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'सुरक्षा में सजग पुलिस तंत्र बहुत जरूरी'

पुलिस स्मृति दिवस पर गृहमंत्री की शहीदों को श्रद्धांजलि

'देश वीर पुलिसकर्मियों के बलिदान को कभी नहीं भूलेगा'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 21 October 2023 03:02:39 PM

home minister pays tribute to martyrs on police memorial day

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज पुलिस स्मृति दिवस पर राष्ट्रीय पुलिस स्मारक नई दिल्ली पर जाकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। गृहमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन की शुरूआत आज़ादी से अबतक देश की आंतरिक और सीमाओं की सुरक्षा केलिए बलिदान देने वाले 36250 पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देकर की। अमित शाह ने कहाकि यह पुलिस स्मारक एक प्रतीक मात्र नहीं है, बल्कि यह हमारे पुलिसकर्मियों के बलिदान, त्याग और राष्ट्र निर्माण केप्रति उनके समर्पण की पहचान है। उन्होंने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार सभी शहीद सुरक्षा जवानों और उनके परिजनों के कल्याण केप्रति पूरी तरह से कटिबद्ध है। उन्होंने शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों से कहाकि भारत दुनिया में हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और इसकी नींव में शहीदों का बलिदान है और ये देश कभी उनके बलिदान को नहीं भुला सकेगा। अमित शाह ने कहाकि किसीभी देश की आंतरिक या सीमाओं की सुरक्षा एक सजग पुलिस तंत्र के बिना संभव नहीं है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि देश की सेवा में लगे सभी सुरक्षा कर्मियों में से सबसे कठिन ड्यूटी पुलिसकर्मियों की होती है, दिन हो या रात, सर्दी हो या गर्मी, त्यौहार हो या सामान्य दिन, पुलिसकर्मी को अपने परिवार के साथ त्यौहार मनाने का मौका नहीं मिलता। गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि देश की लंबी भू-सीमा पर जीवन के स्वर्णिम वर्ष अपने परिवार से दूर रहकर देश की सुरक्षा में बिताने और वीरता, शौर्य और बलिदान देकर देश को सुरक्षित रखने का काम हमारे पुलिसबल करते हैं। अमित शाह ने कहाकि चाहे आतंकवादियों का मुकाबला करना हो, अपराध रोकना हो, भीड़ के सामने कानून व्यवस्था बनाए रखना हो, आपदाओं और दुर्घटनाओं के समय आम नागरिकों की सुरक्षा करनी हो या कोरोनाकाल जैसे कठिन समय के दौरान पहली पंक्ति में रहकर नागरिकों की सेवा करना हो, हमारे पुलिसकर्मियों ने हर मौके पर अपने आपको साबित किया है। उन्होंने उल्लेख कियाकि 1 सितंबर 2022 से 31 अगस्त 2023 तक पिछले 1 साल में 188 पुलिसकर्मियों ने देश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को बनाए रखने केलिए ड्यूटी के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।
गृहमंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृतकाल का आह्वान किया है। उन्होंने कहाकि आज़ादी के 75 वर्ष समाप्त होने से आज़ादी की शताब्दी तकके 25 साल देश को हर क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर पहुंचाने के 25 वर्ष हैं, इसके लिए देश के 130 करोड़ लोगों ने सामूहिक और व्यक्तिगत रूपसे संकल्प लिए हैं और इन संकल्पों के संपुट से हमें दुनिया में हर क्षेत्र में शीर्ष पर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकेगा। अमित शाह ने कहाकि पिछले एक दशक में हमारे बहादुर पुलिसकर्मियों के कारण आतंकवाद, उग्रवादी हमलों, नक्सलवाद औऱ नस्लीय हिंसा में इसके सर्वोच्च स्तर से 65 प्रतिशत की कमी आई है। अमित शाह ने कहाकि विगत दिनों में एनडीआरएफ के माध्यम से अलग-अलग पुलिसबलों के जवानों ने ना केवल देश, बल्कि दुनिया में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहाकि आज जब हम आज़ादी के अमृतकाल में प्रवेश कर रहे हैं, तब मोदी सरकार 3 नए क्रिमिनल लॉ लेकर आई है, जो हमारे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को आमूलचूल रूपसे बदल देंगे।
अमित शाह ने कहाकि अंग्रेज़ों के समय बनाए गए लगभग 150 वर्ष पुराने कानूनों की जगह लेने वाले इन 3 नए कानूनों में ना सिर्फ भारतीयता दिखाई देगी, बल्कि हमारे संविधान की स्पिरिट से हर नागरिक के अधिकारों की सुरक्षा भी होगी। उन्होंने ने अदालतों में लंबित मामलों को समाप्त करने पर बल दिया और कहाकि पुलिस टेक्नोलॉजी मिशन, 3 नए कानूनों और आईसीजेएस के माध्यम से आपराधिक न्याय प्रणाली में पारदर्शिता और स्पीड लाने का जो लक्ष्य हमने रखा है, उसे प्राप्त करने में हम जरूर सफल होंगे। गृहमंत्री ने कहाकि मोदी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को बरकरार रखते हुए सख्त कानून बनाए हैं और पुलिस के आधुनिकीकरण केलिए पुलिस टेक्नोलॉजी मिशन की स्थापना करके विश्व का सर्वश्रेष्ठ आतंकवादरोधी बल बनने की दिशा में कार्य किया है। उन्होंने कहाकि मोदी सरकार ने पुलिसकर्मियों के कल्याण केलिए आयुष्मान-सीएपीएफ, आवास योजना, सीएपीएफ ई-आवास वेब पोर्टल, प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना, केंद्रीय अनुग्रह राशि, विकलांगता अनुग्रह राशि, हवाई कोरियर सेवाएं और केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार में भी समयानुकूल परिवर्तन करने के प्रयास किए हैं। पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्र और केंद्रीय गृह सचिव और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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