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Saturday 27 January 2024 01:53:11 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारत के 75वे गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूपमें शामिल हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का राष्ट्रपति भवन में जोरदार स्वागत किया और उनके सम्मान में भोज का भी आयोजन किया। द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों केसाथ बातचीत करते हुए कहाकि यह दिन कई मायनों में एक ऐतिहासिक और यादगार क्षण है, शायद ही कभी ऐसा हुआ होगाकि दो देशों के राजनेता लगातार एक-दूसरे के राष्ट्रीय दिवस परेड और समारोह में मुख्य अतिथि रहे हैं। उन्होंने कहाकि भारत-फ्रांस दोस्ती की गहराई और साझेदारी की मजबूती का 14 जुलाई 2023 और 26 जनवरी 2024 से बेहतर कोई प्रतीक नहीं हो सकता। द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि जहां स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय के साझा मूल्य हमारे दो महान गणराज्यों को जोड़ते हैं, वहीं हमारे लोगों केबीच पारस्परिक संबंध औरभी गहरे हैं। उन्होंने कहाकि लोगों ने हमारे विचारों एवं आदर्शों से एक-दूसरे को प्रेरित किया है और हमने दर्शन, साहित्य, कला, धर्मग्रंथों, भाषाओं एवं और भी कई माध्यमों से एक-दूसरे को समृद्ध किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों केसाथ बातचीत में उल्लेख कियाकि भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त करने के केवल दो वर्ष बाद ही विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान लागू कर दिया, जिससे भारत एक गणतंत्र बना। उन्होंने कहाकि हम भारतवासियों केलिए यह कोई नई शासन व्यवस्था नहीं थी, क्योंकि हम सहस्राब्दियों से गणतंत्र की अवधारणा से परिचित थे, इस प्रबुद्ध संविधान ने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूपमें हमारी यात्रा को आकार दिया है, इसने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और सबसे विविध समाज को एकसाथ जोड़कर रखा है, यह हमारी सामाजिक और आर्थिक प्रगति का मार्गदर्शक है एवं स्वतंत्रता, समता, बंधुता और न्याय इसकी आधारशिला हैं। राष्ट्रपति ने इमैनुएल मैक्रों से कहाकि इन मूल्यों का उत्सव मनाने केलिए भारत का फ्रांस से बेहतर मित्र कौन हो सकता है! आपके देश के निवासियों ने दो सौ साल सेभी पहले इन्हीं मूल्यों का आह्वान किया था, अपने देश को एक गणतंत्र का स्वरूप दिया और विश्वभर में असंख्य लोगों को प्रेरित किया। द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि हमें अत्यंत प्रसन्नता हैकि जिन मित्रों ने आजादी केबाद की हमारी यात्रा की सबसे कठिन चुनौतियों में हमारा साथ दिया है, वे आज हमारे साथ इस महत्वपूर्ण अवसर पर मौजूद हैं, लेकिन हमारे संबंध इससे भी ज्यादा गहरे और पुराने हैं।
द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि इतिहास की विभिन्न परिस्थितियों में हमारे लोगों ने अपने विचारों और आदर्शों से एक-दूसरे को प्रेरित किया, हमने दर्शन, साहित्य, कला, धर्मग्रंथों, भाषाओं और यहां तककि रत्नों, आभूषणों और सूत्रकला के माध्यम से एकदूसरे को समृद्ध किया है। राष्ट्रपति ने कहाकि एक तरफ यदि चैंप्स एलिसीज़ और कर्तव्य पथ पर मार्च कररहे हमारे सैनिक हमारी एकजुटता का प्रतीक हैं, तो दूसरी ओर एफिल टॉवर पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस या गेटवे ऑफ इंडिया पर डायर फैशन शो का आयोजन हमारे गहरे संबंधों को दर्शाते हैं। उन्होंने कहाकि पेरिस भारतीय पर्यटकों केलिए एक प्रिय गंतव्य है, ऐसे ही फ्रांस विदेशों से भारत में पर्यटन आय में शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक है, बीते साल चार प्रमुख पेरिस संग्रहालयों ने भारतीय प्रदर्शनियों की मेजबानी की है। उन्होंने कहाकि खान-पान के मामले में भी हम अपनी-अपनी विशेषताओं से एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं, जिस तरह फ्रांस में प्राचीन भारतीय भाषाओं और वैदिक अध्ययन के दिग्गज विद्वान हैं, उसी तरह भारतीय विद्यार्थियों में फ्रेंच भाषा बहुत लोकप्रिय है। द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि सिनेमा की तरफ देखें तो वहां भी भारत और फ्रांस जुड़े हुए हैं, चाहे वह हमारे प्रख्यात निर्देशकों पर फ़्रेंच न्यू वेव का प्रभाव हो या कान्स के रेड कार्पेट पर भारतीय फिल्मों और सितारों की बढ़ती उपस्थिति।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने याद कियाकि उन्होंने पुडुचेरी की जीवंत विरासत में फ्रांसीसी संस्कृति के प्रभाव और फ्रांस के भारतीय प्रवासियों केसाथ गहरे संबंधों को स्वयं देखा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि पुडुचेरी वास्तव में फ्रांस और भारत केबीच एक जीवंत सेतु है। राष्ट्रपति ने इस बात पर संतोष व्यक्त कियाकि भारत-फ्रांस ने भारत के अमृतकाल केलिए साझेदारी का एक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण विकसित किया है। उन्होंने कहाकि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की यात्रा ने इस दृष्टिकोण को साकार करने के हमारे संकल्प को और मजबूत किया है। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त कियाकि भारत-फ्रांस मित्रता की सहजता और साझेदारी की ताकत आगे का मार्ग प्रशस्त करेगी। उन्होंने कहाकि हम साथ मिलकर एक ऐसे भविष्य का निर्माण कर रहे हैं, जो हमारे लोगों विशेषकर हमारे युवाओं केलिए मायने रखता है, हम मजबूत और सफल फ्रांस, सुरक्षित और विकसित भारत और एक शांतिपूर्ण विश्व का निर्माण कर रहे हैं।