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नए आपराधिक कानून पीड़ित केंद्रित-गृह सचिव

नए आपराधिक कानून-नागरिक केंद्रित सुधार विषय पर व्याख्यान

पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो का 54वां स्थापना दिवस

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 29 August 2024 01:40:17 PM

lecture on new criminal law-citizen centric reforms

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो ने नई दिल्ली मुख्यालय में अपना 54वां स्थापना दिवस मनाया। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। उन्होंने ‘नए आपराधिक कानून-नागरिक केंद्रित सुधार’ विषय पर डॉ आनंदस्वरूप गुप्ता स्मृति व्याख्यान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'पंच प्रण' को ध्यान में रखते हुए उपनिवेशवाद की बेड़ियों को तोड़ने और अपराध की विकसित प्रकृति से निपटने केलिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों केलिए समकालीन और प्रासंगिक न्यायप्रणाली की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा हैकि नए आपराधिक कानून पीड़ित केंद्रित हैं और इन कानूनों का उद्देश्य सजा नहीं, बल्कि न्याय देना है। गृह सचिव ने नए आपराधिक कानूनों की प्रमुख विशेषताओं और विभिन्न नए प्रावधानों विशेष रूपसे नागरिक अनुकूल प्रावधानों, जैसेकि जीरो एफआईआर और ई-एफआईआर पर प्रकाश डाला। उन्होंने सजा के रूपमें सामुदायिक सेवा की शुरूआत और पहलीबार अपराध करने वालों केप्रति उदार व्यवहार जैसे प्रावधानों पर भी ध्यानाकर्षण किया।
केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने कहाकि नए कानूनों में संगठित अपराध और आतंकवाद को परिभाषित करने की शुरूआत हुई है, नए दंडों को परिभाषित किया गया है, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से निपटने पर जोर दिया गया है और साक्ष्य संग्रह तथा उनकी जांच केप्रति अधिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण जैसे कई नए प्रावधान भी पेश किए गए हैं। गोविंद मोहन ने कहाकि इन कानूनों से फोरेंसिक का अधिक उपयोग, जांच प्रक्रिया डिजिटलीकरण, न्यायिक प्रक्रिया की समयसीमा निर्धारित करने के साथही पारदर्शिता, जवाबदेही और समय पर निवारण केलिए विभिन्न प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के प्रावधान भी शामिल किए गए हैं। गोविंद मोहन ने कहाकि भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने केलिए प्रभावी पुलिसिंग, प्रभावी कानून एवं व्यवस्था तथा अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई आवश्यक है। उन्होंने कहाकि पुलिस आधुनिकीकरण एवं उन्नयन में पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, यह एकमात्र केंद्रीय पुलिस संगठन है, जो अनुसंधान, आधुनिकीकरण, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के जरिए पुलिसिंग में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने केलिए भारतीय पुलिस के थिंकटैंक के रूपमें अपनी भूमिका निभाते हुए अन्य सभी पुलिस संगठनों एवं राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस बलों को जोड़ता है।
गृह सचिव गोविंद मोहन ने नए आपराधिक कानूनों के कार्यांवयन केलिए प्रशिक्षण और प्रचार के प्रयासों की सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप आपराधिक न्याय प्रणाली में 9 लाख से अधिक हितधारकों को प्रशिक्षण मिला है। गृह सचिव ने नए आपराधिक कानूनों पर पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के प्रमुख प्रकाशन इंडियन पुलिस जर्नल के विशेष संस्करण का विमोचन किया। उन्होंने नए आपराधिक कानूनों पर दूरदर्शन की एक डॉक्यूमेंट्री भी जारी की। गृह सचिव ने वर्ष 2023-24 केलिए विशिष्ट सेवा केलिए राष्ट्रपति पदक और सराहनीय सेवा केलिए राष्ट्रपति पदक प्राप्त करने वाले अधिकारियों एवं कर्मियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा ने संगठन के निरंतर सहयोग और मार्गदर्शन केलिए गृहमंत्री अमित शाह केप्रति धन्यवाद व्यक्त किया। कार्यक्रम में आसूचना ब्यूरो के निदेशक तपन कुमार डेका, राष्ट्रीय सुरक्षा उप सलाहकार पंकज कुमार सिंह, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, आरपीएफ, एनएचआरसी, एनटीआरओ के महानिदेशक, एनआईए के निदेशक, एनसीआरबी के निदेशक, दिल्ली पुलिस के आयुक्त, गृह मंत्रालय के महानिदेशक (पुरस्कार), पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के पूर्व महानिदेशक भी उपस्थित थे।

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