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भारत जी-20 का सर्वश्रेष्ठ मेजबान-प्रधानमंत्री

जी20 की सफलता का श्रेय जमीनी स्तर के कार्मिकों को दिया

जी-20 सम्मेलन सफल बनाने वाली टीम के साथ बातचीत

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 23 September 2023 11:56:18 AM

pm narendra modi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 के सफल आयोजन केलिए देश-विदेश से मिल रही प्रशंसा को रेखांकित करते हुए इस सफलता का श्रेय जमीनी स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों को दिया है। प्रधानमंत्री ने भारत मंडपम में टीम जी20 केसाथ बातचीत की। विस्तृत योजना निर्माण और कार्यांवयन प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने अनुभवों और सीखों का दस्तावेज तैयार करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहाकि इस प्रकार के दस्तावेज भविष्य के आयोजनों केलिए उपयोगी दिशानिर्देश तैयार कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि उद्यम के महत्व की भावना और हर किसी में उस उद्यम का केंद्रीय हिस्सा होने की भावना ही ऐसे बड़े आयोजनों की सफलता का रहस्य है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों और कर्मचारियों से अनौपचारिक रूपसे बैठने और अपने-अपने विभागों के अनुभव साझा करने को कहा। उन्होंने कहाकि इससे किसी व्यक्ति के कार्यकलाप को व्यापक परिप्रेक्ष्य मिलेगा और एकबार जब हम दूसरों के प्रयासों को जान लेते हैं तो ऐसे प्रयास हमें बेहतर करने केलिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहाकि यह कार्यक्रम मजदूरों की एकता के बारेमें है और आप और मैं दोनों मजदूर हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि कार्यालय के नियमित कामकाज में हमें अपने सहकर्मियों की क्षमताओं का पता नहीं चलता, क्षेत्र में सामूहिक रूपसे काम करते समय अलग-थलग रहकर चाहे ऊर्ध्वाधर रूपमें हो या और क्षैतिज रूपमें हो काम करने की भावना ख़त्म होती है और एक टीम का निर्माण होता है। उन्होंने वर्तमान में जारी स्वच्छता अभियान का उदाहरण देकर इस बात को विस्तार से बतायाकि विभागों में इसे सामूहिक प्रयास के रूपमें देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहाकि इससे परियोजना एक कामकाज के बजाय एक उत्सव बन जाएगी। उन्होंने कहाकि सामूहिक भावना में शक्ति है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यालयों में पदानुक्रम से बाहर आने और अपने सहयोगियों की ताकत जानने का प्रयास करने केलिए कहा। उन्होंने मानव संसाधन और सीखने के दृष्टिकोण से ऐसे सफल आयोजनों के महत्व पर प्रकाश डाला और कहाकि जब कोई कार्यक्रम केवल आयोजित हो जाने के बजाय सही ढंग से आयोजित किया जाता है तो इसके दूरगामी प्रभाव होते हैं। उन्होंने इसे राष्ट्रमंडल खेलों का उदाहरण देकर समझाया, जो देश की ब्रांडिंग केलिए एक बड़ा अवसर हो सकता था, लेकिन इससे न केवल इसमें शामिल लोगों और देश की बदनामी हुई, बल्कि शासन तंत्र में भी निराशा की भावना पैदा हुई। दूसरी ओर जी20 का संचयी प्रभाव, देश की ताकत को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने में सफल रहने के रूपमें सामने आया है। उन्होंने कहाकि उनका मतलब संपादकीय की प्रशंसा से नहीं है, उनके लिए असली खुशी इस तथ्य में हैकि हमारा देश अब आश्वस्त हैकि वह ऐसे किसीभी कार्यक्रम की सर्वोत्तम संभव तरीके से मेजबानी कर सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक स्तर पर आपदाओं के दौरान बचाव में भारत के महान योगदान का उदाहरण देते हुए इस बढ़ते आत्मविश्वास के बारेमें विस्तार से बताया जैसे-नेपाल में भूकंप, फिजी में चक्रवात, श्रीलंका जहां सामग्री भेजी गई थी, मालदीव में बिजली और पानी का संकट, यमन से निकासी, तुर्की में भूकंप। उन्होंने कहाकि यह सब इस बात को स्थापित करता हैकि मानवता के कल्याण केलिए भारत मजबूती से खड़ा है और जरूरत के समय हर जगह पहुंचता है। जी20 शिखर सम्मेलन केबीच में भी उन्हें जॉर्डन आपदा के बचाव कार्य की तैयारियों की जानकारी दी गई, हालांकि वहां जाने की जरूरत नहीं पड़ी। उन्होंने कहाकि इस कार्यक्रम में मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी पीछे की सीटों पर बैठे हैं और जमीनी स्तर के अधिकारी सबसे आगे हैं। उन्होंने कहाकि मुझे यह व्यवस्था पसंद आई, क्योंकि यह मुझे आश्वस्त करती हैकि मेरी बुनियाद मजबूत है। प्रधानमंत्री ने आगे के सुधार केलिए वैश्विक स्तरपर कार्यकलाप की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहाकि अब वैश्विक दृष्टिकोण और संदर्भ द्वारा हमारे सभी कार्यों को रेखांकित किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि जी20 के दौरान एक लाख प्रमुख निर्णयकर्ताओं ने भारत का दौरा किया और वे भारत के पर्यटन राजदूत के रूपमें वापस गए हैं। उन्होंने कहाकि इस पर्यटन राजदूतरूपी परिघटना का बीजारोपण जमीनी स्तर के अधिकारियों के अच्छे काम से हुआ है। उन्होंने कहाकि यह समय पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का है। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से बातचीत की और उनके अनुभव सुने। इस बातचीत में लगभग 3000 लोगों ने भाग लिया, जिन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता में योगदान दिया है। इसमें विशेष रूपसे वे लोग शामिल थे, जिन्होंने शिखर सम्मेलन के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने केलिए जमीनी स्तरपर काम किया है, जिनमें विभिन्न मंत्रालयों के सफाईकर्मी, ड्राइवर, वेटर और अन्य कर्मचारी शामिल हैं। बातचीत में विभिन्न विभागों के मंत्री और अधिकारी भी शामिल हुए।

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