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Thursday 12 October 2023 04:59:18 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो संदेश से आज देशभर के कौशल विकास संस्थानों के संयुक्त दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा हैकि कौशल विकास का यह उत्सव अपने आपमें अद्वितीय है और देशभर के कौशल विकास संस्थानों का संयुक्त दीक्षांत समारोह का आयोजन बहुतही सराहनीय पहल है। उन्होंने कहाकि कौशल दीक्षांत समारोह आज के भारत की प्राथमिकताओं को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी के माध्यम से इस आयोजन से जुड़े हजारों युवाओं की उपस्थिति को स्वीकार करते हुए सभी युवाओं को शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने स्मार्ट और कुशल जनशक्ति समाधान प्रदान करने केलिए भारत को दुनिया में कुशल जनशक्ति का सबसे बड़ा केंद्र बनाने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत में कौशल विकास का दायरा लगातार बढ़ रहा है, हम केवल मैकेनिकों, इंजीनियरों, प्रौद्योगिकी या किसी अन्य सेवा तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने कहाकि सीखने, सिखाने और आगे बढ़ने की प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए। उन्होंने उल्लेख कियाकि महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रौद्योगिकी केलिए तैयार किया जा रहा है। उन्होंने पीएम विश्वकर्मा योजना का उल्लेख किया, जो विश्वकर्माओं को अपने पारंपरिक कौशल को आधुनिक तकनीक और उपकरणों केसाथ जोड़ने में सक्षम बनाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसीभी देश की ताकत जैसे उसके प्राकृतिक या खनिज संसाधनों या उसकी लंबी तटरेखाओं का उपयोग करने में युवाओं की शक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला और कहाकि देश मजबूत युवाशक्ति केसाथ अधिक विकसित होता है, जिससे देश के संसाधनों केसाथ न्याय होता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज समान सोच भारत के युवाओं को सशक्त बना रही है, जो पूरे इको-सिस्टम में अभूतपूर्व सुधार कर रही है, इसमें देश का दृष्टिकोण दोतरफा है। उन्होंने बतायाकि भारत अपने युवाओं को कौशल और शिक्षा के माध्यम से नए अवसरों का लाभ उठाने केलिए तैयार कर रहा है। प्रधानमंत्री ने इसके लिए भारत की युवा आबादी को श्रेय देते हुए कहाकि दुनिया इस बात पर विश्वास कररही हैकि यह सदी भारत की सदी होगी, जब दुनिया के कई देशों में बुजुर्गों की आबादी बढ़ रही है, भारत हर गुजरते दिन केसाथ युवा हो रहा है, भारत को इसका बहुत बड़ा फायदा है। उन्होंने कहाकि दुनिया कुशल युवाओं केलिए भारत की ओर देख रही है। उन्होंने बतायाकि ग्लोबल स्किल मैपिंग को लेकर भारत के प्रस्ताव को हालही में जी20 शिखर सम्मेलन में स्वीकार किया गया था, जिससे आनेवाले समय में युवाओं केलिए बेहतर अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने किसीभी अवसर को बर्बाद न करने का सुझाव दिया और आश्वासन दियाकि सरकार इस उद्देश्य का समर्थन करने केलिए तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछली सरकारों में कौशल विकास केप्रति उपेक्षा की ओर इशारा करते हुए कहाकि हमारी सरकार ने कौशल के महत्व को समझा, इसके लिए एक अलग मंत्रालय बनाया और अलग बजट आवंटित किया। उन्होंने रेखांकित कियाकि भारत अपने युवाओं के कौशल में पहले से कहीं अधिक निवेश कर रहा है और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का उदाहरण दिया, जिसने युवाओं को जमीनी स्तरपर मजबूत किया है। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रकाश डाला, जो लगभग 4 दशक केबाद स्थापित की गई है। प्रधानमंत्री ने उल्लेख कियाकि सरकार बड़ी संख्या में नए मेडिकल कॉलेज और आईआईटी, आईआईएम या आईटीआई जैसे कौशल विकास संस्थान स्थापित कर रही है। उन्होंने उन करोड़ों युवाओं का उल्लेख किया, जिन्हें प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना केतहत प्रशिक्षित किया गया है, दूसरी ओर रोज़गार प्रदान करने वाले पारंपरिक क्षेत्रों को भी मजबूत किया जा रहा है, जबकि रोज़गार और उद्यमिता को बढ़ावा देनेवाले नए क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जारहा है। प्रधानमंत्री ने भारत में माल निर्यात, मोबाइल निर्यात, इलेक्ट्रॉनिक निर्यात, सेवा निर्यात, रक्षा निर्यात और विनिर्माण में नए रिकॉर्ड बनाने और अंतरिक्ष, स्टार्टअप, ड्रोन, एनीमेशन, इलेक्ट्रिक वाहन, अर्धचालक जैसे कई क्षेत्रों में युवाओं केलिए बड़ी संख्या में नए अवसर पैदा करने का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने बतायाकि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना केतहत अबतक करीब 1.5 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने कहाकि औद्योगिक समूहों के पास नए कौशल केंद्र भी स्थापित किए जा रहे हैं, जो उद्योग को कौशल विकास संस्थानों केसाथ अपनी आवश्यकताओं को साझा करने में सक्षम बनाएंगे, जिससे बेहतर रोज़गार के अवसरों केलिए युवाओं केबीच आवश्यक कौशल समूह विकसित होंगे। स्किलिंग, अपस्किलिंग और री-स्किलिंग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने नौकरियों की तेजी से बदलती मांगों और प्रकृति पर ध्यान दिया तथा तदनुसार कौशल को उन्नत करने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि उद्योग, अनुसंधान और कौशल विकास संस्थानों केलिए वर्तमान समय के अनुरूप सामंजस्य होना बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि पिछले 9 वर्ष में देश में लगभग 5 हजार नए आईटीआई स्थापित किए गए हैं, जिसमें 4 लाख से अधिक नई आईटीआई सीटें शामिल हैं। उन्होंने उल्लेख कियाकि सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों केसाथ कुशल और उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से संस्थानों को मॉडल आईटीआई के रूपमें उन्नत किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था का विस्तार हो रहा है, युवाओं केलिए नई संभावनाएं पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहाकि भारत में रोज़गार सृजन नई ऊंचाई पर पहुंच गया है और एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार भारत में बेरोजगारी दर 6 साल में सबसे निचले स्तर पर है। प्रधानमंत्री ने कहाकि विकास का लाभ गांवों और शहरों दोनों तक समान रूपसे पहुंच रहा है, और इसके परिणामस्वरूप गांवों और शहरों दोनों में नए अवसर समान रूपसे बढ़ रहे हैं। उन्होंने भारत के कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी में अभूतपूर्व वृद्धि का भी जिक्र किया और महिला सशक्तिकरण के संबंध में पिछले वर्षों में भारत में शुरू की गई योजनाओं और अभियानों के प्रभाव को श्रेय दिया। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के जारी हालिया आंकड़ों के हवाले से प्रधानमंत्री ने बतायाकि भारत आनेवाले वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। उन्होंने भारत को दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में ले जाने के अपने संकल्प को भी याद किया और कहाकि आईएमएफ को भी भरोसा हैकि अगले 3-4 वर्ष में भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा। उन्होंने रेखांकित कियाकि इससे देश में रोज़गार और स्वरोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे।