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Wednesday 12 June 2024 01:16:25 PM
नई दिल्ली। मोटर वाहन अधिनियम-1988 की धारा 146 के अनुसार भारतीय सड़कों पर चलने वाले मोटर वाहनों केपास थर्ड पार्टी जोखिमों को कवर करने वाली बीमा पॉलिसी होना अनिवार्य है, अन्यथा जो लोग वैध मोटर थर्ड पार्टी बीमा के बिना बीमा रहित वाहन चलाते हैं या चलाने देते हैं, उन्हें मोटर वाहन अधिनियम-1988 की धारा 196 के अंतर्गत कानून के उल्लंघन केलिए कारावास सहित दंडित किया जा सकता है। कानूनी रूपसे आवश्यक होने के अलावा मोटर थर्ड पार्टी बीमा कवर होना एक जिम्मेदार सड़क उपयोगकर्ता होने का यह एक महत्वपूर्ण पक्ष है, क्योंकि यह दुर्घटनाओं या क्षति के मामले में पीड़ितों को सहायता प्रदान करता है।
मोटर वाहन अधिनियम-1988 की धारा 146 के अनुसार पहला अपराध तीन महीने तक कारावास या 2000 रुपये का जुर्माना या दोनों, इसके बाद का अपराध तीन महीने तक कारावास या 4000 रुपये का जुर्माना या दोनों। वाहन मालिकों को अपने-अपने मोटर वाहनों के मोटर थर्ड पार्टी बीमा की स्थिति की जांच करनी चाहिए और यदि उन्होंने पहले से ऐसा नहीं किया है तो जल्द से जल्द अपना बीमा प्राप्त करना या नवीनीकृत कराना चाहिए। प्रवर्तन अधिकारी उपर्युक्त दंड प्रावधान उन वाहनों पर लगाएंगे जो वैध मोटर थर्ड पार्टी बीमा कवर के बिना चलते पाए जाते हैं।
गौरतलब है कि देश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है और आधुनिकता, रफ्तार और ड्राइविंग नियमों के उल्लंघन के कारण राजमार्गों पर दुर्घटनाओं में परिवार के परिवार खत्म होते जा रहे हैं। ज्यादातर देखा जा रहा है कि बीमा और ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं होने की खुल्लम-खुल्ला अनदेखी की जा रही है। यह भी देखा जा रहा हैकि अपवाद को छोड़कर प्रवर्तन एजेंसियां मोटर कानून को पालन कराने में या तो उदासीन हैं या फिर घूस लेकर दोषियों को जाने दिया जा रहा है। यह गहरी चिंता का विषय हैकि सड़क पर चलने वालों में वाहन चालन में ट्रैफिक जागरुकता और ट्रैफिक नियमों केप्रति कोई अनुशासन नहीं है, जिससे सड़क दुर्घटनाएं नहीं रुक पा रही हैं।