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Tuesday 12 March 2024 04:30:53 PM
पोर्ट लुइस। मॉरीशस की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मॉरीशस के 56वें राष्ट्रीय दिवस समारोह की मुख्य अतिथि बनीं। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनॉथ ने सर शिवसागर रामगुलाम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर द्रौपदी मुर्मू के आगमन पर अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों और मॉरीशस के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों सहित पूरे राजकीय सम्मान केसाथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्टेट हाउस ले रेडुइट में मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन और प्रथम महिला संयुक्ता रूपन से मुलाकात की। उन्होंने कहाकि भारत के इतिहास में पृथ्वीराज-संयुक्ता की जोड़ी प्रसिद्ध है, यहां मॉरीशस में आतेही ऐसी एक और पृथ्वीराज-संयुक्ता की जोड़ी को देखकर मैं बहुत प्रसन्न हुई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पृथ्वीराज सिंह रूपन ने भारत-मॉरीशस के अद्वितीय और बहुआयामी संबंधों को और सुदृढ़ करने पर चर्चा की। द्रौपदी मुर्मु ने वहां आयुर्वेदिक उद्यान का भी दौरा किया, जिसे पिछले वर्ष स्टेट हाउस के मैदान में स्थापित किया गया था। वे पैम्पलेमोसेस के सर शिवसागर रामगुलाम बॉटनिकल गार्डन गईं और सर शिवसागर रामगुलाम एवं सर अनिरुद्ध जुगनॉथ की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनॉथ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया। द्रौपदी मुर्मु ने उनके और उनके साथ भारतीय प्रतिनिधिमंडल के स्वागत एवं उत्कृष्ट आतिथ्य केलिए 140 करोड़ से अधिक भारतीयों की ओरसे मॉरीशस सरकार और यहां के लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहाकि मॉरीशस उन पहले कुछ देशों में से एक है, जहां वे राष्ट्रपति के रूपमें राजकीय यात्रा पर हैं। उन्होंने कहाकि मैंने हिंद महासागर स्थित इस सुंदर द्वीप के बारेमें कई अच्छी बातें सुनी तो थी, लेकिन यहां कुछही घंटे बिताने केबाद मुझे महसूस हो रहा हैकि इस देश को पैराडाइज़ द्वीप क्यों कहा जाता है, आज मॉरीशस सही मायने में विकास, लोकतंत्र, विविधता और गतिशीलता का एक चमकता हुआ प्रतीक है। उन्होंने कहाकि मॉरीशस जिस असाधारण मानवीय भावना की विजय को दर्शाता है, उससे मैं गौरवांवित और प्रेरित हूं, मैं यहां के बहादुर पूर्वजों विशेष रूपसे गिरमिटिया अप्रवासियों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों के बावजूद परिश्रम, बलिदान और धैर्य से इस देश का निर्माण किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूपमें 56 वर्ष की अवधि में मॉरीशस अग्रणी लोकतंत्रों में से एक बहुलवाद का प्रतीक, समृद्ध देश, प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्र और संपन्न पर्यटन स्थल के रूपमें उभरकर आया है, प्रमुखत: यह दुनिया के सबसे सुरक्षित और शांतिपूर्ण देशों में से एक है। उन्होंने दूरदर्शी मॉरीशस के राष्ट्र निर्माताओं की सराहना की, जिन्होंने अर्थव्यवस्था को मॉरीशेन मिरेकल बना दिया, जो न केवल अफ्रीका, बल्कि विश्वभर को प्रेरित करता है। राष्ट्रपति ने कहाकि हर भारतीयों को मॉरीशस में अपने भाइयों और बहनों की सफलता पर गर्व है। उन्होंने कहाकि इन वर्षों में हमारे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगतिशीलता इसलिए संभव हो पाई है, क्योंकि हमारी दोनों सरकारें एक-दूसरे को प्राथमिकता देती हैं और इस रिश्ते में निवेश करती हैं। द्रौपदी मुर्मु ने मॉरीशस केलिए एक नए विशेष प्रावधान कीभी घोषणा की, जिसके अंतर्गत भारतीय मूल की 7वीं पीढ़ी के मॉरीशसवासी अब भारत की विदेशी नागरिकता केलिए पात्र होंगे, जिससे कई युवा मॉरीशसवासी अपने पूर्वजों की भूमि केसाथ फिरसे जुड़ने में सक्षम होंगे।
द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि जैसे-जैसे भारत एक विकसित देश बनने की दिशा में अग्रसर होगा, हम मॉरीशस जैसे नजदीकी साझेदारों केसाथ जुड़ते रहेंगे। उन्होंने कहाकि भारत वसुधैव कुटुंबकम और सर्वजन सुखिना भवंतु के अपने मूल मूल्यों का पालन करते हुए वैश्विक शांति और समृद्धि का स्रोत बना रहेगा। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत मॉरीशस राष्ट्र निर्माण की अपनी यात्रा में एकसाथ चले हैं, हमारी नियति एकदूसरे केसाथ तब जुड़ी, जब तीन शताब्दियों से भी पहले भारतीयों ने यहां कदम रखा। उसके बाद हमारे दोनों देशों के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान हमने एकजुट होकर आज़ादी केलिए एक-दूसरे को प्रेरित किया, इस तरह हमारा खून का रिश्ता, दिल का रिश्ता बन गया, इसलिए इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं हैकि स्वतंत्र मॉरीशस के संस्थापकों ने राष्ट्र के सबसे महत्वपूर्ण दिन स्वतंत्रता दिवस केलिए हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि के रूपमें 12 मार्च को चुना। उन्होंने कहाकि 12 मार्च की ऐतिहासिक तारीख पर शा दे मार्स में मॉरीशस का झंडा फहराया गया और उसके साथ भारतीय तिरंगा भी लहराया, मैं प्रार्थना करूंगीकि हमारे ये विशेष संबंध ऐसे ही फलते-फूलते रहें।