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पीएम जनमन के लाभार्थियों को पहली किस्त जारी

आदिवासियों के कल्याण के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहें-मोदी

'राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिला पीएम जनमन अभियान का मार्गदर्शन'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 15 January 2024 05:50:39 PM

pm narendra modi first installment released to pm-janman beneficiaries

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम-जनमन के तहत पीएमएवाई (जी) के 1 लाख लाभार्थियों को आज वीडियों कॉंफ्रेंसिंग के जरिए पहली किस्त जारी की। उन्होंने लाभार्थियों से बात की शुरूआत करते हुए कहाकि जोहार, राम-राम! इस समय देश में उत्सव का माहौल है, उत्तरायण, मकर संक्रांति, पोंगल, बीहू त्योहारों की उमंग चारों तरफ छाई हुई है, जिनको आजके इस आयोजन ने और शानदार, जानदार बना दिया है और आपसे बात करके मेरा भी उत्सव बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि एक ओर जब आयोध्या में दिपावली मनाई जा रही है तो दूसरी ओर एक लाख अति-पिछड़े जनजातीय भाई-बहन, जो मेरे परिवार के ही सदस्य हैं, उनके घर दिवाली मन रही है, ये अपने आपमें मेरे लिए बहुत बड़ी खुशी है। उन्होंने कहाकि आज उनके बैंक खाते में पक्के घर केलिए पैसे ट्रांसफर किए जा रहे हैं, मैं इनको बहुत-बहुत बधाई देता हूं, मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देता हूं और मुझे ये पुण्यकार्य करने केलिए निमित बनने का अवसर मिलता है, ये मेरे जीवन में भी बहुत आनंद की बात है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाभार्थियों से बात करते हुए कहाकि आजसे आपके घरों का काम शुरु होने जा रहा है, मुझे विश्वास हैकि इस साल की दीपावली आप अपने घरों में जरूर मनाएंगे। उन्होंने कहाकि देखिए अभी कुछ दिन केबाद 22 जनवरी को श्रीरामलला भी अपने भव्य और दिव्य मंदिर में हमें दर्शन देंगे और मेरा सौभाग्य हैकि मुझे अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में बुलाया है तो ये आप सबके आशीर्वाद से ऐसा सौभाग्य मिलता है। उन्होंने लाभार्थियों से कहाकि आपने इतना बड़ा मुझे दायित्व दिया है तो मैंने भी 11 दिन व्रत-अनुष्ठान का एक संकल्प किया हुआ है, श्रीराम का ध्यान स्मरण कर रहा हूं और आप तो जानते ही हैं, जब आप प्रभु श्रीराम का स्मरण करेंगे तो माता शबरी की याद आना बहुत स्वाभाविक है, श्रीराम की कथा माता शबरी के बिना संभव ही नहीं हैं। उन्होंने कहाकि अयोध्या से जब श्रीराम निकले थे, तब तो वो राजकुमार राम थे, लेकिन राजकुमार राम मर्यादा पुरुषोत्तम इस रूपमें हमारे सामने आए, क्योंकि माता शबरी हो, केवट हो, निषादराज हो, ना जाने कौन-कौन से लोग, जिनके सहयोग, जिनके सानिध्य ने राजकुमार राम को प्रभु श्रीराम बना दिया, दशरथ पुत्र राम, दीनबंधु राम तभी बन सके, जब उन्होंने आदिवासी माता शबरी के बेर खाए। प्रधानमंत्री ने उल्लेख कियाकि रामचरित मानस में कहा गया है-कह रघुपति सुनु भामिनि बाता। मानउँ एक भगति कर नाता॥ यानी भगवान श्रीराम ने अपने भक्त से सिर्फ भक्ति के संबंध को सबसे बड़ा कहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि त्रेता में राजाराम की कथा हो या आजकी राज कथा, बिना ग़रीब, बिना वंचित, बिना वनवासी भाई-बहनों के कल्याण के संभव ही नहीं है, इसी सोच केसाथ हम लगातार काम कर रहे हैं, हमने 10 साल गरीबों केलिए समर्पित किए, 10 साल में गरीबों को 4 करोड़ से पक्के घर बनाकर दिए हैं, जिनको कभी किसी ने पूछा नहीं, उनको मोदी आज पूछता भी है, पूजता भी है। नरेंद्र मोदी ने लाभार्थियों से कहाकि सरकार आप तक पहुंचे, सरकार की योजनाएं अति-पिछड़े मेरे जनजातीय भाई-बहन तक पहुंचें, यही पीएम जनमन महाअभियान का उद्देश्य है और सिर्फ 2 महीने में ही पीएम जनमन महाअभियान ने वो लक्ष्य हासिल करने शुरू कर दिए हैं, जो पहले कोई नहीं कर सका। उन्होंने कहाकि मुझे याद है, जब ठीक दो महीने पहले भगवान बिरसा मुंडा की जन्मजयंती पर सरकार ने ये अभियान शुरू किया था तो हम सबके सामने चुनौती कितनी बड़ी थी, हमारे अति-पिछड़े मेरे जनजातीय साथी, जो दूर-सुदूर जंगलों में रहते हैं, जो दूर ऊंचे पहाड़ों पर मुश्किल परिस्थितियों में रहते हैं, जो बॉर्डर, सीमा के क्षेत्रों में रहते हुए दशकों से विकास का इंतजार कर रहे हैं, जिनतक पहुंचना भी सरकारी मशीनरी केलिए बहुत कठिन होता है, उन लोगों तक पहुंचने केलिए इतना बड़ा अभियान हमारी सरकार ने शुरू किया है और मैं जिले के सभी सरकारी अधिकारी, राज्यों के सरकारी अधिकारी उन सबको सच्चे दिल से बहुत बधाई देता हूंकि इतना बड़ा काम जो 75 साल तक हम नहीं कर पाते थे, अफसरों ने मन बना लिया, मेरी बात का साथ दिया और आज गरीब के घर दिवाली की संभावना पैदा हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि देश में बहुत से लोग कल्पना तक नहीं कर सकतेकि हमारे ये भाई-बहन कितनी कठिनाइयों में रहते हैं। उन्होंने कहाकि सरकार पीएम जनमन महाअभियान पर 23 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने जा रही है और हमारे देश का विकास तभी हो सकता है जब समाज में कोई छूटे नहीं, हर किसी तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचे। उन्होंने कहाकि सरकार ने ऐसे 80 हजार से ज्यादा अति-पिछड़े भाई-बहनों को खोज करके उन्हें आयुष्मान कार्ड दिया, जो अबतक उनतक पहुंचा ही नहीं था, इसी तरह सरकार ने अति-पिछड़े जनजातीय समुदाय के करीब 30 हजार किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि से जोड़ा है, इस अभियान के दौरान 40 हजार ऐसे साथी भी मिले, जिनके पास अब तक बैंक खाता ही नहीं था, अब सरकार ने इनके बैंक खाते भी खुलवाए है, ऐसे ही 30 हजार से ज्यादा वंचितों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं, करीब 11 हजार को वन अधिकार एक्ट के तहत जमीन के पट्टे दिए गए हैं और ये आंकड़े अभी पिछले दो महीने के ही हैं। उन्होंने कहाकि अभी तो हर दिन इस संख्या में वृद्धि हो रही है, सरकार पूरी ताकत लगा रही हैकि हमारे अति-पिछड़े जनजातीय भाई-बहनों तक सरकार की हर योजना जल्द से जल्द पहुंचे, मेरा कोई अति-पिछड़ा भाई-बहन अब सरकार की योजना के लाभ से छूटेगा नहीं, मैं आपको ये विश्वास दिलाता हूं और ये मोदी की गारंटी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाभार्थियों से कहाकि इसी कड़ी में आज आप सभी अति-पिछड़े जनजातीय भाई-बहनों को पक्के मकान देने की शुरुआत हुई है, एक लाख जनजातीय लाभार्थियों के बैंक खातों में पक्के घर बनाने केलिए सरकार ने सीधे पैसे ट्रांसफर किए हैं, आपको अपना घर बनाने केलिए लगभग एक-एक घर केलिए ढाई लाख रुपए सरकार से मिलेंगे और हां, बस घर ही नहीं मिलेगा, इतने से बात रूकने वाली नहीं है, बिजली का कनेक्शन मिलेगा, ताकि आपके बच्चे पढ़ सकें, आपके सपने पूरे हो सकें। आपके नए घर में साफ पानी की व्यवस्था हो, ताकि कोई बीमारी हमारे घर में ना आए और वो कनेक्शन भी मुफ्त दिया जाएगा। हर माता-बहन को सम्मान मिले इसलिए हर घर में शौचालय भी होगा, खाना बनाने केलिए रसोई गैस का कनेक्शन भी होगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज मैं इस कार्यक्रम के माध्यम से हर अति-पिछड़े जनजातीय लाभार्थी को एक और भरोसा देना चाहता हूं, आपको अपना घर बनाने केलिए इसका पैसा पाने केलिए किसी कोभी एक भी रुपए नहीं देना है, कोईभी आपसे पैसे मांगे तो पैसा केंद्र सरकार भेज रही है, उसमें से हिस्सा मांगे तो आप एक भी रुपया किसी को मत देना, ये पैसों पर हक आपका है, कोई बिचौलिए का नहीं है। उन्होंने कहाकि पीएम जनमन महाअभियान शुरू करने में मुझे बहुत बड़ा मार्गदर्शन हमारे देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिला है, हमारी राष्ट्रपति आदिवासी भाई-बहनों के बीच सेही आई हैं, उन्होंने भी आप लोगों केबीच पूरा जीवन बिताया है, उनसे मुलाकात के दौरान वो अक्सर मुझसे आप सभी लोगों के बारेमें विस्तार से बताया करती थीं और इसलिए ही हमने पीएम जनमन महाअभियान शुरू करके आपको हर परेशानी से मुक्त करने का संकल्प लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाभार्थियों से कहाकि आज देश में वो सरकार है, जो सबसे पहले आपके बारेमें, आप जैसे गरीब भाई-बहनों के बारेमें दूर-सुदूर जंगलों में रहने वाले भाई-बहनों के बारेमें सोचती है। उन्होंने कहाकि जिनके पास कुछ नहीं है, सबसे पहले हम उनके सुख-दुख की चिंताकर रहे हैं, जिसका कोई नहीं मोदी उसके लिए खड़ा है। उन्होंने कहाकि आजकल आप देख रहे हैंकि मोदी की गारंटी वाली गाड़ी गांव-गांव पहुंच रही है, ये आप जैसे लोगों को विभिन्न योजनाओं से जोड़ने केलिए ही चलाई जा रही है। उन्होंने कहाकि केंद्र सरकार जो आकांक्षी जिला, आकांक्षी जिला कार्यक्रम चला रही है, उसका सबसे बड़ा लाभ हमारे आदिवासी भाई-बहनों को ही मिला है। उन्होंने कहाकि सिकल सेल अनीमिया के खतरों से आप सभी अच्छी तरह परिचित हैं, इस बीमारी से आदिवासी समाज की कई पीढ़ियां प्रभावित रही हैं, अब सरकार कोशिश में जुटी हैकि एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाने वाली ये बीमारी जड़ से ही समाप्त हो, इसलिए सरकार ने देशभर में एक अभियान शुरु किया है, विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान सिकल सेल की जांच की जा रही है, पिछले 2 महीने में 40 लाख से ज्यादा लोगों का सिकल सेल परीक्षण किया जा चुका है। उन्होंने कहाकि सरकार जनजातीय भाई-बहनों के सपनों को पूरा करने केलिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही, योजनाओं का बजट सरकार ने 5 गुना ज्यादा बढ़ा दिया है, बीते 10 साल में 500 से ज्यादा नए एकलव्य मॉडल स्कूल बनाने का काम किया है। उन्होंने कहाकि आदिवासी बच्चे सिर्फ स्कूली पढ़ाई करके रुक जाएं, ये सही नहीं, जनजातीय समाज के बच्चे जब एमए, बीए और बड़ी क्लास की पढ़ाई पूरी करेंगे, बड़ी कंपनियों में काम करने केलिए जिस पढ़ाई की ज़रूरत होती है वो पढ़ाई करेंगे, तब हमारे लिए खुशी की बात होगी, इसके लिए आदिवासी इलाकों में कक्षाओं को आधुनिक बनाया जा रहा है, उच्च शिक्षा के केंद्र बढ़ाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आदिवासी समाज की आमदनी कैसे बढ़े, इसके लिए हम हर स्तरपर कोशिश कर रहे हैं, आदिवासी साथियों केलिए वन-उपज बहुत बड़ा सहारा है, वर्ष 2014 से पहले करीब 10 वन उपजों केलिए ही एमएसपी तय की जाती थी, हम लगभग 90 वन उपजों को एमएसपी के दायरे में लाए हैं, वन उपजों के अधिक से अधिक दाम मिले, इसके लिए हमने वनधन योजना बनाई, आज इस योजना के लाखों लाभार्थियों में बहुत बड़ी संख्या बहनों की है। उन्होंने कहाकि बीते 10 वर्ष में आदिवासी परिवारों को 23 लाख पट्टे जारी किए जा चुके हैं, हम जनजातीय समुदाय के हाट बाजार को भी बढ़ावा दे रहे हैं, हमारे आदिवासी भाई जो सामान हाट-बाजार में बेचते हैं, वही सामान वो देश के दूसरे बाजारों में भी बेच पाएं इसके लिए भी कई अभियान चलाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज आदिवासी समाज देख और समझ रहा हैकि कैसे केंद्र सरकार जनजातीय संस्कृति और उनके सम्मान केलिए काम कर रही है, सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया और देश में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के 10 बड़े संग्रहालय बना रही है। प्रधानमंत्री ने आदिवासियों से कहाकि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं आपके मान-सम्मान, आपके सुख-सुविधा केलिए हम ऐसे ही पूरे समर्पण भाव से लगातार काम करते हैं, करते रहेंगे।

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