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Monday 18 September 2023 11:45:58 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वकर्मा जयंती पर नई दिल्ली के द्वारका में भारत अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और एक्सपो केंद्र 'यशोभूमि' के पहले चरण को समारोहपूर्वक राष्ट्र को सौंपते हुए पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को समर्पित 'पीएम विश्वकर्मा योजना' की भी शुरुआत कर दी है। यशोभूमि में एक भव्य कन्वेंशन सेंटर, कई प्रदर्शनी हॉल और अन्य सुविधाएं हैं। प्रधानमंत्री ने विश्वकर्मा जयंती पर पीएम विश्वकर्मा लोगो, टैगलाइन और पोर्टल लॉंच करते हुए कस्टमाइज्ड स्टाम्प शीट, टूल किट, ई-बुकलेट और वीडियो जारी किया। प्रधानमंत्री ने 18 लाभार्थियों को विश्वकर्मा प्रमाण पत्र भी वितरित किए। उन्होंने आयोजन स्थल पर प्रदर्शनी 'गुरु-शिष्य परंपरा' और 'नई प्रौद्योगिकी' का अवलोकन किया। उन्होंने यशोभूमि के 3डी मॉडल का भी निरीक्षण किया, इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने द्वारका सेक्टर-21 से नए मेट्रो स्टेशन 'यशोभूमि द्वारका सेक्टर-25' तक दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन के विस्तार का उद्घाटन किया। उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देशभर के लाखों विश्वकर्मा से जुड़ने का अवसर मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने प्रदर्शनी का दौरा करने एवं कारीगरों और शिल्पकारों से बातचीत के उनके शानदार अनुभव पर भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहाकि लाखों कारीगरों और उनके परिवारों केलिए पीएम विश्वकर्मा योजना आशा की किरण है।
यशोभूमि के बारेमें प्रधानमंत्री ने इस उत्कृष्ट सुविधा केंद्र निर्माण में श्रमिकों और विश्वकर्माओं के योगदान को स्वीकार किया। उन्होंने कहाकि मैं देश के हर श्रमिक, हर विश्वकर्मा साथी को यशोभूमि समर्पित करता हूं। उन्होंने विश्वकर्माओं से कहाकि यशोभूमि उनके कार्यों को विश्व और वैश्विक बाजारों से जोड़ने वाली जीवंत केंद्र बनेगी। उन्होंने देश के रोजमर्रा के जीवन में विश्वकर्मा के योगदान और महत्व को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि विश्वकर्मा हमेशा समाज में महत्वपूर्ण बने रहेंगे, चाहे प्रौद्योगिकी में कितनी भी प्रगति क्यों न हुई हो। उन्होंने कहाकि समय की मांग हैकि विश्वकर्मा को मान्यता और सहायता मिले। उन्होंने कहाकि सरकार विश्वकर्मा समुदाय के लोगों के सम्मान को बढ़ाने, क्षमताओं को बढ़ाने और उनकी समृद्धि बढ़ाने केलिए एक भागीदार के रूपमें आगे आई है। कारीगरों और शिल्पकारों के 18 फोकस क्षेत्रों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने बतायाकि पीएम विश्वकर्मा योजना में बढ़ई, लोहार, सुनार, मूर्तिकार, कुम्हार, मोची, दर्जी, राजमिस्त्री, हेयरड्रेसर, धोबी आदि को शामिल किया गया है और इसपर 13000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अपनी विदेश यात्राओं के दौरान कारीगरों से बात करने के अपने व्यक्तिगत अनुभव का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने हस्तनिर्मित उत्पादों की बढ़ती मांग पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि विश्वभर की बड़ी कंपनियां अपने काम को छोटे उद्यमों को सौंप देती हैं, यह आउटसोर्स काम हमारे विश्वकर्मा मित्रों को मिले और वे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनें, इसके लिए हम काम कर रहे हैं और यही कारण हैकि यह योजना विश्वकर्मा मित्रों को आधुनिक युग में ले जाने का एक प्रयास है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इस बदलते समय में विश्वकर्मा मित्रों केलिए प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी और उपकरण महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बतायाकि प्रशिक्षण के दौरान विश्वकर्मा मित्रों को 500 रुपये प्रतिदिन भत्ता दिया जाएगा, आधुनिक टूलकिट केलिए 15 हजार रुपये का टूलकिट वाउचर भी दिया जाएगा और सरकार उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग में मदद करेगी। उन्होंने कहाकि टूलकिट केवल जीएसटी पंजीकृत दुकानों से ही खरीदे जाएं और ये उपकरण मेड इन इंडिया होने चाहिएं। विश्वकर्मा समुदाय केलिए संपार्श्विक मुक्त वित्त के प्रावधान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि जब गारंटी मांगी जाती है तो वह गारंटी मोदी देते हैं। उन्होंने बतायाकि विश्वकर्मा मित्रों को बिना किसी संपार्श्विक के बहुत कम ब्याज पर 3 लाख रुपये तक का ऋण मिलेगा। प्रधानमंत्री ने एक जिला, एक उत्पादयोजना पर कहाकि केंद्र सरकार वंचितों के विकास को प्राथमिकता देती है, यह योजना हर जिले से अद्वितीय उत्पादों को प्रोत्साहित करती है। उन्होंने पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से स्ट्रीट वेंडर्स केलिए बैंक के द्वार खोलने और दिव्यांगों को विशेष सुविधाएं प्रदान किए जाने का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि मोदी उन लोगों के साथ खड़ा है, जिनकी परवाह करने केलिए कोई उनके साथ नहीं है। उन्होंने कहाकि वह यहां सेवा करने, गरिमापूर्ण जीवन प्रदान करने और यह सुनिश्चित करने केलिए हैंकि सेवाएं बिना किसी विफलता के उपलब्ध कराईं जाएं और यह मोदी की गारंटी है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि दुनिया ने जी-20 शिल्प बाजार में प्रौद्योगिकी और परंपरा के संगम का परिणाम देखा है, यहां तककि आगंतुक गणमान्य व्यक्तियों केलिए उपहारों में विश्वकर्मा मित्रों के उत्पाद शामिल थे। उन्होंने कहाकि वोकल फॉर लोकल केप्रति यह समर्पण पूरे देश की जिम्मेदारी है, पहले हमें वोकल फॉर लोकल बनना होगा और फिर हमें लोकल ग्लोबल को अपनाना होगा। देश में गणेश चतुर्थी, धनतेरस, दीपावली और अन्य उत्सवों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने देश के प्रत्येक नागरिक से स्थानीय उत्पादों विशेष रूपसे उन उत्पादों को जिनमें राष्ट्र के विश्वकर्मा ने योगदान दिया है को खरीदने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री ने विश्वभर में चर्चा का विषय बने भारत मंडपम का जिक्र करते हुए कहाकि आज का विकसित भारत हर सेक्टर में अपनी एक नई पहचान बना रहा है, यशोभूमि का संदेश जोरदार और स्पष्ट है, यहां होने वाला कोईभी आयोजन सफलता और प्रसिद्धि प्राप्त करेगा। उन्होंने कहाकि यशोभूमि भविष्य के भारत को प्रदर्शित करने का एक माध्यम बनेगी। उन्होंने कहाकि भारत के भव्य आर्थिक कौशल और वाणिज्यिक शक्ति को प्रदर्शित करने केलिए यह देश की राजधानी में एक योग्य केंद्र है। उन्होंने कहाकि यह मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी और पीएम गतिशक्ति दोनों को दर्शाता है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डालाकि यशोभूमि का इको सिस्टम उपयोगकर्ताओं की यात्रा, कनेक्टिविटी, आवास और पर्यटन आवश्यकताओं का ध्यान रखेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेखांकित कियाकि बदलते समय केसाथ विकास और रोज़गार के नए सेक्टर उभर रहे हैं। उन्होंने कहाकि किसीभी व्यक्ति ने पचास से साठ साल पहले भारत में इतने व्यापक स्तर और अनुपात के आईटी क्षेत्र की कल्पना नहीं की होगी, यहां तककि सोशल मीडिया भी तीस से पैंतीस साल पहले काल्पनिक था। सम्मेलन पर्यटन के भविष्य पर प्रधानमंत्री ने कहाकि इस क्षेत्र में भारत केलिए अपार संभावनाएं हैं और बतायाकि यह क्षेत्र 25000 करोड़ रुपये से अधिक का है। उन्होंने रेखांकित कियाकि विश्व में हर साल 32 हजार से अधिक बड़ी प्रदर्शनियों और एक्सपो का आयोजन किया जाता है, जहां सम्मेलन पर्यटन केलिए आनेवाले लोग एक सामान्य पर्यटक की तुलना में अधिक पैसा व्यय करते हैं। नरेंद्र मोदी ने बतायाकि इतने बड़े उद्योग में भारत की हिस्सेदारी केवल एक प्रतिशत के आसपास है और भारत में कई बड़ी कंपनियां हर साल अपने कार्यक्रमों का आयोजन करने केलिए विदेशों में जाती हैं। उन्होंने कहाकि भारत अब सम्मेलन पर्यटन केलिए भी खुदको तैयार कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि सम्मेलन पर्यटन भी वहीं प्रगति करेगा, जहां कार्यक्रमों, बैठकों और प्रदर्शनियों केलिए आवश्यक संसाधन होंगे, इसलिए भारत मंडपम और यशोभूमि केंद्र अब दिल्ली को सम्मेलन पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र बनाने जा रहे हैं, इससे लाखों युवाओं को रोज़गार मिलने की संभावना है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भविष्य में यशोभूमि एक ऐसा स्थान बनेगा, जहां विश्वभर के देशों के लोग अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों, बैठकों और प्रदर्शनियों केलिए आएंगे।
प्रधानमंत्री ने हितधारकों को यशोभूमि में आमंत्रित किया। उन्होंने कहाकि मैं विश्वभर के देशों से प्रदर्शनी और इवेंट उद्योग से जुड़े लोगों को दिल्ली आने केलिए आमंत्रित करता हूं, मैं देश के हर क्षेत्र, पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण के फिल्म उद्योग और टीवी उद्योग को आमंत्रित करूंगा, आप यहां अपने पुरस्कार समारोह, फिल्म समारोह आयोजित करें, यहां पहला फिल्म शो आयोजित करें, मैं इंटरनेशनल इवेंट कंपनियों, प्रदर्शनी क्षेत्र से जुड़े लोगों को भारत मंडपम और यशोभूमि में शामिल होने केलिए आमंत्रित करता हूं। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि भारत मंडपम और यशोभूमि भारत के आतिथ्य, श्रेष्ठता और भव्यता के प्रतीक बनेंगे। उन्होंने कहाकि भारत मंडपम और यशोभूमि दोनों भारतीय संस्कृति और अत्याधुनिक सुविधाओं का संगम हैं और ये भव्य प्रतिष्ठान विश्व के समक्ष भारत की गाथा को व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहाकि यह नए भारत की आकांक्षाओं को भी दर्शाता है, जो अपने लिए सर्वोत्तम सुविधाओं की इच्छा रखता है। नरेंद्र मोदी ने नागरिकों से आगे बढ़ते रहने, नए लक्ष्य बनाने, उनके लिए प्रयास करने और 2047 तक भारत को एक विकसित देश में बदलने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने नागरिकों को कड़ी मेहनत करने और एकसाथ आने की आवश्यकता पर जोर दिया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारे विश्वकर्मा सहयोगी मेक इन इंडिया के गौरव हैं और यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र विश्व को इस गौरव को प्रदर्शित करने का एक माध्यम बनेगा। इस अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे और राज्यमंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा भी उपस्थित थे।