स्वतंत्र आवाज़
word map

नई संसद का प्रथम व ऐतिहासिक सत्र!

प्रधानमंत्री ने पेश किया नारी शक्ति वंदन विधेयक

'यह हमारे लोकतंत्र को और सुदृढ़ बनाएगा'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 20 September 2023 01:54:11 PM

first and historic session of the new parliament

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन में लोकसभा सदन को संबोधित करते हुए सभी को शुभकामनाएं दीं और नई संसद में पहले दिन विशेष सत्र को संबोधित करने का अवसर प्रदान करने केलिए लोकसभा अध्यक्ष केप्रति आभार व्यक्त किया एवं सभी सांसदों का भी गर्मजोशी से स्वागत अभिवादन किया। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी कीकि यह अमृतकाल की सुबह है, क्योंकि भारत नई संसद भवन की ओर अग्रसर होकर भविष्य के संकल्प केसाथ आगे बढ़ रहा है। हाल की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने विज्ञान क्षेत्र में चंद्रयान-3 की सफलताओं और जी20 के आयोजन तथा वैश्विक स्तरपर इसके प्रभाव का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि भारत केलिए एक अनूठा अवसर उपस्थित हुआ है और इसी आलोक में देश का नया संसद भवन कार्यशील हो रहा है। गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि भगवान गणेश समृद्धि, शुभता, तर्क और ज्ञान के देवता हैं, यह संकल्पों को पूरा करने और नए उत्साह तथा ऊर्जा के साथ नई यात्रा शुरू करने का समय है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गणेश चतुर्थी पर नई संसद में नई शुरुआत पर लोकमान्य तिलक का स्मरण करते हुए कहाकि लोकमान्य तिलक ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान गणेश चतुर्थी को देशभर में स्वराज की अलख जलाने का माध्यम बना दिया था, हम उसी प्रेरणा से आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने उल्लेख कियाकि आज क्षमा का त्योहार संवत्सरी पर्व भी है, यह त्योहार किसीभी जानबूझकर और अनजाने कृत्यों केलिए क्षमा मांगने के बारेमें है, जिसके कारण किसी को ठेस पहुंची हो। उन्होंने भी त्योहार की भावना से सभी को मिच्छामि दुक्कडं कहा और अतीत की सभी कड़वाहटों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने की अपील की। प्रधानमंत्री ने पुराने और नए केबीच एक कड़ी और स्वतंत्रता की पहली रोशनी के साक्षी के रूपमें पवित्र सेनगोल की उपस्थिति का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि इस पवित्र सेनगोल को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने स्पर्श किया था, इसलिए सेनगोल हमें हमारे अतीत के एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्से से जोड़ता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि नए भवन की भव्यता अमृतकाल का अभिषेक करती है और उन्होंने उन श्रमिकों एवं इंजीनियरों की कड़ी मेहनत को याद किया, जो महामारी के दौरान भी भवन केलिए काम करते रहे। प्रधानमंत्री सहित पूरे सदन ने इन श्रमिकों और इंजीनियरों केलिए तालियां बजाईं। उन्होंने बतायाकि 30 हजार से अधिक श्रमिकों ने निर्माण में योगदान दिया और श्रमिकों का पूरा विवरण देने वाली एक डिजिटल पुस्तक की उपस्थिति का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारी भावनाएं हमारे आचरण में हमारा मार्गदर्शन करेंगी, भवन बदल गया है, भाव भी बदलना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहाकि देश की सेवा केलिए संसद सर्वोच्च पद है। उन्होंने रेखांकित कियाकि सदन किसी राजनीतिक दल के लाभ केलिए नहीं है, बल्कि केवल राष्ट्र के विकास केलिए है। प्रधानमंत्री ने कहाकि सदस्यों के रूपमें हमें अपने शब्दों, विचारों और कार्यों से संविधान की भावना को बनाए रखना चाहिए। नरेंद्र मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष को यह आश्वासन भी दियाकि प्रत्येक सदस्य सदन की अपेक्षाओं एवं आकांक्षाओं पर खरा उतरेगा और उनके मार्गदर्शन में काम करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर बल दियाकि सदन में सदस्यों का व्यवहार उन कारकों में से एक हो, जो यह निर्धारित करेकि वे सत्ता पक्ष का हिस्सा होंगे या विपक्ष का, क्योंकि सदन की सभी कार्यवाही जनता की दृष्टि के समक्ष हो रही हैं। सामान्य कल्याण केलिए सामूहिक संवाद और कार्रवाई की आवश्यकता पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने लक्ष्यों की एकता पर जोर दिया और कहाकि हम सभीको संसदीय परंपराओं की लक्ष्मणरेखा का पालन करना चाहिए। समाज के प्रभावी परिवर्तन में राजनीति की भूमिका को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष से खेल तकके क्षेत्रों में भारतीय महिलाओं के योगदान पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने स्मरण कियाकि विश्व ने जी20 के दौरान महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की अवधारणा को अपनाया है, इस दिशा में सरकार के कदम सार्थक रहे हैं। उन्होंने कहाकि जनधन योजना के 50 करोड़ लाभार्थियों में से अधिकतर खाते महिलाओं के हैं। उन्होंने मुद्रा योजना, पीएम आवास योजना जैसी स्कीमों में महिलाओं केलिए लाभ का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहाकि महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के संकल्प को बढ़ावा देते हुए हमारी सरकार एक प्रमुख संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश कर रही है, जिसका उद्देश्य लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी का विस्तार करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि नारीशक्ति वंदन अधिनियम हमारे लोकतंत्र को और सुदृढ़ करेगा। उन्होंने देश की माताओं, बहनों और बेटियों को नारीशक्ति वंदन अधिनियम केलिए बधाई दी और आश्वस्त कियाकि हम इस विधेयक को कानून बनाने केलिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने सदन में सभी से अनुरोध और अपील कीकि एक शुभ मांगलिक शुरुआत हो रही है, अगर सर्वसम्मति से ये विधेयक कानून बन जाता है तो इसकी शक्ति कई गुना बढ़ जाएगी, इसलिए दोनों सदनों से अनुरोध कियाकि विधेयक को पूर्ण सर्वसम्मति से पारित किया जाए। महिला आरक्षण पर संसद में हुई चर्चा और विचार-विमर्श पर प्रकाश डालते हुए बतायाकि इस मुद्दे पर पहला विधेयक पहलीबार 1996 में पेश किया गया था, अटलजी के कार्यकाल में इसे कई बार सदन में पेश किया गया था, लेकिन सरकार महिलाओं के सपनों को वास्तविकता में परिणत करने केलिए अपेक्षित संख्या में समर्थन नहीं जुटा सकी। उन्होंने कहाकि उन्हें विश्वास हैकि भगवान ने उन्हें इस काम को पूरा करने केलिए चुना है। उन्होंने बतायाकि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद में महिलाओं के आरक्षण विधेयक को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री ने रेखांकित कियाकि 19 सितंबर 2023 का यह ऐतिहासिक दिन भारत के इतिहास में अमर रहेगा। हर सेक्टर में महिलाओं के बढ़ते योगदान को देखते हुए प्रधानमंत्री ने नीति निर्माण में अधिक महिलाओं को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि राष्ट्र में उनका योगदान और बढ़ सके। उन्होंने सदस्यों से इस ऐतिहासिक दिन पर महिलाओं केलिए अवसरों के द्वार खोलने का आग्रह किया।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]