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Wednesday 28 February 2024 11:28:23 AM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से बांग्लादेश के एक युवा प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। राष्ट्रपति भवन में प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि उन्हें बांग्लादेश के युवा और प्रतिभाशाली लोगों के समूह केसाथ बातचीत करते हुए बहुत प्रसन्नता है। उन्होंने कहाकि पूरे बांग्लादेश से जिन प्रतिनिधियों का चयन किया गया है और यह समावेशी है, जिसमें 50 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं और जीवन के सभी क्षेत्रों के प्रतिभागी शामिल हैं। उन्होंने कहाकि यहां उनका आना केवल एक यात्रा नहीं है, बल्कि यह हमारे देशों केबीच एक पुल है तथा सहयोग और मैत्री की स्थायी भावना को दर्शाता है, जो भारत-बांग्लादेश के संबंधों को भी परिभाषित करता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि भारत और बांग्लादेश केबीच एक अनूठा संबंध है, जो दोनों देशों का इतिहास संस्कृति और बलिदानों पर आधारित है। उन्होंने कहाकि भारत को बांग्लादेश के मित्र और साझेदार होने पर गर्व है और हम बांग्लादेश के विकास यात्रा में लगातार साझीदार बने हुए हैं। उन्होंने कहाकि हमें इस भावना को संरक्षित करना चाहिए, जो हमारे दोनों देशों केबीच आपसी संबंधों को प्रगाढ़ करती है। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत और बांग्लादेश केबीच का रिश्ता दिल और आत्मा का है, हमारे बीच गहरा सांस्कृतिक संबंध है और कला, संगीत, क्रिकेट, भोजन केप्रति एक समान लगाव भी है। उन्होंने जिक्र कियाकि रबींद्रनाथ टैगोर का लिखा गया भारत का राष्ट्रगान हमें गौरवांवित करता है, हम बाउल संगीत और काजी नजरूल इस्लाम के कार्यों केलिए प्यार को साझा करते हैं, हमारी साझा विरासत में हमारी एकता और विविधता का उत्सव मनाया जाता है। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश केसाथ अपनी दोस्ती को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और हम उसकी पूर्ण क्षमता का उपयोग करने केलिए प्रतिबद्ध हैं।
राष्ट्रपति ने इस बातपर प्रसन्नता व्यक्त कीकि भारत-बांग्लादेश विशाल और ऊर्जावान युवाओं का घर है, जिनमें विश्व को आकार देने की असीमित क्षमता है। उन्होंने सभीसे इस क्षमता का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि कल के नेताओं के रूपमें युवाओं की जिम्मेदारी हैकि वे हमें हरित, दीर्घकालिक और शांतिपूर्ण भविष्य की ओर लेकर जाएं। राष्ट्रपति ने युवा शिष्टमंडल से भारत के विभिन्न पहलुओं, इसकी विविधता तथा विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं कला के क्षेत्रों में विकास के अवसर का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि सोनार बांग्ला के निर्माण की दिशा में काम करते हुए हमें भारत और बांग्लादेश केबीच शांति, समृद्धि, मित्रता के बंधन को और मजबूत करने की कोशिश करनी चाहिए। गौरतलब हैकि बांग्लादेशी युवा प्रतिनिधिमंडल कार्यक्रम की शुरुआत 2012 में विदेश मंत्रालय एवं युवा कार्य और खेल मंत्रालय की संयुक्त पहल के रूपमें की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य दोनों देशों की सद्भावना और समझ, विचारों के आदान-प्रदान और युवाओं केबीच मूल्यों एवं संस्कृति की समझ को बढ़ावा देना है।