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भारत आज पहले से कहीं ज्यादा सशक्त-रक्षामंत्री

'देश पर बुरी नज़र डालने वालों को भारतीय सेना का मुंहतोड़ जवाब'

दिल्ली में निजी मीडिया संगठन के रक्षा शिखर सम्मेलन में संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 7 March 2024 05:36:03 PM

defense minister rajnath singh

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा हैकि भारत आज पहले से कहीं अधिक सशक्त है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार इसे भारतीयता की भावना केसाथ मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। वे नई दिल्ली में आज एक निजी मीडिया संगठन के रक्षा शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। रक्षामंत्री ने इस परिप्रेक्ष्य को वर्तमान सरकार तथा पिछली सरकार केबीच प्रमुख अंतर बताया और कहाकि इस समय की सरकार भारत के लोगों की क्षमताओं में दृढ़ता से विश्वास करती है, जबकि पहले के वक्त सत्ता में रहने वाले लोग उनकी क्षमताओं के बारे में बहुत हदतक सशंकित थे। राजनाथ सिंह ने रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने को मोदी सरकार का सबसे बड़ा बदलाव करार दिया, जो भारत के रक्षा क्षेत्र को एक नया आकार दे रहा है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भरता हासिल करने केलिए रक्षा मंत्रालय के सुधारात्मक कदमों का उल्लेख किया, जिनमें उत्तर प्रदेश एवं तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक गलियारों की स्थापना करना, सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों की अधिसूचना, पूंजीगत खरीद बजट का 75 प्रतिशत घरेलू उद्योग केलिए आरक्षित करना, आयुध निर्माणी बोर्ड का निगमीकरण तथा रक्षा उत्कृष्टता केलिए नवाचार, आईडीईएक्स प्राइम, आईडीईएक्स और प्रौद्योगिकी विकास निधि केसाथ नवोन्मेषी प्रौद्योगिकियों की इकाईयों का विकास जैसी योजनाएं/ पहल शामिल हैं। रक्षामंत्री ने कहाकि देश की जनता के दृष्टिकोण के अनुरूप ही सरकार ने देश की रक्षा प्रणाली को एक नई ऊर्जा से प्रेरित किया है, इसके परिणामस्वरूप भारत एक सशक्त और आत्मनिर्भर सैन्य क्षमता केसाथ वैश्विक मंच पर एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूपमें उभरा है। राजनाथ सिंह ने कहाकि आज केंद्र में एक शक्तिशाली नेतृत्व होने के कारण हमारी सेनाओं में दृढ़ इच्छा शक्ति है और हम अपने जवानों का मनोबल ऊंचा रखने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।
रक्षामंत्री ने कहाकि भारतीय सैनिक भारत पर बुरी नज़र डालने वाले किसीभी शक्ति या व्यक्ति को मुंहतोड़ जवाब देने केलिए सुसज्जित, सक्षम और तैयार हैं। राजनाथ सिंह ने कहाकि सरकार ने युवाओं पर भरोसा करते हुए और उनके नवाचार को बढ़ावा देते हुए निजी क्षेत्र को एक आदर्श वातावरण प्रदान किया है। उन्होंने कहाकि यदि हमारे युवा प्रबुद्ध मस्तिष्क वाले युवा एक कदम आगे बढ़ाते हैं तो हम 100 कदम बढ़ाकर उनकी मदद करेंगे। रक्षामंत्री ने आश्वासन दियाकि अगर युवा 100 कदम आगे बढ़ेंगे तो हम उन्हें 1000 कदम आगे ले जाएंगे। रक्षामंत्री ने कहाकि जब प्रौद्योगिकी की बात आती है तो विकासशील देशों केपास दो ही विकल्प होते हैं-नवाचार और नकल, लेकिन भारत सरकार देश को नकल करने के बजाय प्रौद्योगिकी निर्माता बनाने पर विशेष जोर दे रही है। राजनाथ सिंह ने कहाकि विकसित देशों की प्रौद्योगिकी से काम करना उन लोगों केलिए ग़लत नहीं है, जिनकी नवाचार क्षमता और मानव संसाधन नई प्रौद्योगिकियों के उत्पादन केलिए आवश्यक स्तर तक नहीं पहुंचे हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि यदि कोई राष्ट्र दूसरे देशों की तकनीक की नकल करता है, तब वह पुरानी तकनीक से ही आगे बढ़ता है, लेकिन यहां पर समस्या यह हैकि व्यक्ति नकल करने का आदी हो जाता है और वह दोयम दर्जे की प्रौद्योगिकी को ही आगे बढ़ाता है, यह प्रक्रिया ही उन्हें एक विकसित देश से 20-30 साल पीछे चलने केलिए मजबूर करता है। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय आत्मविश्वास खोना एक बड़ी समस्या है, क्योंकि व्यक्ति हमेशा प्रौद्योगिकी का अनुयायी बना रहता है, यह मानसिकता आपकी संस्कृति, विचारधारा, साहित्य, जीवनशैली और दर्शन में आती है। रक्षामंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अनुयायी मानसिकता को गुलामी की मानसिकता कहते हैं। राजनाथ सिंह ने भारत को इस तरह की मानसिकता से बाहर निकालना सरकार, मीडिया और बुद्धिजीवियों का परम कर्तव्य बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस के संबोधन को याद करते हुए कहाकि हमें दूसरों के बारेमें ज्ञान होना चाहिए, लेकिन हमें अपनी राष्ट्रीय विरासत के बारेमें भी जागरुक और इसपर गर्व महसूस करना चाहिए।
राजनाथ सिंह ने औपनिवेशिक मानसिकता को समाप्त करने केलिए सरकार के कदमों के बारेमें जिक्र किया, जिसमें भारतीय दंड संहिता के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता की शुरूआत करना शामिल है। उन्होंने कहाकि हमने देश की संस्कृति में युवाओं का विश्वास बढ़ाया है और भारत में भारतीयता को पुनः जागृत किया है, हमारे विश्वास ने न केवल इतिहास को देखने के माध्यम को बदल दिया, बल्कि आईआईटी और आईआईएम केसाथ भारत के दूसरे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले युवाओं के सपनों को भी फिरसे आशांवित किया है। उन्होंने कहाकि भारतीय युवा विदेशों में अपने लिए अवसर की तलाश करने के बजाय आज देश के भीतर स्टार्ट-अप और नवाचार से भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं। रक्षामंत्री ने सदियों से भारतीय संस्कृति में प्रचलित सैन्य शक्ति और आध्यात्मिकता केबीच सामंजस्य का उल्लेख करते हुए कहाकि सशस्त्र बलों को नवीनतम अत्याधुनिक हथियारों/ प्लेटफार्मों केसाथ आधुनिक बनाया जा रहा है। उन्होंने कहाकि हमने देश के बहादुरों के बलिदान का सम्मान करने केलिए राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय समर स्मारक की स्थापना की है, इसके अलावा वन रैंक वन पेंशन योजना लागू की है, जो पूर्व सैनिकों की लंबे समय से लंबित मांग थी।

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