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Tuesday 16 January 2024 02:54:14 PM
ब्यूनस आयर्स/ नई दिल्ली। भारत के खान मंत्रालय ने खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (केएबीआईएल) और अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत के राज्य के स्वामित्व वाले उद्यम कैटामार्का में कैटामार्का मिनेरा वाई एनर्जेटिका सोसिएडैड डेल एस्टाडो (सीएएमवाईईएन एसई) केबीच लिथियम की खोज और खनन परियोजना केलिए महत्वपूर्ण करार करके एक उपलब्धि अर्जित की है। समझौता ज्ञापन पर कैटामार्का के गवर्नर लिक राउल जलील, कैटामार्का के उप गवर्नर इंजीनियर रूबेन डूसो और कैटामार्का के खान मंत्री मार्सेलो मुरुआ एवं अर्जेंटीना में भारत के राजदूत दिनेश भाटिया की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। केंद्रीय कोयला और खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने इस अवसर पर कहाकि यह भारत-अर्जेंटीना दोनों केलिए ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि हम केएबीआईएल और सीएएमवाईईएन केबीच समझौते से द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय लिख रहे हैं।
खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहाकि यह एक ऐसा कदम है, जो टिकाऊ भविष्य केलिए ऊर्जा परिवर्तन को बढ़ावा देने में न केवल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, बल्कि यह भारत में विभिन्न उद्योगों केलिए आवश्यक, महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों केलिए एक लचीली और विविध आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने में भी योगदान देगा। उन्होंने कहाकि यह रणनीतिक कदम न केवल भारत-अर्जेंटीना के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाएगा, बल्कि यह खनन क्षेत्र के सतत विकास में भी योगदान देगा, जिससे विभिन्न उद्योगों केलिए आवश्यक महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों केलिए एक लचीली और विविध आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहाकि यह भारत की किसी सरकारी कंपनी की पहली लिथियम खोज और खनन परियोजना है। केएबीआईएल अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत में लगभग 15 हजार 703 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए पांच लिथियम ब्राइन ब्लॉकों अर्थात कोर्टाडेरा-।, कोर्टाडेरा-VII, कोर्टाडेरा-VIII, काटेओ-2022-01810132, कोर्टाडेरा-VI में खोज और विकास कार्य शुरू करेगा। केएबीआईएल कैटामार्का अर्जेंटीना में एक शाखा कार्यालय स्थापित करने की भी तैयारी कर रहा है। इस परियोजना की लागत लगभग 200 करोड़ रुपये है।
प्रल्हाद जोशी ने कहाकि ने कहाकि समझौते केसाथ केएबीआईएल ने मूल्यांकन, संभावना, खोज केलिए 5 ब्लॉकों में खोज और विशिष्टता का अधिकार प्राप्त कर लिया है एवं इसके साथ लिथियम खनिज की खोज और उसके बाद वाणिज्यिक उत्पादन करने का भी उसे अधिकार प्राप्त हो गया है। उनहोंने कहाकि इससे न केवल भारत केलिए लिथियम की सोर्सिंग की खोज को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे ब्राइन प्रकार के लिथियम की खोज, दोहन और निष्कर्षण केलिए तकनीकी एवं संचालन अनुभव प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी। गौरतलब हैकि दुनिया के कुल लिथियम संसाधनों के आधे से भी अधिक की मौजूदगी के कारण अर्जेंटीना, चिली और बोलीविया केसाथ लिथियम ट्रायंगल का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा लिथियम स्रोत, तीसरा सबसे बड़ा लिथियम भंडार और चौथा सबसे बड़ा उत्पादन देश होने का गौरव प्राप्त है। समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान भारत सरकार के खान सचिव वीएल कांथा राव भी वर्चुअली उपस्थित थे।