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Friday 27 October 2023 05:49:08 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत मंडपम में इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2023 के 7वें संस्करण का उद्घाटन किया, जो 'ग्लोबल डिजिटल इनोवेशन' थीम केसाथ एशिया का सबसे बड़ा दूरसंचार, मीडिया और प्रौद्योगिकी मंच है। इसका लक्ष्य प्रमुख अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के विकासकर्ता, निर्माता और निर्यातक के रूपमें भारत की स्थिति को मजबूत बनाना है। प्रधानमंत्री ने देशभर के शैक्षणिक संस्थानों को 100 '5जी यूज केस लैब्स' का उपहार भी दिया। उन्होंने भारत मंडपम हॉल 5 में प्रदर्शनी का उद्घाटन और अवलोकन किया। उन्होंने उद्योग जगत के प्रमुखों से वार्तालाप किया। रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के अध्यक्ष आकाश मुकेश अंबानी ने नवीनतम प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा देते हुए युवा पीढ़ी के जीवन को उन्नत बनाने केलिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता की सराहना की, जिससे भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी संरचना को बल मिला है। आकाश मुकेश अंबानी ने उल्लेख कियाकि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को समावेशी, नवोन्मेषी और स्थाई बनाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के लाखों करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं।
आकाश मुकेश अंबानी ने बताया कि जिओ ने भारत के सभी 22 सर्किटों में 10 लाख से अधिक 5जी प्रकोष्ठ स्थापित किए हैं, जो समग्र 5जी वितरण में 85 प्रतिशत का योगदान देते हैं, इनमें 5जी स्टैक का रोलआउट भारतीय प्रतिभाओं ने तैयार, विकसित और निर्मित किया है। उन्होंने कहाकि 125 मिलियन उपयोगकर्ता आधार केसाथ भारत शीर्ष तीन 5जी-सक्षम देशों में से एक है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री ने पूरे देश को एकजुट किया है, इसके लिए उन्होंने जीएसटी, भारत की डिजिटल क्रांति एवं दुनिया में बनी सबसे ऊंची प्रतिमा का उदाहरण दिया। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास इंडिया मोबाइल कॉन्फ्रेंस में सभीको प्रेरणा देते हैं। आकाश मुकेश अंबानी ने सभी डिजिटल उद्यमियों, इनोवेटर्स और स्टार्टअप्स की ओर से भारत के अमृतकाल के दौरान भारत के स्वप्न को साकार करने का संकल्प किया। भारती एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने डिजिटल इंडिया के रूपमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को याद किया, जिसके कारण डिजिटल बुनियादी ढांचे का तीव्रगति से विकास हुआ है।
सुनील भारती मित्तल ने प्रधानमंत्री के जेएएम ट्रिनिटी के अभिनव दृष्टिकोण से आए परिवर्तन की जानकारी देते हुए बताया कि किस प्रकार से दुनिया भारत के डिजिटल परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहाकि भारत का डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर कई देशों केलिए द्वेष का विषय है। सुनील भारती मित्तल ने कहाकि प्रधानमंत्री के विजन का दूसरा प्रमुख स्तंभ मेक इन इंडिया है। उन्होंने पिछले एक वर्ष में विनिर्माण क्षेत्र में हुई प्रगति का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि भारत ने विनिर्माण क्षेत्र में काफी प्रगति की है, एप्पल से लेकर डिक्सन और सैमसंग से टाटा जैसी कंपनियों के साथ-साथ प्रत्येक छोटी या बड़ी कंपनी अथवा स्टार्टअप विनिर्माण क्षेत्र में शामिल है, विशेषकर डिजिटल बुनियादी ढांचे में व्यापक स्तर पर प्रगति के मामले में भारत एक विनिर्माण राष्ट्र के रूपमें एक वैश्विक प्रमुख के रूपमें उभरा है। उन्होंने कहाकि 5000 कस्बों और 20000 गांव में एयरटेल 5जी रोलआउट पहले ही हो चुका है और मार्च 2024 तक वे पूरे देश को इसमें शामिल कर लेंगे। उन्होंने कहाकि सही मायने में यह विश्व में सर्वाधिक तेजी से होने वाला 5जी रोलआउट होगा।
आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने भारत के डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व केलिए उनको धन्यवाद दिया और डिजिटल समावेशन के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता की सराहना की, जो 'अंत्योदय' के सिद्धांत में निहित है, जहां सभी केलिए लाभ सुनिश्चित किया जाता है। उन्होंने डिजिटल विकास में भारत की वृद्धि का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को दिया, जिसे वैश्विक मान्यता भी मिली है। कुमार मंगलम बिड़ला ने कहाकि प्रधानमंत्री के विजन से प्रेरणा लेते हुए भारत ग्लोबल साउथ के प्रमुख के रूपमें उभरा है। उन्होंने कहाकि बहुत से देश भारत की अग्रणी सार्वजनिक बुनियादी संरचना व्यवस्थाओं जैसे-पहचान, भुगतान और डेटा प्रबंधन को अपनाने को उत्सुक हैं। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने में वोडाफोन आइडिया एक उत्तरदायी भागीदार बनने केलिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने उल्लेख कियाकि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में भारत 6जी जैसे क्षेत्रों में भविष्य की प्रौद्योगिकियों केलिए मानकों के विकास में सक्रिय रूपसे कार्यकर रहा है। उन्होंने इसमें सरकार के पूर्ण समर्थन केलिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद भी दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहाकि 21वीं सदी के बदलते समय में इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2023 के 7वें संस्करण का आयोजन करोड़ों लोगों का जीवन बदलने की क्षमता रखता है। प्रौद्योगिकी की तीव्र गति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि इसका भविष्य अभी और भी उज्जवल है। उन्होंने दूरसंचार, प्रौद्योगिकी और कनेक्टिविटी में भविष्य की झलक दिखाती प्रदर्शनी की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने 6जी, एआई, साइबर सुरक्षा, सेमीकंडक्टर, ड्रोन अथवा अंतरिक्ष क्षेत्र, गहरे समुद्र, हरित तकनीक जैसे क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए कहाकि भविष्य पूरी तरह से बदलने वाला है और यह प्रसन्नता का विषय हैकि हमारी युवा पीढ़ी तकनीकी क्रांति का नेतृत्व कर रही है। प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि पिछले वर्ष भारत में 5जी का शुभारंभ शेष दुनिया केलिए एक आश्चर्य था। उन्होंने कहाकि भारत 5जी की सफलता के बाद रुका नहीं और इसे प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने का काम किया गया। उन्होंने कहाकि भारत 5जी की शुरूआत के चरण से 5जी की सबतक पहुंच की चरण तक पहुंच गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि 5जी रोलआउट के एक वर्ष के भीतर भारत में 4 लाख 5जी बेस स्टेशनों का विकास किया गया है और यह 97 प्रतिशत से अधिक शहरों और 80 प्रतिशत आबादी को कवर करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि एक वर्ष के भीतर औसत मोबाइल ब्रॉडबैंड स्पीड की गति 3 गुना बढ़ गई है, ब्रॉडबैंड स्पीड के मामले में भारत 118वें स्थान से 43वें स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहाकि भारत न केवल देश में 5जी नेटवर्क का विस्तार कर रहा है, बल्कि 6जी में अग्रणी बनने पर भी बल दे रहा है। प्रधानमंत्री ने 2जी के दौरान हुए घोटाले की ओर इशारा करते हुए कहाकि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में शुभारंभ किए गए 4जी नेटवर्क का विकास पूर्ण पारदर्शी तरीके से किया गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत 6जी तकनीक केसाथ अग्रणी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहाकि रैंकिंग और संख्या से परे इंटरनेट कनेक्टिविटी और स्पीड में सुधार से जीवन सुलभ बनता है। उन्होंने शिक्षा, चिकित्सा, पर्यटन और कृषि में बेहतर कनेक्टिविटी और गति के लाभों की भी जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने कहाकि हम लोकतंत्रीकरण की शक्ति में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहाकि विकास का लाभ प्रत्येक वर्ग और क्षेत्र तक पहुंचे साथही भारत के संसाधनों का लाभ सभीको मिले, हर किसी को सम्मान का जीवन मिले और तकनीक का लाभ हर किसी तक पहुंचे, सरकार इस दिशा में तेजीसे कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि उनके लिए यह सबसे बड़ा सामाजिक न्याय है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि पूंजी, संसाधनों और प्रौद्योगिकी तक पहुंच हमारी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने उल्लेख किया कि मुद्रा योजना के तहत संपार्श्विक-मुक्त ऋण, शौचालयों तक पहुंच और जेएएम ट्रिनिटी के माध्यम से डीबीटी में एक बात समान हैकि वे आम नागरिकों को मिलने वाले अधिकारों को सुनिश्चित कर रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में दूरसंचार प्रौद्योगिकी की भूमिका का उल्लेख करते हुए और भारत नेट की जानकारी दी, जिसने लगभग 2 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ दिया है और 10000 अटल टिंकरिंग लैब लगभग 75 लाख बच्चों को अत्याधुनिक तकनीक से परिचित करा रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त कीकि आज शुभारंभ की गई 5G यूज लैब्स भी अत्यधिक प्रभावी सिद्ध होंगी। उन्होंने कहाकि ये प्रयोगशालाएं युवाओं को बड़े सपने देखने केलिए प्रेरित करती हैं और उन्हें हासिल करने का आत्मविश्वास देती हैं। प्रधानमंत्री ने जोर दियाकि भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम ने पिछले कुछ वर्षों में दुनिया में अपने लिए एक महत्वपूर्ण जगह बनाई है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत ने काफी कम समय में 100 यूनिकॉर्न बना लिया है और अब यह दुनिया के शीर्ष 3 स्टार्टअप इकोसिस्टम में से एक बन चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि 2014 से पहले भारत में बहुत कम स्टार्टअप थे, जबकि आज यह संख्या लगभग एक लाख हो गई है।
स्टार्टअप्स को देश में सहायता प्रदान करने केलिए भारतीय मोबाइल कांग्रेस की एक पहल 'एस्पायर' कार्यक्रम का भी उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि इस पहल से भारत के युवाओं को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहाकि भारत की यात्रा को याद रखा जाना चाहिए। पुरानी प्रौद्योगिकी से होने वाली कठिनाइयों को याद करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहाकि अतीत की सरकारें भी ऐसी ही स्थिति में थीं। प्रधानमंत्री ने एक पुराने मोबाइल उपकरण का उदाहरण देते हुए पिछली सरकारों के पुराने तरीकों पर भी निशाना साधा, जिनकी कमांड काम नहीं करती थी। उन्होंने कहाकि 2014 के बाद लोगों ने पुरानी तकनीकों का उपयोग बंद कर दिया है और अब बैटरी बदलना या सिस्टम को फिर से प्रारंभ करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि भारत मोबाइल फोन का आयातक हुआ करता था, जबकि आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता बन गया है। पिछली सरकारों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के मामले में दूरदर्शिता की कमी को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहाकि भारत आज देश में निर्मित लगभग दो लाख करोड़ रुपये मूल्य के इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात कर रहा है। उन्होंने गूगल द्वारा भारत में पिक्सल फोन बनाने की हालिया घोषणा की भी जानकारी दी। उन्होंने कहाकि सैमसंग फोल्ड फाइव और एप्पल आईफोन 15 का निर्माण पहले से ही देश में किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र की इस सफलता को और भी प्रगति की ओर अग्रसर करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहाकि तकनीकी इकोसिस्टम में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों की सफलता केलिए यह महत्वपूर्ण हैकि हम भारत में एक मजबूत सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षेत्र का निर्माण करें। उन्होंने कहाकि सेमीकंडक्टर के विकास के लिए 80 हजार करोड़ रुपये की पीएलआई योजना जारी है, आज दुनियाभर की सेमीकंडक्टर कंपनियां भारतीय कंपनियों केसाथ मिलकर सेमीकंडक्टर को तैयार करने और परीक्षण सुविधाओं में निवेश कर रही हैं। उन्होंने कहाकि भारत का सेमीकंडक्टर मिशन न केवल अपनी घरेलू मांग बल्कि दुनिया की आवश्यकताओं को भी पूरा करने के दृष्टिकोण केसाथ आगे बढ़ रहा है। विकासशील राष्ट्र को विकसित बनानेवाले कारकों में प्रौद्योगिकी की प्रधानता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि डिजिटल प्रौद्योगिकी के विकास में भारत किसीभी विकसित देश से पीछे नहीं है। विभिन्न क्षेत्रों को प्रौद्योगिकी से जोड़ने की पहलों को सूचीबद्ध करते हुए प्रधानमंत्री ने लॉजिस्टिक्स में पीएम गतिशक्ति, स्वास्थ्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और कृषि क्षेत्र में एग्री स्टैक जैसे प्लेटफार्मों का उल्लेख किया। उन्होंने वैज्ञानिक अनुसंधान, क्वांटम मिशन और राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन और स्वदेशी डिजाइन एवं प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने में भारी निवेश का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइबर सुरक्षा और नेटवर्क बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के महत्वपूर्ण पहलू का जिक्र करते हुए जी20 शिखर सम्मेलन में 'साइबर सुरक्षा के वैश्विक खतरों' का भी उल्लेख किया। संपूर्ण विनिर्माण मूल्य श्रृंखला में आत्मनिर्भरता साइबर सुरक्षा केलिए बेहद महत्वपूर्ण है इस तथ्य को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहाकि जब मूल्य श्रृंखला में सबकुछ राष्ट्रीय डोमेन से संबंधित होता है तो चाहे हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर या कनेक्टिविटी की सुरक्षा हो इसे बनाए रखना आसान हो जाता है। नरेंद्र मोदी ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस में दुनिया के लोकतांत्रिक समाजों को सुरक्षित रखने के संदर्भ में चर्चा करने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने अतीत में नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने के अवसरों को गंवाने पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने भारत के आईटी क्षेत्र का उल्लेख किया, जहां भारत ने पहले से विकसित प्रौद्योगिकियों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि 21वीं सदी का यह समय भारत के वैचारिक नेतृत्व का समय है। नरेंद्र मोदी ने विचारकों से नए डोमेन बनाने का आग्रह किया, जिनका अन्य लोग भी अनुसरण कर सकें। उन्होंने यूपीआई का उदाहरण दिया, जो आज डिजिटल भुगतान प्रणाली में पूरी दुनिया में अग्रणी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत के पास युवा जनसांख्यिकी और जीवंत लोकतंत्र की शक्ति है। उन्होंने इंडिया मोबाइल कांग्रेस के सदस्यों, विशेषकर युवा सदस्यों से इस दिशा में आगे बढ़ने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज जब हम एक विकसित भारत बनने के लक्ष्य को साकार कर रहे हैं, विचारशील समाज के रूपमें आगे बढ़ने का परिवर्तन पूरे क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। इस अवसर पर केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय संचार राज्यमंत्री देवुसिंह चौहान सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे।