स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 16 September 2023 11:55:31 AM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में लगभग 45,000 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरणों की खरीद के नौ पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर यह भी कहाकि अब स्वदेशीकरण की दिशा में युद्ध सामग्री की जरूरतों को उन्नत करने का समय आ गया है। उन्होंने कहाकि आईडीडीएम परियोजनाओं केलिए 50 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री की सीमा के बजाय हमें न्यूनतम 60-65 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री का लक्ष्य रखना चाहिए। ये सभी खरीद भारतीय विक्रेताओं से की जाएंगी। रक्षामंत्री ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, सेवा प्रमुखों, रक्षा सचिव और डीजी अधिग्रहण को भारतीय उद्योग के परामर्श से न्यूनतम स्वदेशी सामग्री सीमा को बढ़ाने की दिशा में काम करने का निर्देश दिया।
रक्षा उपकरणों की खरीद भारतीय विक्रेताओं से यानी भारत में स्वदेशी रूपसे डिजाइन विकसित और निर्मित-आईडीएमएम खरीदें भारतीय श्रेणी केतहत की जाएंगी, जिससे आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भारतीय रक्षा उद्योग को भी पर्याप्त बढ़ावा मिलेगा। आधुनिक मशीनीकृत बलों की सुरक्षा, गतिशीलता, हमले की क्षमता और बढ़ी हुई उत्तरजीविता को बढ़ाने केलिए डीएसी ने हल्के बख्तरबंद बहुउद्देश्यीय वाहनों और एकीकृत निगरानी और लक्ष्यीकरण प्रणाली की खरीद केलिए एओएन को मंजूरी दी है। आर्टिलरी गन और रडार की तेजीसे तैनाती केलिए हाई मोबिलिटी व्हीकल गन टोइंग वाहनों की खरीद केलिए भी एओएन को मंजूरी दे दे दी गई है। गौरतलब हैकि रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) रक्षा मंत्रालय में सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है, यह तीनों सेवाओं थलसेना, नौसेना, वायुसेना और भारतीय तटरक्षक केलिए नई नीतियों और पूंजी अधिग्रहण पर निर्णय लेता है। रक्षामंत्री परिषद का अध्यक्ष होता है।
रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय नौसेना केलिए अगली पीढ़ी के सर्वेक्षण जहाजों की खरीद को भी मंजूरी दे दी, जिससे हाइड्रोग्राफिक संचालन करने में इसकी क्षमताओं में काफी वृद्धि होगी। डीएसी ने भारतीय वायुसेना के प्रस्तावों केलिए एओएन को मंजूरी दी है, जिसमें ऑपरेशन केलिए सटीकता और विश्वसनीयता में सुधार केलिए डोर्नियर विमान का एवियोनिक अपग्रेडेशन शामिल है। स्वदेशी रूपसे निर्मित एएलएच एमके-IV हेलीकॉप्टरों केलिए एक शक्तिशाली स्वदेशी सटीक निर्देशित हथियार के रूपमें ध्रुवास्त्र, जो हवा से सतह पर मार करने वाली कम दूरी की मिसाइल है की भी खरीद की जाएगी। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से संबंधित उपकरणों केसाथ 12 एसयू-30 एमकेआई विमानों की खरीद केलिए एओएन यानी आवश्यकता की स्वीकृति प्रदान की गई है।