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'विकसित भारत युवाओं की आवाज़'

युवाओं की आवाज़ पर राज्यपालों की कार्यशालाएं

भारत के लिए यही समय सही समय है-प्रधानमंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 11 December 2023 06:16:02 PM

'voice of the youth of developed india'

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए आज 'विकसित भारत@2047: युवाओं की आवाज़' का शुभारंभ किया और देशभर के राजभवनों में आयोजित कार्यशालाओं में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, संस्थानों के प्रमुखों और संकाय सदस्यों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने विकसित भारत कार्यक्रम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कार्यशाला आयोजित करने केलिए राज्यपालों को धन्यवाद देते हुए कहाकि विकसित भारत के संकल्प को लेकर आजका दिन विशेष है। उन्होंने विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को पूरा करने में देश के युवाओं का मार्गदर्शन करने की जिम्मेदारी संभालने वाले हितधारकों को एकसाथ लाने में उनके योगदान की सराहना की। प्रधानमंत्री ने किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर प्रकाश डाला और कहाकि कोई देश अपने लोगों के विकास से ही विकसित होता है। उन्होंने युवाओं की आवाज़ कार्यशाला की सफलता केलिए शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इसी भावना केसाथ सरकार देश के हर युवा को विकसित भारत की कार्ययोजना से जोड़ना चाहती है। प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के निर्माण केलिए देश के युवाओं की आवाज़ को नीतिगत रणनीति में ढालने पर जोर दिया और युवाओं केसाथ अधिकतम संपर्क बनाए रखने वाले शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहाकि प्रगति का रोडमैप अकेले सरकार नहीं, बल्कि राष्ट्र तय करेगा, देश के प्रत्येक नागरिक की इसमें भागीदारी होगी और सक्रिय भागीदारी होगी। उन्होंने सबका प्रयास की शक्ति को उजागर करते हुए स्वच्छ भारत अभियान, डिजिटल इंडिया अभियान, कोरोना महामारी के दौरान लचीलापन और वोकल फॉर लोकल का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि सबका प्रयास सेही विकसित भारत का निर्माण होना है। इस अवसर पर उपस्थित विद्वानों से उच्च अपेक्षाओं को दोहराते हुए उन्होंने कहाकि वे ही देश के विकास के दृष्टिकोण को आकार और युवा शक्ति को दिशा देते हैं। प्रधानमंत्री ने यह कहते हुए अपने संबोधन का समापन कियाकि यह देश का भविष्य लिखने का एक महान अभियान है। उन्होंने शिक्षाविदों से विकसित भारत की भव्यता को और बढ़ावा देने केलिए सुझाव देने का भी आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने कहाकि किसीभी राष्ट्र के जीवन में इतिहास एक मौका देता है, जब राष्ट्र अपनी विकास यात्रा में तेजीसे प्रगति कर सकता है, भारत में अमृतकाल चल रहा है और यह भारत के इतिहास का वह कालखंड है, जब देश एक लंबी छलांग लगाने जा रहा है। उन्होंने आसपास के कई देशों का उदाहरण दिया, जिन्होंने एक निर्धारित समय सीमा में इतनी लंबी छलांग लगाईकि विकसित राष्ट्र बन गए। उन्होंने कहाकि भारत केलिए यही समय है, सही समय है। उन्होंने कहाकि इस अमृतकाल के प्रत्येक क्षण का उपयोग किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने प्रेरणास्रोत के रूपमें स्वतंत्रता केलिए गौरवशाली संघर्ष को याद किया। उन्होंने कहाकि उस समय के प्रत्येक प्रयास जैसे सत्याग्रह, क्रांतिकारी पथ, असहयोग, स्वदेशी और सामाजिक तथा शैक्षिक सुधार स्वतंत्रता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम थे, उसकाल में काशी, लखनऊ, विश्व भारती, गुजरात विद्यापीठ, नागपुर विश्वविद्यालय, अन्नामलाई, आंध्र और केरल विश्वविद्यालय जैसे विश्वविद्यालयों ने राष्ट्र की चेतना को मजबूत किया, देश की आजादी केलिए समर्पित युवाओं की एक पूरी पीढ़ी सामने आई, जिसका हर प्रयास आजादी के लक्ष्य पर केंद्रित था। उन्होंने कहाकि आज हर संस्था, हर व्यक्ति को इस संकल्प केसाथ आगे बढ़ना चाहिएकि उनके हर प्रयास और कार्य विकसित भारत केलिए होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकों से कहाकि आपके लक्ष्यों, आपके संकल्पों का लक्ष्य एकही होना चाहिए-विकसित भारत। उन्होंने कहाकि शिक्षक और विश्वविद्यालय भारत को तेजगति से एक विकसित देश बनाने के तरीके खोजने पर विचार करें और एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में सुधार केलिए विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान भी करें। प्रधानमंत्री ने प्रत्येक विश्वविद्यालय के छात्रों और युवाओं की ऊर्जा को 'विकसित भारत' के सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में लगाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। नरेंद्र मोदी ने विचारों की विविधता को ध्यान में रखते हुए विकसित भारत के निर्माण की दिशा में सभी शक्तियों को जोड़ने पर जोर दिया। उन्होंने अधिक से अधिक युवाओं को इस अभियान से जोड़ने केलिए देश के हर कॉलेज और विश्वविद्यालय में विशेष अभियान चलाने का सुझाव दिया। प्रधानमंत्री ने विकसित भारत से जुड़े आइडियाज पोर्टल की लॉंचिंग का जिक्र किया और बतायाकि 5 अलग-अलग विषयों पर सुझाव दिए जा सकते हैं। उन्‍होंने बतायाकि सर्वश्रेष्ठ 10 सुझाव केलिए पुरस्कार कीभी व्यवस्था की गई है, आप अपने सुझाव मायगॉव पर भी दे सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि जैसे भारत (इंडिया) की शुरूआत आई यानी मैं से होती है, वैसीही आइडिया यानी विचार की शुरूआत भी आई यानी मैं से होती है, इसी तरह विकास के विचार भी स्वयं के मैं से शुरू होते है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अमृत पीढ़ी बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखे। उन्होंने शिक्षा और कौशल से बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया और नागरिकों केबीच राष्ट्रीय हित एवं नागरिक भावना केलिए सतर्कता का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि जब नागरिक अपनी भूमिका में अपना कर्तव्य निभाना शुरू कर देते हैं तो देश आगे बढ़ता है। उन्होंने जल संरक्षण, बिजली की बचत, खेती में कम रसायनों का उपयोग और सार्वजनिक परिवहन के उपयोग के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का उदाहरण दिया। उन्होंने शिक्षाविद् समुदाय से स्वच्छता अभियान को नई ऊर्जा देने, जीवनशैली के मुद्दों से निपटने और युवाओं द्वारा मोबाइल फोन से परे दुनिया की खोज करने के तरीके सुझाने को कहा। उन्होंने शिक्षकों से छात्रों केलिए आदर्श बनने को कहा। उन्होंने कहाकि सामाजिक सोच शासन में भी परिलक्षित होती है और उपस्थित लोगों से यहभी कहाकि डिग्री धारकों केपास कम से कम एक व्यावसायिक कौशल होना चाहिए। उन्होंने कहाकि आपको हर वर्ग, हर संस्थान और राज्यस्तर पर इन विषयों पर विचारमंथन की एक व्यापक प्रक्रिया को बढ़ाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के लक्ष्य को परीक्षा अवधि से उपमा देते हुए लक्ष्य को पूरा करने केलिए आवश्यक अनुशासन बनाए रखने में छात्रों के आत्मविश्वास, तैयारी और समर्पण केसाथ परिजनों के योगदान का भी उल्लेख किया। उन्होंने बतायाकि देश के नागरिक के रूपमें हमारे लिए भी परीक्षा की तारीख घोषित कर दी गई है, हमारे सामने 25 साल का अमृतकाल है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमें विकसित भारत के लक्ष्य केलिए 24 घंटे काम करना है, यह वह माहौल है, जिसे हमें एक परिवार के रूपमें बनाना है। देश की तेजी से बढ़ती आबादी में युवाओं की संख्या को देखते हुए उन्होंने कहाकि भारत आनेवाले 25-30 वर्ष तक कामकाजी उम्र की आबादी के मामले में अग्रणी बनने जा रहा है और दुनिया इस बात को समझती है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि युवा शक्ति बदलाव की वाहक भी है और बदलाव की लाभार्थी भी है। उन्होंने कहाकि अगले 25 साल आज के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में युवाओं के करियर केलिए निर्णायक होंगे। उन्होंने कहाकि ये युवा ही हैं, जो भविष्य में नए परिवार और नया समाज बनाएंगे, उन्हें ही यह तय करने का अधिकार हैकि एक विकसित भारत कैसा होना चाहिए।

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