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Thursday 16 November 2023 02:47:21 PM
जकार्ता (इंडोनेशिया)। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज इंडोनेशिया में आसियान रक्षा मंत्रियों की 10वीं मीटिंग प्लस में आसियान की महत्वपूर्ण स्थिति को स्वीकार करते हुए क्षेत्र में बातचीत एवं सर्वसम्मति को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका की सराहना की। उन्होंने समुद्री कानून पर संयुक्तराष्ट्र समझौता-1982 सहित अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय जल में नौवहन, हवाई उड़ान और निर्बाध वैध व्यापार की स्वतंत्रता केलिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। रक्षामंत्री ने क्षेत्रीय सुरक्षा पहलों का आह्वान किया, जो विभिन्न हितधारकों केबीच व्यापक सहमति को प्रतिबिंबित करने केलिए परामर्शी और विकासोन्मुख हों। उन्होंने क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने केलिए एडीएमएम-प्लस केसाथ व्यावहारिक, दूरदर्शी और परिणामोन्मुखी सहयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि संघर्षों से मानव जीवन की हानि होती है, आजीविका नष्ट होती है, क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्तरपर स्थिरता में बाधा आती है और इसका खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा आदि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहाकि आसियान और प्लस देशों केसाथ काम करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई, ताकि शांति, समृद्धि और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके, जो इस वर्ष के एडीएमएम प्लस केलिए एक उपयुक्त विषय है। उन्होंने शांति पर महात्मा गांधी के प्रसिद्ध उद्धरण 'शांति का कोई रास्ता नहीं है, केवल शांति है' का हवाला दिया। रक्षामंत्री ने स्थायी शांति और वैश्विक स्थिरता सुनिश्चित करने केलिए बातचीत और कूटनीतिक भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने दुनियाभर में भारत के संदेश की पुष्टि कीकि 'यह युद्ध का युग नहीं है और हम बनाम वे' मानसिकता को छोड़ने की अनिवार्यता के बारेमें बात की।
राजनाथ सिंह ने भारत-आसियान गतिविधियों विशेष रूपसे संयुक्तराष्ट्र शांति अभियानों में महिलाओं केलिए पहल और समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण नियंत्रण केलिए आसियान सदस्य देशों की उत्साहपूर्ण भागीदारी सराही। उन्होंने इस साल मई में हुए पहले आसियान-भारत समुद्री अभ्यास केसाथ मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों पर विशेषज्ञ कार्यसमूह में आसियान सदस्य देशों की सक्रिय भागीदारी का भी उल्लेख किया, जिसमें वर्तमान 2020-2023 चक्र में भारत और इंडोनेशिया सहअध्यक्ष हैं। रक्षामंत्री ने कहाकि आतंकवाद आसियान क्षेत्र सहित अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा केलिए एक गंभीर खतरा है और भारत ने आतंकवाद से निपटने पर ईडब्ल्यूजी की सहअध्यक्षता करने का प्रस्ताव रखा, जिसका एडीएमएम प्लस ने समर्थन किया, क्योंकि आतंकवाद इस क्षेत्र के देशों केलिए एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।