स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 26 October 2023 11:20:35 AM
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार की एक राष्ट्र एक चुनाव समिति की दूसरी बैठक नई दिल्ली में हुई, जिसमें देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली आठ सदस्यीय समिति लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के एकसाथ चुनाव के मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श किया गया। देश में एकसाथ चुनाव कराने से संबंधित मुद्दे की समीक्षा करने और उसपर सिफारिशें देने केलिए रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय एक देश एक चुनाव समिति की दूसरी बैठक में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह, राज्यसभा के पूर्व नेता विपक्ष गुलाम नबी आज़ाद, कानून और न्याय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुनराम मेघवाल, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ सुभाष सी कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी भी उपस्थित थे। बैठक में एचएलसी के सदस्यों का स्वागत करते हुए समिति के अध्यक्ष रामनाथ कोविंद ने सदस्यों केसाथ 23 सितंबर को हुई पहली बैठक के विवरण और उसके निर्णयों पर की गई कार्रवाई की पुष्टि की।
एक देश एक चुनाव समिति के सचिव नितेन चंद्रा ने समिति सदस्यों को प्रथम बैठक में लिए गए निर्णयों पर की गई विभिन्न कार्रवाईयों से अवगत कराया। समिति को सूचित किया गयाकि पहले लिए गए निर्णय के अनुसार एचएलसी का नाम बदलकर 'एक देश एक चुनाव केलिए उच्चस्तरीय समिति' कर दिया गया है। समिति को यह भी बताया गयाकि छह राष्ट्रीय पार्टियों, तैंतीस राज्य पार्टियों और सात पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टियों को एक राष्ट्र एक चुनाव पर उनके सुझाव आमंत्रित करने केलिए पत्र भेजे गए हैं। नितेन चंद्रा ने समिति को बतायाकि एक राष्ट्र एक चुनाव केलिए वेबसाइट www.onoe.gov.in भी तैयार की गई है, जो इस विषय पर सभी प्रासंगिक जानकारी का भंडार होने के अलावा हितधारकों से बातचीत और सुझाव प्राप्त करने केलिए एक मंच प्रदान करेगी। बैठक के दौरान वेबसाइट लॉंच की गई।
भारत के विधि आयोग ने बैठक के दौरान एक राष्ट्र एक चुनाव के मुद्दे पर अपने सुझावों और दृष्टिकोणों को विस्तार से बताते हुए एक प्रस्तुति दी। विधि आयोग का प्रतिनिधित्व इसके अध्यक्ष न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी, सदस्य प्रोफेसर आनंद पालीवाल और सदस्य सचिव खेत्रबासी बिस्वाल ने किया। समिति ने सर्वसम्मति से चालू वित्तीय वर्ष-2023-24 केलिए एचएलसी केलिए बजटीय प्रावधान को मंजूरी दी, लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी का एचएलसी की सदस्यता से इस्तीफा नोट किया जैसे कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए और इनके बारे में सदस्यों से विस्तृत जानकारी साझा की।