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Wednesday 1 November 2023 12:10:03 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की राजधानी नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर मेरी माटी मेरा देश अभियान की अमृत कलश यात्रा के समापन कार्यक्रम में देश के हर भाग से अमृत कलश में एकत्र की गई मिट्टी से तिलक किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने अमृत वाटिका और अमृत महोत्सव स्मारक की आधारशिला रखी और देश के युवाओं केलिए 'मेरा युवा भारत'-माय भारत प्लेटफॉर्म का भी शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम केसाथ आजादी का अमृत महोत्सव समारोह भी संपंन हो गया है। प्रधानमंत्री ने शीर्ष प्रदर्शन करने वाले 3 राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों केसाथ-साथ मंत्रालयों को आजादी के अमृत महोत्सव पुरस्कार भी प्रदान किए। इनमें जम्मू-कश्मीर, गुजरात तथा संयुक्त रूपसे हरियाणा और राजस्थान तीसरे स्थान केलिए हैं, जबकि शीर्ष प्रदर्शन वाले 3 मंत्रालय विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और तीसरे स्थान पर संयुक्त रूपसे रेल मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय हैं। विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि कर्तव्य पथ सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर महायज्ञ का गवाह बना है। महात्मा गांधी की दांडी यात्रा से प्रेरित आजादी के अमृत महोत्सव की 12 मार्च 2021 को शुरुआत को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने 31 अक्टूबर 2023 को सरदार पटेल की जयंती पर आजादी के अमृत महोत्सव का समापन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आजादी के अमृत महोत्सव ने लोगों की भागीदारी का एक नया रिकॉर्ड बनाने की ओर ध्यान आकर्षित किया, दांडी मार्च ने आजादी की लौ को फिरसे प्रज्वलित किया, जबकि अमृतकाल भारत की 75 साल पुरानी विकास यात्रा का संकल्प बन रहा है। उन्होंने कहाकि आजादी का अमृत महोत्सव का 2 साल लंबा उत्सव 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान केसाथ संपन्न हो रहा है। उन्होंने स्मारक की आधारशिला रखने का भी उल्लेख किया, जो आनेवाली पीढ़ियों को ऐतिहासिक संगठन की याद दिलाएगा। उन्होंने बतायाकि ऐसे में जब हम हम एक भव्य उत्सव को अलविदा कह रहे हैं, हम माय भारत केसाथ एक नए संकल्प की शुरुआत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि 21वीं सदी में माय भारत संगठन राष्ट्र निर्माण में बड़ी भूमिका निभाएगा। उन्होंने भारतीय युवाओं की सामूहिक शक्ति की ओर इशारा करते हुए कहाकि मेरी माटी मेरा देश अभियान इस बात का जीवंत उदाहरण हैकि भारत का युवा संगठित होकर कैसे हर लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। प्रधानमंत्री ने देश के कोने-कोने से अनगिनत युवाओं की भागीदारी पर कहाकि देशभर से 8500 अमृत कलश कर्तव्य पथ पर पहुंचे, करोड़ों भारतीयों ने पंच प्राण प्रतिज्ञा ली है और अभियान की वेबसाइट पर सेल्फी अपलोड की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कवि के शब्दों का हवाला दिया और कहाकि यह उस भूमि की मिट्टी है, जहां सभ्यताएं फली-फूली हैं, मानव ने प्रगति की और यह उस युग की छाप रखती है। उन्होंने कहाकि भारत की मिट्टी में चेतना है, इसमें एक जीवन रूप है, जिसने सभ्यता के पतन को रोका है, अनेक सभ्यताएं नष्ट हो गईं, जबकि भारत अभीभी मजबूत खड़ा है। उन्होंने कहाकि भारत की मिट्टी देश के कोने-कोने से आत्मीयता और आध्यात्म, हर प्रकार से हमारी आत्मा को जोड़ती है, उन्होंने भारत की वीरता की कई गाथाओं पर प्रकाश डाला और शहीद भगत सिंह के योगदान की चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहाकि जीवन क्या है अगर वह भारत की मिट्टी का ऋण नहीं चुका रहा है। उन्होंने कहाकि दिल्ली पहुंचे हजारों अमृत कलशों की मिट्टी सभीको कर्तव्य की भावना की याद दिलाएगी और प्रत्येक को विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने केलिए प्रेरित करेगी। उन्होंने सभीसे राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि देशभर से आए पौधों को लेकर स्थापित की जानेवाली अमृत वाटिका आनेवाली पीढ़ी को एक भारत, श्रेष्ठ भारत की जानकारी देगी। प्रधानमंत्री ने दर्शकों को नए संसद भवन में जन, जननी, जन्मभूमि कला के बारेमें बताया, जिसे देश के सभी राज्यों की 75 महिला कलाकारों ने बनाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि करीब 1000 दिन तक चले आजादी के अमृत महोत्सव का सबसे सकारात्मक प्रभाव भारत की युवा पीढ़ी पर पड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि उन्होंने गुलामी नहीं देखी है और वह स्वयं आजाद भारत में पैदा हुए पहले प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहाकि एकेएएम ने लोगों को याद दिलाया हैकि विदेशी शासन के दौरान एक भी क्षण ऐसा नहीं था, जब आजादी केलिए कोई आंदोलन नहीं हुआ हो और कोईभी वर्ग या क्षेत्र इन आंदोलनों से अछूता रहा हो। प्रधानमंत्री ने कहाकि अमृत महोत्सव ने एक प्रकार से इतिहास के छूटे हुए पन्नों को आनेवाली पीढ़ियों केलिए जोड़ा है। उन्होंने कहाकि भारत के लोगों ने अमृत महोत्सव को जनांदोलन बनाया। उन्होंने कहाकि हर घर तिरंगा की सफलता हर भारतीय की सफलता है, लोगों को स्वतंत्रता संग्राम में अपने परिवारों और गांवों के योगदान के बारेमें पता चला। उन्होंने कहाकि स्वतंत्रता सेनानियों का जिलावार डेटाबेस बनाया गया है। प्रधानमंत्री ने एकेएएम के दौरान भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और दुनिया की शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में भारत के उदय, चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग, जी20, एशियाई खेलों और एशियाई पैरा खेलों में 100 से अधिक पदक का ऐतिहासिक रिकॉर्ड, नए संसद भवन का उद्घाटन, नारी शक्ति वंदन अधिनियम, निर्यात, कृषि उपज में नए रिकॉर्ड, वंदे भारत ट्रेन नेटवर्क का विस्तार, अमृत भारत स्टेशन अभियान की शुरुआत, देश की पहली क्षेत्रीय रैपिड ट्रेन नमो भारत, 65000 से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण, मेड इन इंडिया 5जी और कनेक्टिविटी में सुधार केलिए पीएम गतिशक्ति मास्टरप्लान की शुरूआत का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमने गुलामी के कई प्रतीकों को हटा दिया है, इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष बोस की प्रतिमा, नौसेना के नए प्रतीक चिन्ह, अंडमान और निकोबार के द्वीपों के प्रेरक नाम, जनजातीय गौरव दिवस की घोषणा, साहिबजादे की स्मृति में वीर बाल दिवस और हर साल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका दिवस मनाने जैसे निर्णय लिए हैं। प्रधानमंत्री ने संस्कृत के एक श्लोक की व्याख्या करते हुए कहाकि किसी चीज का अंत हमेशा कुछ नए की शुरुआत का प्रतीक होता है। उन्होंने अमृत महोत्सव के समापन केसाथ माय भारत के शुभारंभ का उल्लेख किया और कहाकि माय भारत भारत की युवा शक्ति का उद्घोष है, यह देश के प्रत्येक युवा को एक मंच पर लाने और राष्ट्र निर्माण की दिशा में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने का एक बड़ा माध्यम बनेगा। उन्होंने माय भारत वेबसाइट की जानकारी दी और कहाकि युवाओं के लिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों को इसपर शामिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने युवाओं से आग्रह कियाकि वे ज्यादा से ज्यादा इससे जुड़ें, भारत को नई ऊर्जा से भरें और देश को आगे बढ़ाएं।
प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत की आजादी प्रत्येक नागरिक के सामान्य संकल्पों की पूर्ति है और एकता केसाथ इसकी रक्षा करने का आग्रह किया। उन्होंने 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के संकल्प का जिक्र करते हुए कहाकि आजादी के 100 साल पूरे होने पर देश इस खास दिन को याद रखेगा। प्रधानमंत्री ने प्रयासों को तेज करने का आग्रह करते हुए कहाकि हमने जो संकल्प लिया, आनेवाली पीढ़ी से जो वादे किए, उन्हें पूरा करना होगा।' उन्होंने कहाकि विकसित देश बनने के लक्ष्य को हासिल करने केलिए प्रत्येक भारतीय का योगदान महत्वपूर्ण है, आइए हम अमृत महोत्सव के माध्यम से विकसित भारत के अमृतकाल की एक नई यात्रा शुरू करें। इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी एवं राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी और विधि एवं कानून मंत्री भी उपस्थित थे।