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यूएन में वैश्विक नेताओं की 'समिट ऑफ द फ्यूचर'

'वैश्विक शांति व विकास केलिए ग्लोबल संस्थाओं में सुधार आवश्यक'

प्रधानमंत्री का 'बेहतर कल के लिए बहुपक्षीय समाधान' पर संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 24 September 2024 12:11:57 PM

prime minister's address on 'multilateral solutions for a better tomorrow'

न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्तराष्ट्र में ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ शिखर सम्मलेन को संबोधित करते हुए भावी पीढ़ियों केलिए एक चिरस्थायी दुनिया को आकार देनेके भारतके दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की ओरसे विश्व के नेताओं को नमस्कार किया और कहाकि जून में मानव इतिहास के सबसे बड़े चुनावों में भारत के लोगों ने उन्हें लगातार तीसरीबार सेवा का अवसर दिया है और वह इस शिखर सम्मेलन में मानव समुदाय के उस छठे हिस्से की ओरसे बोल रहे हैं, जो वैश्विक शांति, विकास और समृद्धि चाहता है। सम्मेलन का विषय ‘बेहतर कल केलिए बहुपक्षीय समाधान’ था। उन्होंने कहाकि मानवता की सफलता हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है, युद्ध के मैदान में नहीं और वैश्विक शांति एवं विकास केलिए ग्लोबल संस्थाओं में सुधार आवश्यक हैं, सुधार प्रासंगिकता की कुंजी है और अफ्रीकी संघ को नई दिल्ली समिट में जी20 की स्थाई सदस्यता इसी दिशामें एक महत्वपूर्ण कदम था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि वैश्विक शांति और सुरक्षा केलिए एक तरफ आतंकवाद जैसा बड़ा खतरा है तो दूसरी तरफ साइबर, मैरीटाइम, स्पेस जैसे अनेक संघर्ष के नए-नए मैदान भी बन रहे हैं, इन सभी विषयों पर मैं जोर देकर कहूंगाकि वैश्विक कार्रवाई वैश्विक महत्वाकांक्षा से मेल खानी चाहिए। उन्होंने कहाकि टेक्नोलॉजी के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग केलिए संतुलित विनियमन की आवश्यकता है, हमें ऐसी ग्लोबल डिजिटल गवर्नेंस चाहिए, जिससे राष्ट्रीय संप्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रहे। उन्होंने कहाकि डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना एक सहज प्रक्रिया होनी चाहिए, बाधा नहीं। प्रधानमंत्री ने कहाकि वैश्विक भलाई केलिए भारत अपना डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर पूरे विश्व से साझा करने केलिए तैयार है। उन्होंने कहाकि भारत केलिए एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य एक कमिटमेंट है, यही कमिटमेंट हमारे एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य, और एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड जैसी पहल में भी दिखाई देता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उज्ज्वल वैश्विक भविष्य की सामूहिक खोज में मानवकेंद्रित दृष्टिकोण की प्रधानता का आह्वान करते हुए सतत विकास की पहलों को आगे बढ़ाने में भारत की सफलता पर प्रकाश डाला और कहाकि भारत ने बीते दशक में 250 मिलियन लोगों को ग़रीबी से बाहर निकाला है। ग्लोबल साउथ के देशों केसाथ एकजुटता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहाकि भारत को उनके साथ अपने विकास के अनुभवों को साझा करने का सौभाग्य मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रौद्योगिकी के सुरक्षित एवं जिम्मेदार उपयोग को बढ़ावा देने हेतु संतुलित नियमों का आह्वान किया और कहाकि भारत व्यापक लोककल्याण केलिए अपने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को साझा करने केलिए तैयार है। यह शिखर सम्मेलन ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट और भावी पीढ़ियों से संबंधित एक घोषणा से जुड़े दो अनुबंधों केसाथ एक परिणाम दस्तावेज भविष्य केलिए एक समझौते को स्वीकार करने केसाथ संपन्न हुआ।

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