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Tuesday 10 September 2024 03:17:01 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने नागरिक उड्डयन-2024 पर दूसरे एशिया प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के संबंध में राजीव गांधी भवन नई दिल्ली में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा हैकि यह सम्मेलन ऐसे महत्वपूर्ण समय पर होने जा रहा है, जब भारत का विमानन उद्योग एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का अनुभव कर रहा है। उन्होंने कहाकि वैश्विक स्तरपर तीसरे सबसे बड़े घरेलू विमानन बाजार के रूपमें भारत खुदको रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल सेवाओं, कार्गो संचालन और समग्र क्षेत्रीय विमानन केलिए एक प्रमुख केंद्र बनने केलिए तैयारी कर रहा है। उन्होंने नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के विकास और क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी को प्रोत्साहित करनेवाली उड़ान जैसी प्रगतिशील नीतियों पर भी प्रकाश डाला, जो भारत को निरंतर विकास के पथपर स्थापित कर रही हैं। नागरिक उड्डयन पर दूसरा एशिया प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 11 से 12 सितंबर 2024 तक भारत मंडपम नई दिल्ली में आयोजित होने वाला है। इसकी सह मेजबानी अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार कर रही है।
एशिया प्रशांत क्षेत्र का पहला मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 2018 में बीजिंग चीन में आयोजित किया गया था। इस दौरान भारत ने 2020 में दूसरे सम्मेलन की मेजबानी केलिए स्वेच्छा से काम किया था, हालांकि कोविड-19 महामारी के कारण सम्मेलन स्थगित कर दिया गया था। नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहाकि हमें उन पहलों में सबसे आगे होने पर गर्व है, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हवाई यात्रा को समृद्ध करने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि हमारा दृष्टिकोण न केवल भारतीय नागरिक उड्डयन के विकास को बढ़ावा देना है, बल्कि क्षेत्र के विमानन पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना भी है। उड्डयन मंत्री ने कहाकि यह मंत्रिस्तरीय सम्मेलन एशिया-प्रशांत क्षेत्र में विमानन उद्योग केलिए तत्काल चुनौतियों और दीर्घकालिक विकास संभावनाओं को संबोधित करेगा, जो दुनिया में सबसे तेजीसे बढ़ते विमानन बाजारों में से कुछ का घर है। उन्होंने बतायाकि 2035 तक इस क्षेत्रमें वैश्विक हवाई यातायात का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा होने की उम्मीद है, जिसमें लगभग 3.5 बिलियन यात्री सालाना यात्रा करेंगे।
नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहाकि यह सम्मेलन क्षमता को उजागर करने, मजबूत साझेदारी बनाने और बुनियादी ढांचे के विकास, बाजार अंतराल, स्थिरता और कार्यबल की कमी जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। सम्मेलन में एयरस्पेस ऑप्टिमाइज़ेशन, साइबर सुरक्षा, नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन जैसे महत्वपूर्ण विषयों की विस्तृत श्रृंखला पर संगोष्ठियों और सेमिनारों केसाथ भारत की नवाचार शक्ति और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रदर्शित करने केलिए ड्रोन शो भी होंगे और साथही वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना केसाथ भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी प्रदर्शित किया जाएगा। आईसीएओ और शिकागो कन्वेंशन की 80वीं वर्षगांठ को याद करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहाकि यह देश केलिए एक सम्मान है, जिसे इस सम्मेलन के हिस्से के रूपमें भारत में मनाया जाएगा, जो वैश्विक विमानन मानचित्र पर भारत की स्थिति को दर्शाता है। उन्होंने कहाकि सम्मेलन पूरे एशिया-प्रशांत में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों, एयरलाइंस, नियामक निकायों और उद्योग विशेषज्ञों केबीच सहयोग को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहाकि एकसाथ काम करके, साझा चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है और क्षेत्र के विमानन क्षेत्र की पूरी क्षमता को अनलॉक किया जा सकता है।
भूटान, कंबोडिया, चीन, कोरिया लोकतांत्रिक गणराज्य, फिजी, भारत, जापान, लाओ पीडीआर, मालदीव, नेपाल, पलाऊ, फिलीपींस, कोरिया गणराज्य, समोआ, सिंगापुर, सोलोमन द्वीप, टोंगा और वियतनाम, आईसीएओ के अध्यक्ष के साथ-साथ संगठन एसोसिएशन ऑफ एशिया पैसिफिक एयरलाइंस, सिविल एयर नेविगेशन सर्विसेज ऑर्गनाइजेशन, एयरपोर्ट्स काउंसिल इंटरनेशनल, इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, यूरोपीय नागरिक उड्डयन सम्मेलन के प्रमुख, यूरोपीय संघ विमानन सुरक्षा एजेंसी, परिवहन सुरक्षा प्रशासन, संघीय विमानन प्रशासन, अफ्रीकी नागरिक उड्डयन आयोग और आईसीएओ परिषद के प्रतिनिधि-ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, चीन, कोरिया गणराज्य, सिंगापुर, नाइजीरिया जैसे देशों के प्रतिनिधि सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के महानिदेशक और समकक्ष-कंबोडिया, चीन (हांगकांग), चीन (मकाओ), फिजी, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, मालदीव, नेपाल, पापुआ न्यू गिनी, फिलीपींस, समोआ, सिंगापुर, सोलोमन द्वीप, श्रीलंका, थाईलैंड, टोंगा के महानिदेशक एवं उप महानिदेशक भी एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन केलिए आ रहे हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्री के अनुसार यह सम्मेलन मूल्यवान विचारों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा और नई साझेदारियों को बढ़ावा देगा, जो न केवल संबंधित देशों के भीतर, बल्कि पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में नागरिक उड्डयन को बढ़ावा देने केलिए हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा। उन्होंने आशा व्यक्त कीकि हमारी साझा आकांक्षाएं और प्राथमिकताएं 'दिल्ली घोषणा' को अपनाने में मदद करेंगी, यह नागरिक उड्डयन क्षेत्र में हवाई सुरक्षा, हवाई नेविगेशन, सुरक्षा और स्थिरता केप्रति प्रतिबद्धताओं को संबोधित करेगा और विमानन को ऊपर उठाने केलिए एक रोडमैप के रूपमें काम करेगा और इस क्षेत्रको नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। ब्रीफिंग केलिए नागरिक उड्डयन सचिव, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष वुमलुनमंग वुअलनाम और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।