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Tuesday 14 November 2023 06:19:39 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने 1 से 30 नवंबर 2023 तक देशभर के 100 शहरों में 500 स्थानों पर राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 2.0 लॉंच कर दिया है। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग पेंशनभोगियों के जीवनयापन में सुगमता को बढ़ाने केलिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र यानी जीवन प्रमाण को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित कर रहा है। गौरतलब हैकि वर्ष 2014 में बायोमेट्रिक उपकरणों का उपयोग करके डीएलसी जमा करना शुरू किया गया था, इसके बाद पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने आधार डेटाबेस पर आधारित फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी सिस्टम विकसित करने केलिए इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा यूआईडीएआई केसाथ कार्य किया, जिससे किसीभी एंड्रॉइड आधारित स्मार्ट फोन से जीवन प्रमाण जमा करना संभव हो सके, इसके अनुसार फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के माध्यम से किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित की जाती है और डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जेनरेट किया जाता है।
पेंशनभोगियों की बाहरी बायोमीट्रिक उपकरणों पर निर्भरता को नवंबर 2021 में लॉंच की गई इस महत्वपूर्ण तकनीक ने आसान कर दिया और स्मार्टफोन आधारित तकनीक का लाभ उठाकर यह प्रक्रिया जनता केलिए और अधिक सुलभ एवं किफायती बन गई है। डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने केलिए डीएलसी/ फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के उपयोग केलिए केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों केसाथ पेंशन वितरण प्राधिकरणों केबीच जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से पेंशन तथा पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने नवंबर 2022 में देश के 37 शहरों में राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया था। केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के 35 लाख से अधिक डीएलसी जेनरेट होने केसाथ यह अभियान बहुत सफल रहा। अभियान में 17 पेंशन वितरण बैंकों, मंत्रालयों/ विभागों, पेंशनभोगी कल्याण संघों, यूआईडीएआई तथा इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से 50 लाख पेंशनभोगियों को लक्षित किया गया है।
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग कार्यालयों और बैंक शाखाओं, एटीएम में रणनीतिक रूपसे लगाए गए बैनर पोस्टर के जरिए डीएलसी फेस प्रमाणीकरण तकनीक के बारेमें सभी पेंशनभोगियों केबीच जागरुकता पैदा करने के हर संभव प्रयास कर रहा है। बैंकों ने अपनी शाखाओं में समर्पित कर्मचारियों की एक टीम बनाई है, कर्मचारियों ने अपने एंड्रॉइड फोन में वांछित ऐप डाउनलोड किए हैं, जो पेंशनभोगियों के जीवन प्रमाणपत्र जमा करने केलिए इस तकनीक का बड़े पैमाने पर उपयोग कर रहे हैं। यदि पेंशनभोगी वृद्धावस्था, बीमारी या कमजोरी के कारण शाखाओं का दौरा करने में सक्षम नहीं हैं तो बैंक अधिकारी इस कार्य केलिए उनके घर या अस्पताल भी जा रहे हैं। पेंशनभोगी कल्याण संघों ने अभियान को अपना पूरा समर्थन दिया है, उनके प्रतिनिधि पेंशनभोगियों को निकटतम शिविर स्थानों पर जाकर अपनी डीएलसी जमा करने केलिए प्रेरित कर रहे हैं।
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के अधिकारी भी पेंशनभोगियों को उनके जीवन प्रमाणपत्र जमा करने केलिए विभिन्न डिजिटल तरीकों के उपयोग में सहायता करने और प्रगति की निकट से निगरानी करने केलिए देशभर में प्रमुख स्थानों पर जा रहे हैं। देशभर में हितधारकों विशेषकर बीमार या अत्यंत वृद्ध पेंशनभोगियों केबीच इस पहल से काफी उत्साह देखा गया है। इसके फलस्वरूप चालू वित्तीय वर्ष में अभियान के शुभारंभ के दूसरे सप्ताह के अंततक 25 लाख से अधिक डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र तैयार किए गए हैं, जिनमें से 90 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 14500 पेंशनभोगी और 80-90 वर्ष की आयु केबीच के 193601 पेंशनभोगी हैं। वे अपने घर, स्थान, कार्यालयों या शाखाओं से अपनी डीएलसी जमा कर सकते हैं। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं, जहां एक महीने तक चलने वाले अभियान के दूसरे सप्ताह में 6.25 लाख डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र तैयार किए गए हैं।