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राष्ट्र का वीर साहिबज़ादों को श्रद्धापूर्वक नमन!

'वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा हेतु कुछभी कर गुजरने का संकल्प'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'वीर बाल दिवस' पर कार्यक्रम को संबोधित किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 26 December 2023 04:43:53 PM

veer bal diwas

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महान गुरू परंपरा और शहादत को नया सम्मान नई ऊंचाई पर पहुंचाने वाले वीर साहिबज़ादों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए आज 'वीर बाल दिवस' पर नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में कहा हैकि आजादी के अमृतकाल में वीर बाल दिवस के रूपमें ये एक नया अध्याय प्रारंभ हुआ है, जिसे पिछले वर्ष देश ने पहलीबार 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के तौरपर मनाया था, तब पूरे देश में सभी ने भाव-विभोर होकर साहिबज़ादों की वीर गाथाओं को सुना था। प्रधानमंत्री ने कहाकि वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा केलिए कुछभी कर गुजरने के संकल्प का प्रतीक है, ये दिन हमें याद दिलाता हैकि शौर्य की पराकाष्ठा के समय कम आयु मायने नहीं रखती। उन्होंने कहाकि खुशी हैकि वीर बाल दिवस अब अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर मनाया जाने लगा है, इस वर्ष अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और ग्रीस में भी वीर बाल दिवस से जुड़े कार्यक्रम हो रहे हैं, इससे भारत के वीर साहिबजादों को पूरी दुनिया औऱ ज्यादा जानेगी, उनके महान कृतत्व से सीखेगी। उन्होंने जिक्र कियाकि तीन सौ साल पहले चमकौर और सरहिंद की लड़ाई में जो कुछ हुआ, वो अमिट इतिहास है, इसको हम भुला नहीं सकते कि कैसे भारतीयों ने क्रूरता और निरंकुशता का गरिमा केसाथ सामना किया था और इसे आनेवाली पीढ़ियों को याद दिलाते रहना बहुत ज़रूरी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर बच्चों के प्रस्तुत गायन और मार्शल आर्ट के प्रदर्शन देखे और युवाओं के मार्चपास्ट को भी झंडी दिखाई। प्रधानमंत्री ने 9 जनवरी 2022 को श्रीगुरु गोबिंद सिंहजी के प्रकाश पर्व के दिन घोषणा की थीकि 26 दिसंबर को श्रीगुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों बाबा जोरावर सिंहजी और बाबा फ़तेह सिंहजी की शहादत को 'वीर बाल दिवस' के रूपमें मनाया जाएगा। उन्होंने कहाकि राष्ट्र वीर साहिबजादे के अमर बलिदान से प्रेरणा ले रहा है, यह सिख गुरुओं की विरासत का उत्सव है, वीर साहिबजादों का साहस और आदर्श आजभी हर भारतीय का हौसला बढ़ाते हैं। उन्होंने बाबा मोतीराम मेहरा के परिवार के बलिदान और दीवान टोडरमल के समर्पण का स्‍मरण करते हुए कहाकि वीर बाल दिवस उन माताओं केलिए एक राष्ट्रीय श्रद्धांजलि है, जिन्होंने अद्वितीय साहस वाले वीरों को जन्म दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि गुरुओं केप्रति यह सच्ची भक्ति, राष्ट्र के प्रति समर्पण की ज्वाला को प्रज्वलित करती है। उन्होंने कहाकि दुनिया ने हमारी विरासत पर तभी ध्यान दिया, जब हमने अपनी विरासत को उसका उचित सम्मान देना शुरू किया। उन्होंने कहाकि आज जब हम अपनी विरासत पर गौरव कर रहे हैं तो दुनिया का नजरिया भी बदला है, भारत गुलामी की मानसिकता का परित्‍याग कर रहा है और उसे देश की क्षमताओं, प्रेरणाओं तथा लोगों पर पूरा भरोसा है। उन्‍होंने कहाकि भारत केलिए साहिबज़ादों, भगवान बिरसा मुंडा एवं श्रीगुरु गोबिंद का बलिदान देश को प्रेरणा देता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि दुनिया भारत को अवसरों की अग्रणी भूमि मान रही है, भारत अर्थव्यवस्था, विज्ञान, अनुसंधान, खेल और कूटनीति की वैश्विक समस्याओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री ने लालकिले से दिए अपने आह्वान को दोहरायाकि यही समय है, सही समय है। उन्होंने कहाकि यह भारत का समय है, अगले 25 साल भारत की क्षमताओं को प्रदर्शित करेंगे। उन्होंने पंच प्रण के अनुसरण करने और एकभी क्षण व्‍यर्थ न करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत एक ऐसे समय से गुजर रहा है, जो युगों में आता है, आजादी के इस अमृतकाल में कई कारक एकसाथ आए हैं, जो भारत केलिए स्वर्णिमकाल निर्धारित करेंगे। उन्होंने भारत की युवा शक्ति पर जोर दिया और कहाकि आज देश में युवाओं की आबादी स्‍वतंत्रता की लड़ाई के दौरान की तुलना में कहीं अधिक है। उन्‍होंने विश्वास व्यक्त कियाकि युवाओं की वर्तमान पीढ़ी देश को अकल्पनीय ऊंचाइयों तक ले जा सकती है। उन्होंने नचिकेता, जिन्होंने ज्ञान की खोज में सभी बाधाओं को पार कर लिया था, अभिमन्यु, जिन्होंने कम उम्र में चक्रव्यूह भेद डाला था, ध्रुव और उनकी तपस्या, मौर्य राजा चंद्रगुप्त, जिन्होंने बहुत कम आयु में साम्राज्य का नेतृत्व किया, एकलव्य और अपने गुरु केप्रति उनका समर्पण, द्रोणाचार्य, खुदीराम बोस, बटुकेश्वर दत्त, कनकलता बरुआ, रानी गाइदिन्ल्यू, बाजी राउत और कई अन्य राष्ट्रीय नायक जिन्होंने देश केलिए अपने प्राणों का बलिदान दिया का उल्‍लेख किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि 25 साल हमारे युवाओं केलिए बड़े अवसर लेकर आ रहे हैं, भारत के युवा, चाहे वे किसीभी क्षेत्र या समाज में पैदा हुए हों, उनके असीमित सपने हैं, इन सपनों को पूरा करने केलिए सरकार के पास स्पष्ट रूपरेखा और स्पष्ट विज़न है। उन्होंने सक्षमकारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 10 हजार अटल टिंकरिंग लैब्स और जीवंत स्टार्टअप संस्कृति का उल्लेख करते हुए इसकी विस्तार से व्‍याख्‍या की। उन्होंने युवाओं, एससी/ एसटी और पिछड़े समुदायों के निर्धन वर्ग के 8 करोड़ नए उद्यमियों का भी उल्लेख किया, जो मुद्रा योजना के कारण अस्तित्‍व में आए। हाल की अंतर्राष्ट्रीय खेल स्‍पर्धाओं में भारतीय एथलीटों की सफलता को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि अधिकांश एथलीट ग्रामीण क्षेत्रों और मध्यमवर्गीय परिवारों से आते हैं, उन्होंने अपनी सफलताओं का श्रेय खेलो इंडिया अभियान को दिया है, जो उनके घरों के पास बेहतर खेल और प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करता है तथा पारदर्शी चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह युवाओं के कल्याण को प्राथमिकता देने का परिणाम है। उन्होंने तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के सपने का अर्थ बताया। उन्होंने कहाकि इससे युवाओं को सबसे अधिक लाभ होगा और इसका अर्थ बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, अवसर, रोज़गार, जीवन की गुणवत्ता और उत्पादों की गुणवत्ता होगी। प्रधानमंत्री ने युवा जनसमूह को विकसित भारत के सपनों और संकल्प से युवाओं को जोड़ने के राष्ट्रव्यापी अभियान के बारेमें बताया। उन्होंने प्रत्येक युवा को एमवाई-भारत पोर्टल पर पंजीकरण करने केलिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहाकि यह मंच अब देश की युवा बेटियों और बेटों केलिए एक बड़ी संस्था बन रहा है।
प्रधानमंत्री ने युवाओं को अपने स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का सुझाव दिया, क्योंकि यह जीवन में वांछित परिणाम प्राप्त करने केलिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने शारीरिक व्यायाम, डिजिटल डिटॉक्स, मानसिक फिटनेस, पर्याप्त नींद और श्रीअन्ना या बाजरा को अपने आहार में शामिल करने की चुनौतियों का उल्लेख किया। उन्‍होंने युवाओं को अपने लिए कुछ मूलभूत नियम बनाने और उनका दृढ़ता से पालन करने का सुझाव दिया। प्रधानमंत्री ने समाज में नशीली दवाओं के खतरे का भी उल्‍लेख किया और एक राष्ट्र तथा समाज के रूपमें साथ मिलकर इससे निपटने पर जोर दिया। उन्होंने सरकार और परिवारों के साथ-साथ सभी धार्मिक नेताओं से नशे के खिलाफ एक मजबूत अभियान आरंभ करने का भी आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने यह स्‍मरण करते हुएकि हमारे गुरुओं की हमें दी गईं 'सबका प्रयास' की शिक्षाएं भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाएंगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि सक्षम और मजबूत युवा शक्ति केलिए सबका प्रयास अनिवार्य है। कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी, केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे। गौरतलब हैकि वीर बाल दिवस मनाने केलिए सरकार नागरिकों, विशेषकर छोटे बच्चों को साहिबजादों के अदम्‍य साहस की कहानी के बारेमें जानकारी देने और शिक्षित करने केलिए देशभर में भागीदारी कार्यक्रम आयोजित कर रही है। साहिबजादों की जीवन कहानी और बलिदान का विवरण देने वाली एक डिजिटल प्रदर्शनी देशभर के स्कूलों और बाल देखभाल संस्थानों में प्रदर्शित की गई। वीर बाल दिवस पर फिल्म भी दिखाई गई, साथही इंटरैक्टिव क्विज़ जैसी विभिन्न ऑनलाइन प्रतियोगिताएं हुईं, जो माईभारत और माईगव पोर्टल के माध्यम से आयोजित की गईं।

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