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Thursday 7 September 2023 01:46:59 PM
जकार्ता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया में 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा हैकि हमारी साझेदारी अपने चौथे दशक में प्रवेश कर रही है, ऐसे में भारत-आसियान समिट को सहअध्यक्ष करना उनके लिए बहुत प्रसन्नता का विषय है। प्रधानमंत्री ने आसियान समूह की कुशल अध्यक्षता और शानदार आयोजन केलिए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो का अभिनंदन किया और उनको आभार भी व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट को पदभार ग्रहण करने केलिए हार्दिक बधाई दी। भारत-आसियान समिट बैठक में प्रेक्षक के रूपमें तिमोर लेस्ते के प्रधानमंत्री सेनाना गुज़माओ का भी हृदय से स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भी भाग लिया।
आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ बनाने और इसके भविष्य की रूपरेखा तैयार करने पर आसियान भागीदारों केसाथ व्यापक चर्चा की। प्रधानमंत्री ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आसियान की केंद्रीयता की पुष्टि की और भारत के हिंद-प्रशांत महासागर पहल और हिंद-प्रशांत पर आसियान दृष्टिकोण केबीच तालमेल को रेखांकित किया। उन्होंने आसियान-भारत एफटीए की समीक्षा को समयबद्ध तरीके से पूरा करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री ने भारत-आसियान सहयोग को मजबूत बनाने हेतु कनेक्टिविटी, डिजिटल परिवर्तन, व्यापार और आर्थिक सहभागिता, समकालीन चुनौतियों का समाधान, जनता के बीच आपसी संपर्क और रणनीतिक सहभागिता को प्रगाढ़ बनाने जैसे मुद्दों को शामिल करते हुए 12-सूत्री प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन तथा भोजन और दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं केलिए लचीली आपूर्ति श्रृंखला और ऊर्जा सुरक्षा सहित वैश्विक चुनौतियों से निपटने केलिए सहयोगपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने का भी आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में भारत की ओर से उठाए गए कदमों और आईएसए, सीडीआरआई, लाइफ और ओएसओडब्ल्यूओजी जैसी हमारी पहलों पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारी हिस्ट्री और भूगोल भारत-आसियान को जोड़ते हैं, साथही साझा वैल्यूज़, क्षेत्रीय एकता, शांति, समृद्धि और बहुध्रुवीय विश्व में साझा विश्वास भी हमें आपस में जोड़ता है। उन्होंने कहाकि आसियान भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्रीय स्तंभ है, आसियान केंद्रीयता और इंडो-पैसिफिक पर आसियान के आउटलुक का पूर्ण समर्थन करता है। उन्होंने कहाकि भारत के इंडो-पैसिफिक पहल में भी आसियान क्षेत्र का प्रमुख स्थान है। उन्होंने कहाकि पिछले वर्ष हमने भारत-आसियान मित्रता वर्ष मनाया और आपसी संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी का रूप दिया एवं वैश्विक अनिश्चितताओं के माहौल में भी हर क्षेत्र में हमारे आपसी सहयोग में लगातार प्रगति हो रही है, यह हमारे संबंधों की ताकत और लचीलेपन का प्रमाण है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि इस वर्ष की आसियान समिट की थीम है-'आसीयान मैटर्ज़: एपीसेंट्रम ओफ़ ग्रोथ', क्योंकि यहां सभीकी आवाज़ सुनी जाती है और आसियान इज एपीसेंट्रम ओफ़ ग्रोथ, क्योंकि वैश्विक विकास में आसियान क्षेत्र की अहम भूमिका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि वसुधैव कुटुंबकम यानी 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' की भावना भारत की जी-20 अध्यक्षता की भी थीम है। प्रधानमंत्री ने कहाकि इक्कीसवीं सदी एशिया की सदी है, हम सबकी सदी है, इसके लिए आवश्यक है एक नियम आधारित पोस्ट कोविड विश्व आदेश का निर्माण और मानव कल्याण केलिए सबका प्रयास, जो ओपन इंडो-पैसिफिक की प्रगति और ग्लोबल साउथ की आवाज़ को बुलंद करने में हम सबके साझे हित है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि हमारी इस बातचीत से भारत और आसियान क्षेत्र के भावी भविष्य को और सुदृढ़ बनाने केलिए नए संकल्प लिए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहाकि देश संयोजक सिंगापुर आगामी अध्यक्ष लाओ पीडीआर और सभी केसाथ भारत कंधे से कंधा मिलाकर चलने केलिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने आसियान और ईएएस भागीदारों केसाथ मजबूत साझेदारी बनाते हुए इंडोनेशिया की अपनी यात्रा समाप्त की। आसियान नेताओं ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी वैचारिक आदान-प्रदान किया।