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Wednesday 28 August 2024 04:19:27 PM
नई दिल्ली। भारतभर में जल्द ही औद्योगिक स्मार्ट शहरों की एक भव्य श्रृंखला स्थापित की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज एक ऐतिहासिक निर्णय में राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम केतहत 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश केसाथ 12 नए परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। यह कदम देश के औद्योगिक परिदृश्य को बदलने केलिए तैयार है, जिससे औद्योगिक नोड्स और शहरों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार होगा, जो आर्थिक विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा। दस राज्यों में फैले और रणनीतिक रूपसे नियोजित 6 प्रमुख गलियारों केसाथ ये परियोजनाएं भारत की विनिर्माण क्षमताओं और आर्थिक विकास को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण छलांग लगाएंगी।
ये औद्योगिक क्षेत्र उत्तराखंड में खुरपिया, पंजाब में राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र में दिघी, केरल में पलक्कड़, उत्तर प्रदेश में आगरा और प्रयागराज, बिहार में गया, तेलंगाना में जहीराबाद, आंध्र प्रदेश में ओरवाकल एवं कोप्पर्थी और राजस्थान में जोधपुर पाली में हैं। नए परियोजना प्रस्तावों की मुख्य विशेषताओं के अंतर्गत एनआईसीडीपी को बड़े एंकर उद्योगों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों दोनों से निवेश की सुविधा प्रदान करके एक जीवंत औद्योगिक इकोसिस्टम को बढ़ावा देने केलिए तैयार किया गया है। ये औद्योगिक नोड 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर निर्यात प्राप्त करने केलिए उत्प्रेरक के रूपमें कार्य करेंगे, जो सरकार के आत्मनिर्भर और वैश्विक रूपसे प्रतिस्पर्धी भारत के विजन को दर्शाता है। नए औद्योगिक शहरों को वैश्विक मानकों के ग्रीनफील्ड स्मार्ट शहरों के रूपमें विकसित किया जाएगा, जिन्हें 'प्लग-एन-प्ले' और 'वॉक-टू-वर्क' अवधारणाओं पर मांग से पहले बनाया जाएगा। यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता हैकि शहर उन्नत बुनियादी ढांचे से लैस हों, जो टिकाऊ और कुशल औद्योगिक कार्यों का समर्थन करते हैं।
पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप इन परियोजनाओं में मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी बुनियादी ढांचा होगा, जो लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करेगा। औद्योगिक शहरों को पूरे क्षेत्रके परिवर्तन केलिए विकास केंद्र बनाने की परिकल्पना की गई है। इन परियोजनाओं की मंजूरी 'विकसित भारत' विजन को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत को एक मजबूत प्रतिस्पर्धी के रूपमें स्थापित करके, एनआईसीडीपी आवंटन केलिए तत्काल उपलब्ध उन्नत विकसित भूमि प्रदान करेगा, जिससे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों केलिए भारत में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करना आसान हो जाएगा। यह एक 'आत्मनिर्भर भारत' या स्वालंबी भारत बनाने के व्यापक उद्देश्य के अनुरूप है, जो बढ़े हुए औद्योगिक उत्पादन और रोज़गार के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है। एनआईसीडीपी से महत्वपूर्ण रोज़गार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है, जिसमें अनुमानित 1 मिलियन प्रत्यक्ष नौकरियां और नियोजित औद्योगीकरण के माध्यम से 3 मिलियन तक अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी। इससे न केवल आजीविका के अवसर उपलब्ध होंगे, बल्कि उन क्षेत्रों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान में भी योगदान मिलेगा, जहां ये परियोजनाएं क्रियांवित की जा रही हैं।
एनआईसीडीपी केतहत परियोजनाओं को स्थायित्व पर ध्यान केंद्रित करते हुए तैयार किया गया है, जिसमें पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने केलिए आईसीटी-सक्षम उपयोगिताओं और हरित प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है। गुणवत्तापूर्ण, विश्वसनीय और टिकाऊ बुनियादी ढांचा प्रदान करके, सरकार का लक्ष्य ऐसे औद्योगिक शहर बनाना है, जो न केवल आर्थिक गतिविधि के केंद्र हों, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के मॉडल भी हों। एनआईसीडीपी केतहत 12 नए औद्योगिक नोड्स की स्वीकृति भारत की वैश्विक विनिर्माण शक्ति बनने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। एकीकृत विकास, टिकाऊ बुनियादी ढांचे और निर्बाध कनेक्टिविटी पर रणनीतिक ध्यान देने केसाथ ये परियोजनाएं भारत के औद्योगिक परिदृश्य को फिरसे परिभाषित करने और आनेवाले वर्षों में देश की आर्थिक वृद्धि को गति देने केलिए तैयार हैं। एनआईसीडीपी ने पहलेही चार परियोजनाओं को पूरा होते देखा है और चार अन्य वर्तमान में कार्यांवयन के अधीन हैं। यह प्रगति भारत के औद्योगिक क्षेत्र समृद्धि और एक जीवंत, टिकाऊ और समावेशी आर्थिक वातावरण को बढ़ावा देने केलिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।