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Sunday 15 October 2023 12:46:30 PM
नई दिल्ली/ कोलंबो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के नागपट्टिनम और श्रीलंका के कांकेसनथुरई केबीच नौका सेवाओं का शुभारंभ किया और वीडियो संदेश के जरिए कहाकि भारत-श्रीलंका राजनयिक और आर्थिक संबंधों की दिशा में एक नए अध्याय का शुभारंभ कर रहे हैं और नागपट्टिनम एवं कांकेसनथुरई केबीच नौका सेवाओं की शुरूआत दोनों देशों केबीच संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में मील का पत्थर है। भारत और श्रीलंका केबीच संस्कृति, वाणिज्य और सभ्यता के साझा इतिहास को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि नागपट्टिनम और इससे जुड़े हुए आसपास के शहर श्रीलंका सहित कई देशों केसाथ समुद्री व्यापार केलिए जाने जाते रहे हैं और प्राचीन तमिल साहित्य में भी पूंपुहार के ऐतिहासिक बंदरगाह को प्रमुख केंद्र बताया गया है। उन्होंने पट्टिनप्पलाई और मणिमेकलाई जैसे संगम युग के साहित्य के बारेमें भी अपने विचार रखे, जिसमें दोनों देशों केबीच नौका सेवा और समुद्री जहाजों के परिचालन का वर्णन है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महानकवि सुब्रमण्यम भारती के गीत 'सिंधु नधियिन मिसाई' कोभी याद किया, जिसमें भारत-श्रीलंका को आपस में जोड़ने वाले एक पुल का वर्णन है। उन्होंने कहाकि नौका सेवा उन सभी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को जीवन देगी। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की हालकी भारत यात्रा की प्रधानमंत्री ने जानकारी दीकि इस दौरान दोनों देशों के मध्य कनेक्टिविटी की केंद्रीय विषयवस्तु केसाथ आर्थिक साझेदारी केलिए संयुक्त रूपसे एक दृष्टि पत्र को लाया गया था। उन्होंने कहाकि कनेक्टिविटी दो शहरों को साथ जोड़ने के बारेमें ही नहीं है, यह हमारे देशों कोभी नजदीक लाती है, हमारे लोग और नजदीक आते हैं एवं हमारे दिलों को भी जोड़ती है। उन्होंने कहाकि कनेक्टिविटी व्यापार, पर्यटन और लोगों केबीच संबंधों को बढ़ाती है, साथही दोनों देशों के युवाओं केलिए नए सुअवसरों का सृजन करती है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2015 में अपनी श्रीलंका यात्रा को याद किया, जब दिल्ली और कोलंबो केबीच सीधी उड़ान शुरू की गई थी। तत्पश्चात प्रधानमंत्री ने कहाकि श्रीलंका से तीर्थनगरी कुशीनगर में पहली अंतर्राष्ट्रीय उड़ान के आने का उत्सव भी मनाया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह जानकारी भी दीकि चेन्नई और जाफना केबीच सीधी उड़ान वर्ष 2019 में आरंभ की गई थी और अब नागपट्टिनम-कांकेसनथुरई केबीच नौका सेवा इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहाकि कनेक्टिविटी केलिए हमारा विजन परिवहन क्षेत्र की सीमाओं से बहुत आगे की ओर देखता है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत और श्रीलंका फिन-टेक और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला में सहयोग देते हैं। यह उल्लेख करते हुएकि यूपीआई के कारण डिजिटल भुगतान भारत में एक जन आंदोलन और जीवन जीने का एक तरीका बन गया है उन्होंने बतायाकि दोनों देशों की सरकार यूपीआई और लंका-पे को एकसाथ जोड़कर फिन-टेक क्षेत्र कनेक्टिविटी पर कार्य कर रही हैं। उन्होंने ऊर्जा सुरक्षा और विश्वसनीयता बढ़ाने केलिए दोनों देशों केबीच ऊर्जा ग्रिड को जोड़ने के बारेमें भी बताया, क्योंकि ऊर्जा सुरक्षा भारत और श्रीलंका दोनों की विकास यात्रा केलिए जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहाकि प्रगति और विकास केलिए साझेदारी भारत-श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंधों के सबसे मजबूत आधार स्तंभों में से एक है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारा विजन विकास को सभी तक ले जाना है, किसी कोभी इससे वंचित नहीं रखना है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि श्रीलंका में भारत की सहायता से कार्यांवित परियोजनाओं ने लोगों के जीवन को नया रूप दिया है। उन्होंने जानकारी दीकि उत्तरी प्रांत में आवास, जल, स्वास्थ्य और आजीविका सहायता से संबंधित कई परियोजनाएं पूरी हो गई हैं और कांकेसनथुरई बंदरगाह के प्रगतिकरण केलिए समर्थन देने में प्रसन्नता व्यक्त की। नरेंद्र मोदी ने कहाकि चाहे उत्तर से दक्षिण को जोड़ने वाली रेलवे लाइनों की बहाली हो, प्रतिष्ठित जाफना सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण, श्रीलंका में आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा शुरू करना, डिक ओया में मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल हम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के विजन केसाथ कार्य कर रहे हैं। हालही में भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन का जिक्र करके प्रधानमंत्री ने वसुधैव कुटुम्बकम के भारत के विजन पर भी प्रकाश डाला, जिसका अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने हार्दिक स्वागत किया है। उन्होंने रेखांकित कियाकि इस विजन का एक हिस्सा पड़ोसी देशों केसाथ प्रगति और समृद्धि साझा करने को प्राथमिकता दे रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 सम्मेलन के दौरान भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे के शुभारंभ का भी उल्लेख किया और बतायाकि यह एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी कॉरिडोर है, जो पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आर्थिक प्रभाव का सृजन करेगा। उन्होंने बतायाकि श्रीलंका के लोग भी इससे लाभांवित होंगे, क्योंकि दोनों देशों केबीच बहुआयामी संपर्क मजबूत हुआ है। प्रधानमंत्री ने नौका सेवा के सफल शुभारंभ केलिए श्रीलंका के राष्ट्रपति, सरकार और जनता का आभार व्यक्त किया, साथही उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने रामेश्वरम और तलाईमन्नार केबीच नौका सेवा के पुनः आरंभ करने के बारेमें भी बताया। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत अपने लोगों के पारस्परिक लाभ केलिए हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में श्रीलंका केसाथ मिलकर कार्य करने केलिए प्रतिबद्ध है।