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Tuesday 10 September 2024 01:20:11 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और संयुक्त अरब अमीरात केबीच ऐतिहासिक व घनिष्ठ मित्रता को बढ़ावा देने के अनुकरणीय प्रयासों केलिए अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के जुनून की सराहना की है। अबू धाबी के क्राउन प्रिंस के तौरपर पहली आधिकारिक भारत यात्रा आए शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान का नई दिल्ली पहुंचने पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उनकी आगवानी की और भारतीय सेना द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर से उनका जोरदार स्वागत किया गया। क्राउन प्रिंस केसाथ उनकी सरकार के मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और एक बड़ा व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी है। हैदराबाद हाउस नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की गर्मजोशीभरी मुलाकात हुई। दोनों राजनेताओं ने द्विपक्षीय वार्ता करते हुए बीते कुछवर्ष में भारत और यूएई केबीच समग्र रणनीतिक साझेदारी में हुई पर्याप्त प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और सभी क्षेत्रोंमें द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा करने के अवसरों पर भी चर्चा की। दोनों राजनेताओं ने मानाकि समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते की सफलता और हालही में लागू हुई द्विपक्षीय निवेश संधि से दोनों देशों केबीच आर्थिक एवं वाणिज्यिक साझेदारी को और मज़बूती मिलेगी। उन्होंने परमाणु ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिजों, हरित हाइड्रोजन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, अत्याधुनिक तकनीक जैसे अन्य क्षेत्रोंमें भी अप्रयुक्त क्षमताओं पर काम करने पर ज़ोर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और क्राउन प्रिंस केबीच द्विपक्षीय बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जिनसे दोनों देशों में मध्य पारंपरिक एवं आपसी सहयोग के नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ने की उम्मीद है। इनमें न्यूक्लियर पावर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और एमिरेट्स न्यूक्लियर एनर्जी कार्पोरेशन केबीच परमाणु सहयोग पर समझौता, दार्घावधि एलएनजी आपूर्ति को लेकर अबू धाबी आयल कंपनी और इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड केबीच समझौता, एडीएनओसी और भारतीय सामरिक पेट्रोलियम रिज़र्व लिमिटेड केबीच समझौता तथा अबू धाबी ऑनशोर ब्लॉक 1 केलिए ऊर्जा भारत और एडीएनओसी केबीच उत्पादन रियायत समझौता, भारत में फूड पार्क के विकास केलिए गुजरात सरकार और अबू धाबी डेवलपमेंटल होल्डिंग कंपनी पीजेएससी केबीच समझौता प्रमुख हैं। परमाणु ऊर्जा समझौता से परमाणु ऊर्जा प्लांट के ऑपरेशन और रखरखाव, परमाणु ऊर्जा से जुड़े सामान और सेवाओं को भारत से मंगाने, आपसी निवेश के अवसरों को खोजने और कौशल विकास क्षेत्रमें सहयोग में बढ़ोत्तरी होगी। दीर्घावधि एलएनजी आपूर्ति समझौता प्रतिवर्ष 1 मिलियन मीट्रिक टन केलिए है और एकवर्ष की अवधि में तीसरा ऐसा समझौता किया गया है। आईओसीएल और जीएआईएल ने इससे पहले एडीएनओसी केसाथ क्रमश: 1.2 एमएमटीपीए और 0.5 एमएमटीपीए के दीर्घावधि समझौते किए हैं। इन समझौतों से एलएनजी स्रोतों में विविधता के ज़रिए भारत में ऊर्जा सुरक्षा को और मज़बूती मिली है।
एडीएनओसी और आईएसपीआरएल केबीच समझौते से एडीएनओसी भारत में कच्चे तेल के भंडारण से जुड़े अधिक अवसर प्राप्तकर पाएगी और भंडारण और प्रबंधन समझौतों को परस्पर स्वीकृति के आधार पर नवीनीकृत कर पाएगी। ये समझौता ज्ञापन आईएसपीआरएल की मैंगलोर केवर्न के कच्चे तेल भंडारण में वर्ष 2018 से एडीएनओसी की भागीदारी पर आधारित है। ऊर्जा भारत (आईओसीएल का संयुक्त उपक्रम) और एडीएनओसी केबीच अबू धाबी ऑनशोर ब्लॉक 1 केलिए उत्पादन रियायत समझौता यूएई में भारत की किसीभी कंपनी केलिए पहला अवसर है। इसके तहत आईओसीएल कच्चे तेल को भारत ला सकता है, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा में मज़बूती आएगी। फूड पार्क के विकास समझौते केतहत अहमदाबाद, गुंडनपारा, बावला में महात्वाकांक्षी परियोजनाओं के विकास में एडीक्यू की भूमिका होगी और फूड पार्क परियोजना को 2025 की दूसरी तिमाही तक शुरू करने में मददगार साबित होगी। गुजरात सरकार इन परियोजनाओं केलिए स्थान और ज़रूरी अनुमतियों केलिए एडीक्यू और एडी बंदरगाहों की मदद करेगी। शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भी मुलाकात की। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें राष्ट्रपति भवन में संयुक्त अरब अमीरात के नेतृत्व की तीसरी पीढ़ी का स्वागत करके बहुत खुशी हुई, जो उच्चस्तरीय जुड़ाव की एक लंबी परंपरा को जारी रखती है और यूएई केसाथ भारत की व्यापक रणनीतिक साझेदारी के अनुरूप है।
शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु केबीच बातचीत में दोनों देशों केबीच ऐतिहासिक, समग्र संबंधों और बीते कुछ साल की नई पहलों पर चर्चा हुई। राष्ट्रपति ने 3.5 मिलियन भारतीयों को सम्मान देने केलिए यूएई नेतृत्व केप्रति आभार व्यक्त किया। राष्ट्रपति ने कहाकि दोनों देशों के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण एक दशक में हमारे ऐतिहासिक द्विपक्षीय संबंधों में बदलाव आया है। उन्होंने कहाकि सहयोग के नए क्षेत्रों में कई समझौतों के जरिए इस साझेदारी का और विस्तार किया है। राष्ट्रपति ने कहाकि यूएई में 35 लाख से अधिक भारतीय नागरिक रहते हैं, जिससे लोगों का आपसी संबंध इस रिश्ते का आधार बनता है। उन्होंने उनके कल्याण को सुनिश्चित करने विशेष रूपसे कोविड महामारी के कठिन समय के दौरान कीगई विशेष देखभाल केलिए यूएई नेतृत्व की सराहना की। राष्ट्रपति और शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान का कहना थाकि भारत और संयुक्त अरब अमीरात में एक समन्वित एवं बहुसांस्कृतिक विरासत वाले समाज हैं और महात्मा गांधी एवं शेख जायद के दिखाए गए शांति, सहिष्णुता और सद्भाव का मार्ग हमारे राष्ट्रीय चरित्र में गहराई से समाहित है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने महिलाओं की अमीरात समाज के सभी पहलुओं में उच्च भागीदारी और योगदान पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहाकि हमारे देशों ने प्रदर्शित किया हैकि महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास केलिए अधिक प्रभावी परिणाम दे सकता है। क्राउन प्रिंस राजघाट भी गए और वहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। गौरतलब हैकि वर्ष 1992 में यूएई के भूतपूर्व राष्ट्रपति शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान, वर्ष 2016 में यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के बाद क्राउन प्रिंस यूएई की तीसरी पीढ़ी के नेता हैं, जिन्होंने राजघाट में पौधारोपण किया। दोनों देशों केबीच पीढ़ी दर पीढ़ी मज़बूत होते रिश्तों को दिखाता ये एक दुर्लभ अवसर था एवं ये भी पहली बार है, जब किसी देश के नेतृत्व की तीन पीढ़ियों के नेताओं ने महात्मा गांधी के सम्मान में राजघाट पर पौधारोपण किया है। शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान मुंबई में भारत-यूएई बिज़नेस फोरम में हिस्सा लेंगे। ये फोरम दोनों देशों के बिज़नेस लीडर्स और अधिकारियों को भविष्य में कई क्षेत्रोंमें सहयोग को बढ़ावा देने केलिए विचार विमर्श करने का मंच प्रदान करता है। इस मौके पर भारत-यूएई वर्चुअल ड्रेड कॉरिडोर और वीटीसी केलिए मैत्री इंटरफेस पर शुरू हुए काम का साफ्ट लॉंच भी किया जाएगा।