कहाकि भारत विविधताओं से भरा देश है, हम असंतुलित विकास के शिकार रहे हैं, मेरा-पराया के कारण हमारे देश के कुछ हिस्से उसके शिकार रहे हैं, अब हमें संतुलित विकास को बल देना है। उन्होंने कहाकि भारत एक लोकतंत्र की जननी है, भारत विविधता का मॉडल भी है, भाषाएं अनेक हैं, बोलियां अनेक हैं, परिधान अनेक हैं, विविधताएं बहुत हैं, हमको उनपर आगे बढ़ना है। उन्होंने कहाकि आज जब अफगानिस्तान से गुरूग्रंथ साहब के स्वरूप को लाते है तो पूरा देश गौरव की अनुभूति करता है। उन्होंने कहाकि आज देश आधुनिकता की तरफ बढ़ रहा है, कोई क्षेत्र ऐसा नहीं है, जिसको आगे बढ़ाने की दिशा में काम नहीं हो रहा हो, पिछले 9 वर्ष में तटीय क्षेत्रों, आदिवासी क्षेत्रों, पहाड़ी क्षेत्र में विकास को बहुत बल दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमने मातृभाषा में पढ़ाने पर बदल दिया है और मातृभाषा की दिशा में काम करने पर प्रधानमंत्री ने भारत के सुप्रीम कोर्ट का भी धन्यवाद किया, जिसने कहा हैकि वह अब जो फैसले देंगे, वे वादी प्रतिवादी को उसकी भाषा में उपलब्ध कराएं जाएंगे। उन्होंने कहाकि सरकार ने जीवंत सीमा गांव का एक कार्यक्रम शुरू किया है, अब तक इसके लिए कहा जाता था कि देश के आखिरी गांव, मगर हमने उस पूरी सोच को बदला है, वो देश का आखिरी गांव नहीं है, सीमा पर जो नज़र आ रहा है, वो मेरे देश का पहला गांव है। उन्होंने कहाकि हमने संतुलित विकास के लिए आकांक्षी जिला, आकांक्षी ब्लॉक की कल्पना की और आज उसके सुखद परिणाम मिल रहे हैं। आज राज्य के जो जिले कभी बहुत पीछे थे, वो आज अच्छा करने लग गए हैं। उन्होंने कहाकि हम विश्व मंगल की बात को आगे बढ़ाते हैं, आज दुनिया उसको स्वीकार कर रही है। उन्होंने कहाकि हमने क्लाईमेट को लेकर दुनिया को रास्ता दिखाया है, लाइफ मिशन लॉंच किया है। उन्होंने कहाकि हमारे सबके सपने अनेक हैं, संकल्प साफ है और नीतियां स्पष्ट हैं, नीयत के सामने कोई सवालिया निशान नहीं है, लेकिन कुछ सच्चाईयों को हमें स्वीकार करना पड़ेगा और उसके समाधान केलिए मैं लालकिले से आपकी मदद मांगने आया हूं, मैं लालकिले से आपका आर्शीवाद मांगने आया हूं। उन्होंने कहाकि आजादी के अमृतकाल में 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, उस समय दुनिया में भारत का तिरंगा झंडा विकसित भारत का तिरंगा झंडा होना चाहिए, रत्तीभर भी हमें रुकना नहीं है, पीछे हटना नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे देश की सारी समस्याओं की जड़ में भ्रष्टाचार है, जिसने दीमक की तरह देश की सारी व्यवस्थाओं को देश के सारे सामर्थ्य को पूरी तरह नोंच लिया है। उन्होंने कहाकि यह मोदी के जीवन का कमेंटमेंट हैकि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहूंगा। उन्होंने कहाकि ये अमृतकाल का पहला वर्ष है, मैं आपको विश्वास से कहना चाहता हूं-चलता चलाता कालचक्र, अमृतकाल का भालचक्र, सबके सपने, अपने सपने, पनपे सपने सारे, धीर चले, वीर चले, चले युवा हमारे, नीति सही रीती नई, गति सही राह नई, चुनो चुनौती सीना तान, जग में बढ़ाओ देश का नाम। उन्होंने कहाकि ये अमृतकाल हम सबको मां भारती के लिए कुछ कर गुजरने का काल है, आजादी की जब जंग चल रही थी, 1947 के पहले जिस पीढ़ी ने जन्म लिया था, उसे देश केलिए मरने का मौका मिला था, वो देश पर मरने केलिए मौका नहीं छोड़ते थे, लेकिन हमारे लिए देश केलिए जीने का इससे बड़ा कोई अवसर नहीं हो सकता। उन्होंने कहाकि 140 करोड़ देशवासियों के संकल्प को सिद्धि में भी परिवर्तित करना है और 2047 का जब तिरंगा झंडा फहरेगा, तब विश्व एक विकसित भारत का गुणगान करता होगा। इस अवसर पर कांग्रेस राजनीति से नहीं चूकी लाल किले के समारोह में परंपरा के अनुसार सभी को आमंत्रित किया गया था, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के कई नेता नहीं आए, जिसकी काफी आलोचना हो रही है। अपने संबोधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले के सामने ज्ञानपथ पर बैठे स्कूली बच्चों से भी मिलने गए।