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Tuesday 5 September 2023 03:03:49 PM
जयपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जयपुर में विश्वविद्यालय महारानी महाविद्यालय की छात्राओं केसाथ 'राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भागीदारी' विषय पर संवाद कार्यक्रम में भाग लिया। छात्राओं से संवाद में उपराष्ट्रपति ने कहाकि महिलाओं केलिए आसमान ही सीमा है, वे हर क्षेत्र प्रशासन, सेना, कॉरपोरेट में सफलता के नए प्रतिमान गढ़ रही हैं। उन्होंने महिलाओं को कहाकि वे अपने निर्णय स्वयं लें और आर्थिक रूपसे आत्मनिर्भर बनें एवं अपने आपको मौलिक रखिये। उपराष्ट्रपति ने छात्राओं को तीन मंत्र दिए-पहला कभी टेंशन मत लीजिये, टेंशन लेने से कुछ नहीं होता, दूसरा-असफलता से कभी मत डरिये और तीसरा यहकि आपके दिमाग में कोई अच्छा विचार आए तो उसे केवल दिमाग में मत रखिए, बल्कि जमीन पर लागू करिये। उपराष्ट्रपति ने युवाओं से अतिप्रतिस्पर्धा में न पड़ने की अपील करते हुए सुझाव दियाकि उन्हें अपनी रुचि के अनुसार कैरियर का चुनाव करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विश्वास व्यक्त कियाकि अब वो दिन दूर नहीं, जब संविधान में संशोधन करके संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को जल्द ही उनका उचित प्रतिनिधित्व यानी आरक्षण मिल जाएगा तो भारत 2047 से पहले ही विश्वशक्ति बन जाएगा। महिला शिक्षा पर बल देते हुए जगदीप धनखड़ ने कहाकि लड़के को पढ़ाने से एक परिवार ही तरक्की करता है, लेकिन यदि हम एक लड़की को पढ़ाते हैं तो कई परिवार शिक्षित होते हैं। एक छात्रा द्वारा महिला सुरक्षा पर पूंछे गए प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहाकि यह केवल सरकार तंत्र का ही काम नहीं है, बल्कि महिलाओं केलिए सुरक्षित वातावरण तैयार करने में समाज, व्यक्ति और संस्थानों को मिलकर प्रयास करने होंगे और हर सक्षम व्यक्ति यह निश्चय करेकि मैं इस विषय पर अपना योगदान करूंगा। असामाजिक तत्वों से सख्ती से निपटने पर बल देते हुए उन्होंने खुशी व्यक्त कीकि हम अंग्रेजों की बनाई दंड संहिता को बदल रहे हैं।
जगदीप धनखड़ ने कहाकि उनके जीवन में एकही ताकत है-उनकी नानी, दादी, मां और उनकी धर्मपत्नी। महिलाओं केप्रति दृष्टिकोण में आ रहे बदलाव को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि उन्होंने राज्यसभा में चेयरमैन की जगह जेंडर न्यूट्रल शब्द चेयरपर्सन को बढ़ावा दिया है, अब 'उपाध्यक्ष पैनल' की जगह 'उपाध्यक्षों का पैनल' शब्द का प्रयोग किया जाता है। उन्होंने बतायाकि उन्होंने पहलीबार राज्यसभा के उपसभापति पैनल में पचास फीसदी महिलाओं की नियुक्ति कर दी है और उनका प्रदर्शन उत्कृष्ट है। राज्यसभा में महिला सशक्तीकरण हेतु उठाए अन्य कदमों के विवरण देते हुए जगदीप धनखड़ ने कहाकि वह जबभी देश-विदेश की यात्रा केलिए डेलिगेशन के नामों का निर्णय करते हैं तो उनमें महिलाओं को प्राथमिकता देते हैं, ताकि जिनको अभीतक बाहर जाने का मौका नहीं मिला था, उन्हें भी अवसर मिले। उपराष्ट्रपति ने कहाकि महिलाओं की प्रगति में रुकावट पैदा करने के अनेक प्रयास हुए हैं, लेकिन अब समाज का दृष्टिकोण बदल रहा है, 2019 में पहलीबार लोकसभा में 78 महिला सांसद निर्वाचित होकर आई हैं, विश्व महिलाओं के योगदान के बिना प्रगति नहीं कर सकता।
चंद्रयान-3 और पहले आदित्य मिशन की सफलता में महिला वैज्ञानिकों की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहाकि इसी नारीशक्ति के आधार पर भारत दुनिया को बदलेगा। उपराष्ट्रपति ने कहाकि भारत का डंका आज दुनियाभर में बज रहा है और मैंने अपनी विदेश यात्राओं के दौरान देखा हैकि भारत के प्रतिनिधि को बहुत सम्मान की नज़र से देखा जाता है। उन्होंने कहाकि दस वर्ष पूर्व हमारी गिनती नाजुक पांच में होती थी और आज हम विश्व की टॉप फाइव अर्थव्यवस्था हैं और शीघ्रही हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे। उपराष्ट्रपति ने उपस्थित छात्राओं से प्रश्न कियाकि ऐसे मजबूत भारत को क्यों कुछ लोग मजबूर भारत दिखाना चाहते हैं? सोशल मीडिया के इस दौर में आप शांत मत बैठिये, बल्कि ऐसे लोगों को जवाब दीजिये, जो हमारे देश और संस्थाओं पर कालिख पोतने का काम करते हैं। उपराष्ट्रपति ने महिलाओं का आह्वान करते हुए कहाकि आप देश में 50 फीसदी हैं, आपको आगे बढ़कर राष्ट्र की प्रगति में योगदान देना होगा।
उपराष्ट्रपति ने कहाकि हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए, भारत की ऐतिहासिक उपलब्धियों पर गर्व करना चाहिए और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखना चाहिए। बिजली, पानी, पेट्रोल जैसे प्राकृतिक संसाधनों का अपव्यय रोकने पर बल देते हुए उन्होंने कहाकि हम इन संसाधनों के ट्रस्टी हैं और इनका प्रयोग आवश्यकता के अनुसार करना चाहिए, ऐसा न होकि कोई अमीर है तो अनावश्यक पेट्रोल फूंके। उपराष्ट्रपति ने युवाओं से अपील कीकि मौलिक अधिकारों केसाथ वे मौलिक कर्तव्यों को भी अमल में लाएं। आर्थिक राष्ट्रवाद पर उपराष्ट्रपति ने कहाकि थोड़े से पैसों के लाभ केलिए हमें आर्थिक राष्ट्रवाद से समझौता नहीं करना चाहिए। उन्होंने प्रश्न कियाकि खिलौने और दीवाली के दिए जैसी चीजें बाहर से क्यों आनी चाहिए? ज्ञात रहेकि उपराष्ट्रपति स्वयं राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं। सभागार में अपने पूर्व प्रोफेसरों को देखकर उन्होंने कहाकि यह दिन उनके लिए शुभ है, क्योंकि शिक्षक दिवस से पूर्व उन्हें अपने गुरुजनों के दर्शन का सौभाग्य मिला है। इस अवसर पर डॉ सुदेश धनखड़, राजस्थान विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रोफेसर राजीव जैन, विश्वविद्यालय महारानी महाविद्यालय की प्रिंसिपल प्रोफेसर निमाली सिंह, वर्तमान व पूर्व शिक्षक और छात्राएं उपस्थित थीं।