Friday 22 December 2023 04:10:19 PM
दिनेश शर्मा
नई दिल्ली। कांग्रेस को परेशान करने वाली तिलमिलाने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक मुलाकात इंडी अलायंस भी नहीं पचा पा रहा है। कर्नाटक के दिग्गज राजनेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री हरदनहल्ली डोडेगौडा देवेगौड़ा, जनता दल (सेक्युलर) कर्नाटक के अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी और नेता एचडी रेवन्ना ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट के जरिए देश की प्रगति में अनुकरणीय योगदान के लिए पूर्व प्रधानमंत्री हरदनहल्ली डोडेगौडा देवेगौड़ा की सराहना की। प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट में कहा हैकि पूर्व प्रधानमंत्री श्री एचडी देवेगौड़ा, श्री एचडी कुमारस्वामी और श्री एचडी रेवन्ना से मिलकर सर्वदा प्रसन्नता होती है, मैं भारत देश की प्रगति में देवेगौड़ाजी के अनुकरणीय योगदान की बहुत सराहना करता हूं, विविध नीतिगत मामलों पर उनके विचार व्यावहारिक और भविष्यवादी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एचडी देवेगौड़ा और उनके पुत्र एचडी कुमारस्वामी आदि की यह मुलाकात कर्नाटक की राजनीति के संदर्भ में बड़ा मायने रखती है। यहां यह गौर करने वाली बात हैकि कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन की पराजय और कांग्रेस गठबंधन के सरकार बनाने के बाद बदले हुए समीकरणों में जनता दल (सेक्युलर) कर्नाटक भाजपा गठबंधन में शामिल हो गया है और यह माना जा रहा हैकि आगामी लोकसभा चुनाव में कर्नाटक में भाजपा के साथ यह गठबंधन कांग्रेस को बहुत भारी पड़ने वाला है। कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जो जीत हासिल की है, वह भाजपा नेतृत्व की एक बड़ी चूक थी, जिसमें उसने कर्नाटक के भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा की ताकत की उपेक्षा करके ऐन वक्त पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से बीएस येदियुरप्पा को हटा दिया और बसवराज सोमप्पा बोम्मई को मुख्यमंत्री बना दिया, नतीजतन कर्नाटक विधानसभा चुनाव में इस निर्णय की पराजय के रूपमें भाजपा को भारी कीमत चुकानी पड़ी।
राजनीतिक विश्लेषणकर्ता कहते आए हैं कि कर्नाटक में भाजपा के नेता बीएस येदियुरप्पा की राजनीतिक ताकत को नकारा नहीं जा सकता, भले ही उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। भाजपा हाईकमान ने बीएस येदियुरप्पा की राजनीतिक ताकत को समझने में गलती की या उसकी भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति रही हो, दोनों से ही भाजपा को नुकसान पहुंचा है। विश्लेषक मानते हैंकि भ्रष्टाचार का सामाजिककरण हो चुका है और गीता हाथ पर रखकर न राजनीति हो सकती है और न ही शासन चलाया जा सकता है। एक राजनेता को अपने कार्यकर्ताओं से तालमेल बैठाकर चलना और उनके काम करना कराना उसकी शीर्ष प्राथमिकता होती है, जिस कारण उसे अप्रिय फैसले भी लेने होते हैं, यही राजनीति कहती है। बीएस येदियुरप्पा पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, मगर भाजपा को यह भी देखना था कि सिर पर विधानसभा चुनाव को देखते हुए क्या कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन करना जोखिमभरा कदम तो नहीं होगा और क्या बसवराज सोमप्पा बोम्मई उनका मुकाबला कर भी सकेंगे? भाजपा का यह फैसला उसपर बहुत भारी पड़ा और इतना भारी पड़ाकि कांग्रेस कहने लगी हैकि भाजपा का खेल खत्म होने वाला है। कर्नाटक की वास्तविकता यह है कि यदि भाजपा हाईकमान बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री की कुर्सी से नहीं हटाता तो कांग्रेस किसी भी हालत में कर्नाटक का विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाती।
भाजपा हाईकमान का कर्नाटक चुनाव में पराजय के बाद वहां की राजनीति के संदर्भ में जनता दल (सेक्युलर) को साथ लेना न चाहकर भी उसकी मजबूरी है। यद्यपि बीएस येदियुरप्पा को भी यह एहसास हो रहा हैकि उनका विधानसभा चुनाव में चुप बैठ जाना स्वयं उनकी राजनीति के लिए भी घातक सिद्ध हुआ है और जहां तक भाजपा के बढ़ने घटने का सवाल है तो भाजपा इस स्थिति से बहुत आगे निकल गई है, जिसका प्रमाण यह हैकि हाल के तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव में मुसलमानों के एकतरफा कांग्रेस के साथ चले जाने बावजूद भाजपा ने प्रचंड जीत दर्ज की है और जहां तक तेलंगाना का प्रश्न है तो वहां पर भी भाजपा ने अपना आधार बढ़ाया ही है। यहां पर अधिकांश मुसलमान कांग्रेस के साथ गया, जिसका टीआरएस को नुकसान हुआ, लेकिन इसका मतलब यह नहीं हैकि कांग्रेस केलिए आगे भी यह स्थिति बनी रहेगी। इंडी अलायंस भी कांग्रेस के लिए कोई फायदेमंद प्लेटफार्म सिद्ध नहीं हुआ है, क्योंकि आगामी लोकसभा चुनाव तक इंडी अलायंस का बिखर जाना तय है, जिसमें मुस्लिम राजनीति भाजपा को सत्ता से खदेड़ने में केवल छटपटाकर रह जाएगी और भाजपा गठबंधन एकबार फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत से देश की सत्ता में आ जाएगा।
बीएस येदियुरप्पा की समझ में आ गया हैकि कर्नाटक में उसकी भूल आगे भी और महंगी साबित हो सकती है, क्योंकि कर्नाटक के दिग्गज राजनेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री हरदनहल्ली डोडेगौडा देवेगौड़ा, जनता दल (सेक्युलर) कर्नाटक के अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी और एचडी रेवन्ना के भाजपा गठबंधन के साथ आने से भाजपा को नए मित्र मिले हैं और उसकी ताकत में भारी इजाफा हुआ है, जिसका परिणाम लोकसभा चुनाव में दिखेगा। एक मौके पर बीएस येदियुरप्पा भी कह चुके हैंकि लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सामने कांग्रेस खड़ी नहीं हो पाएगी और उनका यह कहना इसलिए काफी हद तक सही भी हैकि वे इस चुनाव में पूरी ताकत से भाजपा का चुनाव लड़ाएंगे, विधानसभा चुनाव की तरह चुप होकर नहीं बैठेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इन नेताओं की मुलाकात ने इंडी अलायंस में और कांग्रेस में भी असहज स्थिति पैदा कर दी है, क्योंकि इस सच्चाई को सभी जानते हैं कि कर्नाटक में भाजपा गठबंधन के नए मित्रों की कोई काट कांग्रेस के पास नहीं है।