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Thursday 30 November 2023 11:40:46 AM
नई दिल्ली। भारत सरकार और मणिपुर सरकार ने घाटी स्थित मणिपुर के सबसे पुराने हथियारबंद समूह यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) केसाथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यूएनएलएफ का गठन 1964 में हुआ था और यह भारतीय क्षेत्र के भीतर और बाहर दोनों जगह काम कर रहा है। यह समझौता पूरे पूर्वोत्तर विशेषकर मणिपुर में शांति के एक नए युग की शुरूआत को बढ़ावा देने वाला है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसे ऐतिहासिक बताया और एक्स पर अपने पोस्ट में कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सर्व समावेशी विकास के दृष्टिकोण को साकार करने और पूर्वोत्तर भारत में युवाओं को बेहतर भविष्य प्रदान करने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि वे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में यूएनएलएफ का स्वागत करते हैं और शांति एवं प्रगति के पथ पर उनकी यात्रा केलिए उन्हें शुभकामनाएं देते हैं। गौरतलब हैकि भारत सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में उग्रवाद समाप्त करने और विकास को बढ़ावा देने केलिए 2014 से पूर्वोत्तर के कई सशस्त्र समूहों केसाथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत सरकार की संघर्ष समाधान पहल के हिस्से के रूपमें उत्तरपूर्व के कई जातीय सशस्त्र समूहों केसाथ राजनीतिक समझौतों को अंतिम रूप दिया गया है, ये पहलीबार है, जब उत्तरपूर्व घाटी में मणिपुरी हथियारबंद समूह हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटकर भारत के संविधान और कानून का सम्मान करने पर सहमत हुआ है।
मणिपुरी सशस्त्र समूह से शांति समझौता न केवल यूएनएलएफ और सुरक्षाबलों केबीच विरोध को समाप्त करेगा, जिसने पिछली आधी शताब्दी से अधिक समय से दोनों पक्षों की ओर से बहुमूल्य ज़िंदगियां तक लेली हैं, बल्कि समुदाय की दीर्घकालिक चिंताओं को दूर करने का अवसर भी प्रदान करेगा। देश के विकास और समृद्धि की मुख्यधारा में यूएनएलएफ की वापसी से आशा व्यक्त की गई हैकि घाटी के अन्य सशस्त्र समूह भी आनेवाले समय में शांति प्रक्रिया में भाग लेने केलिए प्रोत्साहित होंगे। सहमत जमीनी नियमों के कार्यांवयन की निगरानी केलिए एक शांति निगरानी समिति का गठन किया जाएगा। यह समझौता राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। नई दिल्ली में हुए इस समझौते पर केंद्रीय गृह मंत्रालय और मणिपुर सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए।